फिर विवादों में JNU, जेएनयू में वामपंथी गुट ने लगाया एबीवीपी पर छात्र की पिटाई का आरोप, मुकदमा दर्ज
लेफ्ट ग्रुप की मानें तो विवेक नाम के छात्र को एबीवीबी संगठन से जुड़े लोगों ने उसके रूम में लोहे के रॉड से पीटा है।
नई दिल्ली [संजीव कुमार मिश्र]। देश के नामी संस्थानों में शुमार जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय एक बार फिर चर्चा में है। जेएनयू के छात्रावास में बुधवार रात हुए विवाद में वामपंथी गुट ने दक्षिणपंथी गुट के छात्रों पर कमरे में घुसकर एक छात्र को पीटने का आरोप लगाया है। पीड़ित विवेक पांडे्य के चेहरे, हाथ और कमर में चोटें आई हैं। वसंत कुंज नॉर्थ थाना पुलिस मारपीट की धाराओं में मामला दर्ज कर जांच कर रही है। विवेक पांडेय ने पुलिस को दी अपनी शिकायत में कहा है कि बुधवार रात करीब 12:40 बजे वह माही मांडवी हॉस्टल के अपने कमरे में थे। तभी दक्षिणपंथी छात्र समूह के 10 से अधिक लड़के उनके कमरे के बाहर पहुंचे और उन्हें बुलाया। वह बाहर आए तो उन लोगों ने झगड़ा शुरू कर दिया।
विवेक पांडेय ने बताया कि विवाद बढ़ने पर आरोपितों ने अपने हाथ में पहने कड़े से उन पर कई वार किए। इससे उनके चेहरे पर गंभीर चोटें आई हैं। हमलावरों में से नर्मदा हॉस्टल के कार्तिक आर्यन, विवेक कुमार, शुभम सिंह और माही मांडवी में ही रहने वाले पुष्प राज को वह पहचानते हैं। अन्य आरोपितों को वह चेहरे से पहचानते हैं। उन्होंने आरोप लगाया है कि हमलावर पूरी तरह से नशे में धुत थे। विवेक ने बताया कि ये वही लोग हैं जिन्होंने पांच जनवरी को हॉस्टल में घुसकर छात्रों को पीटा था। गौरतलब है कि जनवरी को विवि में हुए हंगामे और मारपीट के बाद दोनों समूहों ने एक दूसरे पर पिटाई का आरोप लगाया था। इसको लेकर वामपंथी छात्रों ने संसद भवन तक मार्च निकाले का भी प्रयास किया था।
इससे पहे जेएनयू में तीन व चार और 5 जनवरी को भी हंगामा हुआ था। दिल्ली पुलिस ने जेएनयू प्रशासन की ओर से शिकायत मिलने के बाद दो एफआइआर दर्ज की थी। इन एफआइआर में जेएनयू के आठ छात्र नेताओं का नाम था। मिली जानकारी के मुताबिक, तीन जनवरी को कुछ छात्रों ने सर्वर रूम में ताला जड़ दिया था, जिससे पंजीकरण की प्रक्रिया बाधित हो गई थी। आरोप है कि इसके विरोध में चार को सर्वर रूम में तोड़फोड़ की गई थी। दोनों मामलों में प्रशासन ने अपनी शिकायत में इन छात्र नेताओं का नाम पुलिस को दिया था।
जानकारी मिली थी कि मारपीट में दोनों गुटों के 34 छात्र घायल हुए थे, जिन्हें उपचार के लिए एम्स ट्रामा सेंटर व सफदरजंग अस्पताल में भर्ती कराया गया था। सभी घायलों को छुट्टी दे दी गई थी। वहीं एबीवीपी ने दावा किया था कि उसके 25 छात्र घायल हुए हैं, जबकि वामपंथी छात्र संगठनों का कहना है कि उनके 20 छात्रों को चोटें आईं थी। इसके बाद जेएनयू छात्रों ने संसद भवन तक मार्च का प्रयास किया था।
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