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कुछ इस अंदाज में एक शख्स ने पढ़ी कुमार विश्वास की सबसे चर्चित कविता, ट्वीट किया- 'इसे कहते हैं नशीली प्रस्तुति'

एक शख्स ने शराब के नशे में बस में चलने के दौरान कुमार विश्वास की कविता की कुछ पंक्तियों का पाठ किया। इसका वीडियो इंटरनेट मीडिया पर वायरल है। इस वीडियो पर जब कुमार विश्वास की नजर पड़ी तो उन्होंने भी अपने ट्वीटर हैंडल से इसे ट्वीट किया।

By Jp YadavEdited By: Published: Sat, 10 Apr 2021 05:57 PM (IST)Updated: Sun, 11 Apr 2021 06:04 AM (IST)
कुछ इस अंदाज में एक शख्स ने पढ़ी कुमार विश्वास की सबसे चर्चित कविता, ट्वीट किया- 'इसे कहते हैं नशीली प्रस्तुति'
देश के जाने माने कवियों में शुमार कुमार विश्वास की फाइल फोटो।

नई दिल्ली, ऑलाइन डेस्क। देश के जाने माने कवियों में शुमार कुमार विश्वास के प्रशंसक और चाहने वाले देश के साथ दुनिया भर में हैं। खासतौर पर इंटरनेट मीडिया पर  तो उनके प्रशंसकों की संख्या लाखों में है। सिर्फ ट्वीटर पर ही उनके 8 लाख से अधिक फॉलोवर हैं। ऐसे में उनकी सबसे चर्चित कविता 'कोई दीवाना कहता है कोई पागल समझता है...'  का वाचन करने वाले की कमी नहीं है। इस बीच एक शख्स ने शराब के नशे में बस में चलने के दौरान कुमार विश्वास की कविता की कुछ पंक्तियों का पाठ किया। इसका वीडियो इंटरनेट मीडिया पर वायरल है। इस वीडियो पर जब कुमार विश्वास की नजर पड़ी तो उन्होंने भी अपने ट्वीटर हैंडल से इसे ट्वीट किया। इस वीडियो में शख्स शराब के नशे में और 'कोई दीवाना कहता है कोई पागल समझता है...' का पाठ कर रहा है। इस दौरान बस में मौजूद लोग उसका मजाक में ही सही उत्साहवर्धन कर रहे हैं।  

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आप भी लीजिये कुमार विश्वास की सबसे चर्चित कविता का आनंद

कोई दीवाना कहता है, कोई पागल समझता है,

मगर धरती की बेचैनी को बस बादल समझता है।

मैं तुझसे दूर कैसा हूं, तू मुझसे दूर कैसी है,

ये तेरा दिल समझता है या मेरा दिल समझता है।

मोहब्बत एक अहसासों की पावन सी कहानी है,

कभी कबिरा दीवाना था कभी मीरा दीवानी है।

यहां सब लोग कहते हैं, मेरी आंखों में आंसू हैं,

जो तू समझे तो मोती है, जो ना समझे तो पानी है।

समंदर पीर का अंदर है, लेकिन रो नहीं सकता,

यह आंसू प्यार का मोती है, इसको खो नहीं सकता।

मेरी चाहत को दुल्हन तू बना लेना, मगर सुन ले,

जो मेरा हो नही पाया, वो तेरा हो नही सकता।

भ्रमर कोई कुमुदुनी पर मचल बैठा तो हंगामा,

हमारे दिल में कोई ख्वाब पल बैठा तो हंगामा।

अभी तक डूब कर सुनते थे सब किस्सा मोहब्बत का,

मैं किस्से को हकीकत में बदल बैठा तो हंगामा।

यहां पर बता दें कि यह कविता कई सालों पुरानी है, लेकिन आज भी वहीं रंगत लिए हुए है। आलम यह है कि कवि कुमार विश्वास जब भी मंच पर जाते हैं तो यह कविता पढ़ने का आग्रह श्रोताओं की ओर से जरूर आता है। वहीं, कवि हृदय कुमार विश्वास कभी श्रोताओं को निराश नहीं करते और  'कोई दीवाना कहता है कोई पागल समझता है...' का पाठकर लोगों का दिल जीत लेते हैं।

दिल्ली में सत्तासीन आम आदमी पार्टी के संस्थापक सदस्यों में शुमार कुमार विश्वास फिलहाल राजनीतिक से किनारा किए हुए हैं। कुछ मुद्दों पर मतभेद के चलते वह AAP से किनारा किए हुए हैं, लेकिन उन्होंने पार्टी से विधिवत इस्तीफा नहीं दिया है। 

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दिल्ली से सटे गाजियाबाद में अपने परिवार के साथ रहने वाले कुमार विश्वास मूलरूप से पिलखुवा के रहने वाले हैं। उन्होंने काफी समय तक यहां के कॉलेज में अध्यापन का कार्य भी किया है, लेकिन रचनाकर्म को अपने जीवन को ध्यय मानने वाले कुमार विश्वास देश के अग्रणी कवि हैं।  

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