अलका पर गंदी टिप्पणी करने वाले BJP विधायक पर गाज गिरना तय
आज इस पर चर्चा के बाद अंतिम फैसला लिया जाएगा। सदन में इस मामले पर वोटिंग होने की संभावना है। माना जा रहा है कि संख्या बल में कम होने के कारण सदन में आचरण समिति की रिपोर्ट पर ही मुहर लग सकती है। उन्हें निष्कासित किया जा सकता है।
नई दिल्ली। विधानसभा (विस) में सत्र के दौरान भाजपा विधायक ओपी शर्मा द्वारा आप विधायक अलका लांबा पर रात भर घूमने वाली महिला की टिप्पणी पर आचारण समिति ने अपनी रिपोर्ट सदन में प्रस्तुत कर दी है। रिपोर्ट में शर्मा दोषी पाए गए हैं। समिति ने शर्मा की सदस्यता समाप्त करने की सिफारिश की है।
अलका लांबा से बोले ओपी शर्मा, तुम तो रातभर घूमती हो
आज इस पर चर्चा के बाद अंतिम फैसला लिया जाएगा। सदन में इस मामले पर वोटिंग होने की संभावना है। माना जा रहा है कि संख्या बल में कम होने के कारण सदन में आचरण समिति की रिपोर्ट पर ही मुहर लग सकती है। उन्हें निष्कासित किया जा सकता है।
यदि रिपोर्ट पर मुहर लगती है तो यह दिल्ली के इतिहास में अपने आप में अलग तरह का मामला होगा। इससे पहले इस तरह की कोई घटना सामने नहीं आई है। रिपोर्ट में आचरण समिति के चेयरमैन नारायण दत्त शर्मा ने प्रस्ताव किया है कि भाजपा विधायक ने अपनी गलती को स्वीकार नहीं किया।
वह बार-बार गलती दोहरा रहे हैं, गलतियों से कुछ नहीं सीख रहे। उनके व्यवहार व सामने आए तथ्यों को देखते हुए समिति के पास छठी विधानसभा की सदस्यता से उन्हें निष्कासित किए जाने की सिफारिश के अतिरिक्त अन्य विकल्प नहीं है।
समिति के इस फैसले पर ओपी शर्मा ने कहा कि मैने कुछ गलत नहीं किया तो माफी क्यों मांगू। समिति की हर बैठक में गया और अपनी बात रखी, मैंने स्पष्ट कर दिया कि उनकी तारीफ करते हुए कहा था कि वह रात भर घूम कर जांच करती हैं लेकिन मेरी पूरी बात होने से पहले ही हंगामा कर दिया।
उन्होंने कहा कि समिति के इस फैसले को कोर्ट में चुनौती देंगे। नेता प्रतिपक्ष विजेंद्र गुप्ता ने कहा कि सरकार पूर्वाग्रह से काम कर रही है। समिति के चेयरमैन एनडी शर्मा ने कहा कि समिति ने ओपी शर्मा को पूरा समय दिया, लेकिन उन्होंने माफी नहीं मांगी। ऐसे में समिति के पास कोई विकल्प नहीं था।
गौरतलब है कि ओपी शर्मा ने गत वर्ष 24 नवंबर को दिल्ली विधानसभा में अलका लांबा पर टिप्पणी की थी। आप की महिला विधायकों ने शर्मा को सदन से निष्कासित करने की मांग की थी। उस समय उन्हें पूरे सदन की बैठक के लिए निलंबित कर दिया गया था।
मामले की जांच आचरण समिति को सौंप दी गई थी। आचरण समिति की दस बैठकें हुईं, जिसमें शर्मा को बुलाया गया था। बैठक में शर्मा ने माफी नहीं मांगी और समिति ने अपनी रिपोर्ट कुछ दिन पहले विधानसभा अध्यक्ष को सौंप दी।