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'ED के पीछे छुपकर चुनाव लड़ना चाहती है BJP', DJB मामले में केजरीवाल को समन भेजे जाने पर AAP का हमला

मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल एक बार फिर ईडी के सामने पेश नहीं होंगे। जल बोर्ड से जुड़े मनी लान्ड्रिंग के मामले में केजरीवाल को पहली बार समन भेज कर तलब किया गया था। वहीं आबकारी घोटाले से जुड़े मामले में उन्हें 21 मार्च को तलब किया गया है। पार्टी सूत्रों का कहना है कि केजरीवाल 21 को भी ईडी के सामने पेश नहीं होंगे।

By Sonu Suman Edited By: Sonu Suman Published: Mon, 18 Mar 2024 10:40 AM (IST)Updated: Mon, 18 Mar 2024 10:40 AM (IST)
DJB मामले में केजरीवाल को समन भेजे जाने पर AAP का हमला।

राज्य ब्यूरो, नई दिल्ली। जल बोर्ड से जुड़े मनी लान्ड्रिंग के मामले में ईडी के सामने मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल आज पेश नहीं होंगे। केजरीवाल ने समन को गैर कानूनी बताया है। ईडी ने इस मामले में रविवार को पहला समन भेजा था। ईडी अब तक नई आबकारी नीति घोटाला से जुड़े मनी लान्ड्रिंग मामले में भी केजरीवाल को नौ समन भेज चुकी है।

आप ने कहा है कि केजरीवाल कोर्ट से जमानत पर हैं तो बार बार ईडी समन क्यों भेज रही है? पार्टी ने कहा कि भाजपा ईडी के पीछे छुपकर चुनाव लड़ना चाहती है। वह चुनाव से पहले सीएम को गिरफ्तार करना चाहते हैं।

जल बोर्ड मामले में पहली बार समन

मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल पर ईडी का भले ही शिकंजा कसता जा रहा है। मगर केजरीवाल ईडी के सामने पेश नहीं होंगे। जल बोर्ड से जुड़े मनी लान्ड्रिंग के मामले में केजरीवाल को पहली बार समन भेज कर तलब किया गया था, जिस पर केजरीवाल ईडी के सामने पेश नहीं होंगे। वहीं आबकारी घोटाले से जुड़े मामले में उन्हें 21 मार्च को तलब किया गया है। पार्टी सूत्रों का कहना है कि केजरीवाल 21 को भी ईडी के सामने पेश नहीं होंगे।

केजरीवाल आम आदमी पार्टी (आप) के राष्ट्रीय संयोजक भी हैं, एक ताजा घटनाक्रम में उन्हें दिल्ली जल बोर्ड (डीजेबी) से जुड़े धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) के तहत अपना बयान देने के लिए एपीजे अब्दुल कलाम रोड स्थित कार्यालय में बुलाया था।

फरवरी में हुई थी मामले में छापेमारी

ईडी ने दावा किया है कि डीजेबी  द्वारा अनुबंध में भ्रष्टाचार के माध्यम से प्राप्त धन को कथित तौर पर दिल्ली में सत्तारूढ़ पार्टी आप को चुनावी फंड के रूप में भेजा गया था। फरवरी में ईडी ने इस जांच के तहत केजरीवाल के निजी सहायक, आप के एक राज्यसभा सदस्य, एक पूर्व डीजेबी सदस्य, एक चार्टर्ड अकाउंटेंट और अन्य के आवासों पर छापेमारी की थी।

डीजेबी अनुबंध में अनियमितताओं का आरोप

जानकारों का कहना है कि ईडी का मामला सीबीआई की एफआईआर पर आधारित है, जिसमें डीजेबी अनुबंध में अनियमितताओं का आरोप लगाते हुए एनकेजी इंफ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड कंपनी से 38 करोड़ रुपये की राशि के लिए लिए जाने की बात कही गई है। आरोप है कि कंपनी तकनीकी पात्रता मानदंडों को पूरा नहीं करती है फिर भी इसे अनियमितता कर काम दिया गया। 

अनुबंध से जुड़े व्यक्तियों को किया गिरफ्तार

सूत्रों का दावा है कि प्रवर्तन निदेशालय ने अनुबंध से जुड़े व्यक्तियों को गिरफ्तार किया है। उनका आरोप है कि अनुबंध देने में रिश्वत शामिल थी और बाद में इन फंडों का इस्तेमाल अवैध उद्देश्यों के लिए किया गया था, जिसमें आप के लिए चुनाव फंड भी शामिल था। इस मामले में 31 जनवरी को गिरफ्तार किए गए लोगों में डीजेबी के पूर्व मुख्य अभियंता जगदीश कुमार अरोड़ा और ठेकेदार अनिल कुमार अग्रवाल शामिल थे।

जाली दस्तावेज जमा करके बोली हासिल की

ईडी ने दावा किया कि एनकेजी इंफ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड ने जाली दस्तावेज जमा करके बोली हासिल की और अरोड़ा को इस तथ्य की जानकारी थी कि कंपनी तकनीकी पात्रता पूरी नहीं करती है। ईडी ने आरोप लगाया कि डीजेबी ने अनुबंध से संबंधित रिश्वत लेने के लिए ठेकेदारों से मिलने वाली राशि को बढ़ा-चढ़ाकर पेश किया था,  अनुबंध मूल्य का एक महत्वपूर्ण हिस्सा अवैध गतिविधियों के लिए फर्जी खर्चों के माध्यम से निकाला गया था।

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