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दिल्ली में आम आदमी पार्टी ने शुरू किया 'भाजपा 181' अभियान

आम आदमी पार्टी ने निगमों में सत्तासीन भारतीय जनता पार्टी पर भ्रष्टाचार का आरोप लगाते हुए एक अभियान की शुरुआत की है। निगमों में भाजपा के कुल 181 पार्षद हैं इसलिए इस अभियान को भाजपा 181 नाम दिया गया

By JP YadavEdited By: Published: Sun, 22 Nov 2020 09:04 AM (IST)Updated: Sun, 22 Nov 2020 11:28 AM (IST)
दिल्ली में आम आदमी पार्टी ने शुरू किया 'भाजपा 181' अभियान
आम आदमी पार्टी के मुख्य प्रवक्ता सौरभ भारद्वाज की फाइल फोटो।

नई दिल्ली, [वीके शुक्ला]। दिल्ली के तीनों नगर निगमों को लेकर चल रही सियासी तकरार के बीच आम आदमी पार्टी (Aam Aadmi Party) ने भारतीय जनता पार्टी भ्रष्टाचार का आरोप लगाते हुए एक अभियान की शुरुआत की है। निगमों में भाजपा के कुल 181 पार्षद हैं, इसलिए इस अभियान को 'भाजपा 181' नाम दिया गया है। प्रेसवार्ता के दौरान आम आदमी पार्टी के मुख्य प्रवक्ता सौरभ भारद्वाज ने आरोप लगाया कि एक तरफ निगम पैसे का रोना रोता है और दूसरी ओर संपत्ति कर जानबूझकर कम वसूला जाता है। उन्होंने बताया कि उत्तरी निगम ने 2015-16 में 3,95,319 व 2016-17 में 4,41,889 लोगों से संपत्ति कर वसूला, लेकिन 2017-18 में घटकर 4,05,774 ही रह गई। इसी तरह कर वसूली 2015-16 में 366 करोड़, 2016-17 में 614 करोड़ हुई, लेकिन 2017-18 में यह घटकर 553 करोड़ पर आ गई। उन्होंने भाजपा प्रदेश अध्यक्ष आदेश गुप्ता से सवाल पूछा कि वह बताएं कि दिल्लीवालों का पैसा कहां जा रहा है?

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सौरभ भारद्वाज ने आरोप लगाया कि भाजपा के जो निगम पार्षद जीतकर सत्ता में आए हैं उन्होंने पिछले वालों के भ्रष्टाचार का रिकॉर्ड भी तोड़ दिया। उन्होंने कहा कि वह सिलसिलेवार तरीके से भाजपा पार्षदों को ध्यान में रखते हुए एक श्रृंखला प्रतिदिन प्रेसवार्ता कर जनता के सामने रखेंगे। उत्तरी नगर निगम की 2017-18 की ऑडिट रिपोर्ट को आधार बनाकर सौरभ भारद्वाज ने बताया कि 2014 में उत्तरी निगम ने प्रत्येक संपत्ति का एक यूनिक आइडी ( यूपीआइसी) बना कर देने के लिए एक कंपनी को 13 करोड़ 77 लाख रुपये का भुगतान किया। मगर 2014 से लेकर अब कंपनी ने कोई कार्य नहीं किया।

एक अन्य मामले में सौरभ भारद्वाज ने कहा कि उत्तरी निगम के सिविल लाइन इलाके में एक प्लॉट 2015-16 तक खाली था। इस पर 65 लाख 43 हजार के लगभग इसका टैक्स जाता था। बाद में इस प्लॉट के अंदर लगभग 10-10 करोड़ की लागत से 23 टावर का निर्माण किया गया। इसके बाद नगर निगम ने वहां निरीक्षण किया और मालिक को 7 करोड़ 72 लाख रुपये के टैक्स का नोटिस दिया, लेकिन उनसे टैक्स नहीं वसूला गया। इस मामले में भ्रष्टाचार किया गया। भारद्वाज ने कहा कि यदि मैं गलत हूं तो भाजपा के लोग मुझ पर मुकदमा दायर करें, मैं कोर्ट के समक्ष भी अपनी बात को साबित कर दूंगा।

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