Coronavirus News Update: कोरोना के मरीजों पर दोहरी मार, अध्ययन में आई चौंकाने वाली बात
Coronavirus News Update एम्स के मनोचिकित्सा विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ. आरके चड्ढ़ा ने कहा कि होम आइसोलेशन में रह रहे मरीजों को मानसिक परेशानी होने पर इलाज ज्यादा मुश्किल होता है।
नई दिल्ली [रणविजय सिंह]। Coronavirus News Update: कोरोना वायरस से पीड़ित लोगों में मानसिक तनाव व अवसाद बड़ी समस्या है। कोरोना पॉजिटिव रिपोर्ट पता चलते ही लोग तनाव में आ जाते हैं। दिल्ली स्थित अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (All India Institute Of Medical Sciences, New Delhi) के डॉक्टरों द्वारा किए गए एक अध्ययन में कोरोना से पीड़ित 21 फीसद मरीज अवसाद से पीड़ि पाए गए। वहीं 22.1 फीसद मरीज तनाव ग्रसित पाए गए।
461 मरीजों पर किया गया अध्ययन
इस अध्ययन को लेकर एम्स के डॉक्टर कहते हैं कि मानसिक तनाव व अवसाद से पीड़ित मरीजों का इलाज चुनौतीपूर्ण हो जाता है। एम्स के डॉक्टरों ने 461 मरीजों पर यह अध्ययन किया है। जिन्हें कोरोना होने पर इलाज के लिए एम्स में भर्ती किया गया था।
डिप्रेशन से दूर रहने के लिए करें योग
एम्स के मनोचिकित्सा विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ. आरके चड्ढ़ा ने कहा कि होम आइसोलेशन में रह रहे मरीजों को मानसिक परेशानी होने पर इलाज ज्यादा मुश्किल होता है। क्योंकि मनोचिकित्सक हर जगह उपलब्ध नहीं है। इस वजह से होम आइसोलेशन में रहने वाले मरीज मनोचिकित्सक के संपर्क में नहीं होते, इसलिए मानसिक तनाव व अवसाद से बचने के लिए होम आइसोलेशन में रहने वाले मरीजों को योग व सांस जुड़े व्यायाम करना चाहिए। इससे तनाव दूर होता है।
परिवार भी आ रहा तनाव में
एम्स के ही मनोचिकित्सक डॉ. कौशिक सिन्हा दवे ने कहा कि कोरोना के इस दौर में सामान्य लोगों में भी मानसिक परेशानी बढ़ी है। मरीज के परिवार के लोग व स्वास्थ्य कर्मी भी कोरोना के कारण तनाव में आ रहे हैं। इस वजह से लोगों में घबराहट व नींद नहीं आने की परेशानी देखी जाती है।
बिहार के मरीजों में बढ़ा डिप्रेशन
वहीं, बिहार में भी कोरोना संक्रमण के चलते लोग मानसिक रोगों की चपेट में रहे हैं। इसके लिए केंद्र सरकार की ओर से मानसिक पुनर्वास केंद्र की सुविधा शुरू की गई है। इसमें लोगों की काउंसिलिंग भी कराई जा रही है। बिहार में अगर किसी को तुरंत मनोवैज्ञानिक की जरूरत होती है तो केंद्र द्वारा उन्हें नजदीकी मनोवैज्ञानिक के पास भेज दिया जाता है। केंद्र सरकार के मानसिक पुनर्वास केंद्र में रोज 50 से 70 मामले ऐसे ही आ रहे हैं। केंद्र के अधिकारियों के अनुसार, हेल्पलाइन नंबर पर रोज डिप्रेशन से परेशान लोगों की कॉल आ रही है। उन्हें फोन पर ही काउंसिलिंग के माध्यम से राहत दी जा रही है।
अभी ऑक्सीजन की नहीं है कमी
दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन ने कहा कि राजधानी के अस्पतालों में अभी ऑक्सीजन की कमी नहीं है। अस्पातलों में ऑक्सीजन की आपूर्ति सामान्य रूप से हो रही है। जिन राज्यों में ऑक्सीजन के प्लांट हैं वहां की सरकार से दिल्ली सरकार लगातार संपर्क में है। केंद्र सरकार ने भी संबंधित राज्यों को निर्देश दिया है कि ऑक्सीजन बुनियादी जरूरत है। इसलिए कोई ऑक्सीजन आपूर्ति में रुकावट नहीं डाल सकता। यदि किसी राज्य से रुकावट नहीं डाली गई तो कोई समस्या नहीं आएगी। उन्होंने कहा कि दिल्ली के अस्पतालों में अब भी 50 फीसद बेड खाली पड़े हैं। उन्होंने कहा कि मौजूदा समय में अस्पतालों में कोरोना के इलाज के लिए 14521 बेड आरक्षित है। करीब 50 फीसद बेड खाली होन के बावजूद अस्पतालों में बेड व वेंटिलेटर बढ़ा जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि दिल्ली सरकार के पहले के मुकाबले जांच चार गुना कर बढ़ा दी है। इसलिए मामले अधिक आ रहे हैं। कुछ दिनों तक मामले बढ़ेंगे। जांच अधिक होने से कोरोना से संक्रमित सभी लोगों की पहचान हो सकेगी। उम्मीद है कि अलगे दो सप्ताह में स्थिति में सुधार होगी।
Coronavirus: निश्चिंत रहें पूरी तरह सुरक्षित है आपका अखबार, पढ़ें- विशेषज्ञों की राय व देखें- वीडियो