Delhi News: वंदे मातरम को दिया जाए जन गण मन के समान दर्जा, दिल्ली हाई कोर्ट में याचिका दायर
Delhi News अधिवक्ता और भाजपा नेता अश्विनी उपाध्याय की ओर से दिल्ली हाई कोर्ट में एक याचिका दायर की गई है। जिसमें उन्होंने भारतीय राष्ट्रगीत वंदे मातरम को जन-गण-मन के समान दर्जा दिए जाने की मांग की है।
नई दिल्ली, जागरण डिजिटल डेस्क। भारतीय स्वतंत्रता के लिए संघर्ष में एक ऐतिहासिक भूमिका निभाने वाले वंदे मातरम गीत को भी जन-गण-मन के समान सम्मान देने की मांग को लेकर दिल्ली हाई कोर्ट में जनहित याचिका दायर की गई है।
अधिवक्ता व भाजपा नेता अश्विनी उपाध्याय ने याचिका दायर करके कहा कि केंद्र और राज्य सरकारों को यह सुनिश्चित करने के लिए निर्देश देने की मांग की कि प्रत्येक कार्य दिवस पर सभी स्कूलों और शैक्षणिक संस्थानों में जन-गण-मन और वंदे मातरम बजाया और गाया जाए। याचिका पर बुधवार को सुनवाई होगी।
अश्विनी उपाध्याय ने कहा कि भारत राज्यों का एक संघ है और एक ही राष्ट्रीयता है यानी वंदे मातरम का सम्मान करना हर भारतीय का कर्तव्य है। देश को एकजुट रखने के लिए जन गण मन और वंदे मातरम को बढ़ावा देने के लिए एक राष्ट्रीय नीति तैयार करना सरकार का कर्तव्य है।
जन गण मन में व्यक्त भावनाओं को राज्य को ध्यान में रखते हुए व्यक्त किया गया है। हालांकि, वंदे मातरम में व्यक्त भावनाएं राष्ट्र के चरित्र और शैली को दर्शाती हैं और समान सम्मान के पात्र हैं।उन्होंने कहा कि कभी-कभी वंदे मातरम ऐसी परिस्थितियों में गाया जाता है जो अनुमति नहीं है और कभी भी कानून में शामिल नहीं किया जा सकता।
इससे पहले सोमवार को दिल्ली दंगों के आपराधिक साजिश रचने की मामले में आरोपित कपड़ा निर्यातक मोहम्मद सलीम खान की जमानत याचिका पर दिल्ली हाई कोर्ट ने दिल्ली पुलिस से जवाब मांगा था। न्यायमूर्ति मुक्ता गुप्ता व न्यायमूर्ति मिनी पुष्कर्णा की पीठ ने दिल्ली पुलिस को नोटिस जारी करते हुए सुनवाई 20 जुलाई तक के लिए स्थगित कर दी थी। अधिवक्ता मुजीब उर रहमान के माध्यम से याचिका दायर करके सलीम खान ने पीठ को बताया था कि वह पिछले दो साल से जेल में है और उसके खिलाफ एकमात्र सुबूत सीसीटीवी फुटेज है।सलीम ने दलील दी कि इस मामले में कई अन्य आरोपितों को पहले ही जमानत मिल चुकी है।
दिल्ली पुलिस ने खान को 13 मार्च 2020 को गिरफ्तार किया था। खान पर आपराधिक साजिश रचने, गैर इरादतन हत्या और गैरकानूनी गतिविधि रोकथाम अधिनियम (यूएपीए) के तहत मामला दर्ज किया गया था।पुलिस ने खान पर आरोप लगाया कि दंगा मामले में वह मुख्य साजिशकर्ताओं में से एक है और उसने ही भीड़ को उकसाया था और घटनास्थल के सीसीटीवी फुटेज को नष्ट कर दिया था। खान को दो मामले में जमानत मिल चुकी है जबकि आपराधिक साजिश रचने से जुड़ी जमानत याचिका को निचली अदालत ने खारिज कर दिया था।