नई दिल्ली, जागरण संवाददाता। जम्मू कश्मीर प्रभावित राहत ट्रस्ट टेरर फंडिंग से जुड़े मनी लांड्रिंग मामले में पटियाला हाउस कोर्ट की विशेष अदालत ने हिजबुल मुजाहिदीन (एचएम) से जुड़े चार आतंकियों को शुक्रवार को दोषी करार दिया। विशष न्यायाधीश शैलेंद्र मलिक ने मोहम्मद शफी शाह, तालिब लाली, मुजफ्फर अहमद डार और मुश्ताक अहमद लोन को दोषी करार देते हुए कहा कि दोषियों की सजा की अवधि पर 16 फरवरी को जिरह होगी। अदालत ने जेल प्रशासन को सभी दाेषियों को अगली सुनवाई पर पेश करने का निर्देश दिया।
जानें अदालत ने क्या कहा?
अदालत ने कहा कि दोषियों ने मामले में मुकदमे का दावा नहीं किया और प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) द्वारा लगाए गए आरोपों को स्वीकार कर लिया।अदालत ने कहा कि प्रक्रिया समझाने के बाद आरोपितों ने स्वेच्छा से अपना दोष स्वीकार करने पर सहमति व्यक्त की है।सभी आरोपितों के अधिवक्ताओं को भी दोष स्वीकार करने की प्रक्रिया और परिणामों को समझा दिया है।अदालत ने प्रत्येक अभियुक्त के अलग-अलग बयान भी दर्ज किए।
ईडी की तरफ से पेश हुए विशेष लोक अभियोजक नीतेश राणा ने अदालत को बताया था कि आरोपितों ने आतंकवादी कृत्यों व घाटी में अशांति फैलाने के लिए एचएम प्रमुख सैयद सलाहुद्दीन समेत अन्य आतंकवादी संगठनों के साथ मिलकर पाकिस्तान से विभिन्न माध्यमों से धन एकत्रित किया था।
ED ने संपत्ति की कुर्क
आतंकवादी संगठन भारत में आतंकवादी गतिविधियों के लिए लगभग 80 करोड़ रुपये के वित्तपोषण में शामिल था। ईडी ने आरोपितों की कश्मीर में कई संपत्तियों को कुर्क किया था। अदालत ने पहले मनी लांड्रिंग की धाराओं के तहत दर्ज मामले में सलाहुद्दीन और कुछ अन्य को भगोड़ा अपराधी घोषित किया था।