कैसे हों निर्भय जब एक रुपया भी न किया खर्च, इन 6 राज्यों ने फंड का नहीं किया इस्तेमाल
सरकारी आंकड़ों के मुताबिक केंद्र सरकार ने राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को इस फंड के तहत 1649 करोड़ रुपये आवंटित किए थे जिसमें से राज्यों ने केवल 147 करोड़ रुपये ही खर्च किए हैं।
नई दिल्ली, प्रेट्र। 2012 Delhi Nirbhaya case महिला सुरक्षा के लिए वर्ष 2013 से केंद्र सरकार की ओर से दिया जाने वाला निर्भया फंड का राज्यों ने महज नौ फीसद इस्तेमाल किया है। देश में बढ़ते दुष्कर्म के मामलों की तादाद के बीच महाराष्ट्र और मेघालय जैसे राज्यों ने इस मद में एक रुपया भी खर्च नहीं किया है। सरकारी आंकड़ों के मुताबिक केंद्र सरकार ने राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को इस फंड के तहत 1,649 करोड़ रुपये आवंटित किए थे जिसमें से राज्यों ने केवल 147 करोड़ रुपये ही खर्च किए हैं।
हाल ही में उत्तर प्रदेश और तेलंगाना में दुष्कर्म और हत्या की भयावह वारदातों के बीच महिला और बाल विकास मंत्री स्मृति ईरानी ने हाल में ही लोकसभा को बताया था कि निर्भया फंड के तहत सबसे बड़ी रकम पाने वाले राज्यों में कर्नाटक, महाराष्ट्र, तमिलनाडु और दिल्ली शामिल हैं। केंद्र से मिले फंड का कर्नाटक ने सात फीसद ही इस्तेमाल किया है। केंद्र से मिली यह राशि को 191 करोड़ रुपये दिए थे जिसमें से केवल 13.62 करोड़ रुपये खर्च किए गए।
तमिलनाडु ने 190.68 करोड़ रुपये में से केवल छह करोड़ रुपये यानी तीन फीसद रकम का ही उपयोग किया। केंद्रीय मंत्री ने संसद में दिए आंकड़ों में बताया था कि छह राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों महाराष्ट्र, मणिपुर, मेघालय, सिक्किम, त्रिपुरा और दमन व दिवु ने केंद्र से मिली रकम में से एक रुपया भी खर्च नहीं किया है।
आंकड़ों के मुताबिक दिल्ली में फंड की पांच फीसद से भी कम धनराशि खर्च की गई है। यहां 390 करोड़ रुपये दिए गए थे, जिसमें से केवल 19.41 करोड़ के उपयोग का राज्य सरकार ने किया है। मुख्यमंत्री अर्रंवद केजरीवाल का कहना है कि दिल्ली सरकार के उस प्रस्ताव को केंद्र ने ठुकरा दिया है जिसमें निर्भया फंड का इस्तेमाल 5500 डीटीसी और क्लस्टर बसों में सीसीटीवी कैमरे और पैनिक बटन लगाने के लिए किया गया था। 390 करोड़ नहीं मिलने का भी उन्होंने दावा किया।
तेलंगाना, जहां 26 वर्षीय पशु चिकित्सक से दुष्कर्म कर हत्या कर दी गई थी, वहां भी 103 करोड़ रुपये में से सिर्फ चार करोड़ खर्च किए गए हैं। फंड का इस्तेमाल एमरजेंसी रिस्पांस स्कीम समेत 13 योजनाओं पर खर्च किया जाना है। वहीं, केंद्र सरकार ने निर्भया फंड का समुचित इस्तेमाल नहीं होने का दोष राज्य सरकारों पर डाला है। जबकि राज्यों का आरोप है कि उनके प्रस्तावित कार्यक्रमों को केंद्र ने मंजूरी ही नहीं दी। वहीं समाजसेवी कैलाश सत्यार्थी ने केंद्र सरकार और राज्य सरकारों से अपील की है कि वह तत्काल युद्धस्तर पर कदम उठाकर सार्वजनिक स्थानों को महिलाओं के लिए सुरक्षित बनाएं।
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