Move to Jagran APP

दिल्ली में प्रदूषण के प्रतिबंध का असर, परिवहन विभाग ने दस साल पुराने दो लाख डीजल वाहनों का पंजीकरण किया रद

परिवहन विभाग ने जनवरी में 10 साल पुराने एक लाख 82 हजार 471 डीजल वाहनों का पंजीकरण रद कर दिया है। इनमें सबसे अधिक कारें शामिल हैं। वहीं दूसरे राज्यों में वाहनों का पंजीकरण कराने के लिए अब तक सिर्फ 537 लोगों ने ही एनओसी मांगी है।

By V K ShuklaEdited By: Pradeep ChauhanPublished: Sun, 06 Feb 2022 10:18 AM (IST)Updated: Sun, 06 Feb 2022 10:18 AM (IST)
इसमें सबसे ज्यादा 527 डीजल कारों के लिए एनओसी मांगी गई है।

नई दिल्ली, राज्य ब्यूरो। प्रदूषण के चलते लगाए गए प्रतिबंध के कारण परिवहन विभाग ने जनवरी में 10 साल पुराने एक लाख 82 हजार 471 डीजल वाहनों का पंजीकरण रद कर दिया है। इनमें सबसे अधिक कारें शामिल हैं। वहीं, दूसरे राज्यों में वाहनों का पंजीकरण कराने के लिए अब तक सिर्फ 537 लोगों ने ही एनओसी मांगी है। इसमें सबसे ज्यादा 527 डीजल कारों के लिए एनओसी मांगी गई है।

loksabha election banner

दरअसल, इस तरह के वाहन सड़क पर मिलने पर परिवहन विभाग उन्हें जब्त कर रहा है। इससे बचने के लिए परिवहन विभाग ने वाहन स्वामियों को कुछ विकल्प दिए हैं। इसमें वाहनों को स्क्रैप कराने, इलेक्टिक में बदलवाने के अलावा इनका पंजीकरण दूसरे राज्य में कराने की सुविधा दी गई है।

पंजाब का विकल्प सबसे ज्यादा चुन रहे लोग: वाहनों का पंजीकरण दूसरे राज्यों में कराने के लिए जो लोग एनओसी मांग रहे हैं। उनमें सबसे ज्यादा पंजाब में पंजीकरण कराने के लिए मांगी जा रही है। इसके बाद उत्तर प्रदेश और राजस्थान का नंबर आता है। हालांकि, तमाम लोग इन वाहनों को इलेक्टिक में बदलने के इंतजार में भी हैं।

एक लाख से अधिक वाहनों का एक जनवरी को रद हुआ था पंजीकरण: दिल्ली सरकार ने एक जनवरी को 10 साल पूरे करने वाले सभी डीजल वाहनों का पंजीकरण एक साथ रद कर दिया था। इनकी संख्या एक लाख एक हजार 247 थी। इसके बाद से किसी भी डीजल वाहन की आयु जैसे ही दस वर्ष पूरी होती है, उसका पंजीकरण रद हो जाता है। ऐसे में एक जनवरी से 31 जनवरी तक कुल 81 हजार 217 वाहनों का पंजीकरण रद हुआ है। इनमें 71045 कारें और 3428 कैब शामिल हैं। अभी जो वाहन डी-रजिस्टर किए गए हैं। ये वाहन 2007 से लेकर 2011 तक के पंजीकृत हैं।

परिवहन विभाग के वरिष्ठ अधिकारी ने कहा है कि राष्ट्रीय हरित प्राधिकरण (एनजीटी) का आदेश है कि वाहन को दूसरे राज्य के जिस शहर के लिए एनओसी मांगी जाएगी। उस शहर के मोटर लाइसेंसिंग अधिकारी (एमएलओ) से सहमति पत्र वाहन मालिक को लाना होगा। उसके बाद ही दिल्ली परिवहन विभाग उस वाहन के लिए एनओसी देगा। यह छूट डीजल के 15 साल से कम पुराने वाहनों लिए ही रहेगी।

उन्होंने कहा कि दिल्ली में 10 साल पुराने डीजल और 15 साल पुराने पेट्रोल वाहनों के खिलाफ कार्रवाई जारी है। पुराने पेट्रोल वाहनों की संख्या 43 लाख से अधिक होने का अनुमान है, जिसमें 32 लाख दोपहिया और 11 लाख कारें शामिल हैं।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.