निजी कंपनियों के पास 53 फीसद विमान फिस्ड्डी, असुरक्षित हवाई सफर
एयर एंबुलेंश के क्रैश लैंडिंग के एक बार सुरक्षित हवाई सफर पर सवाल उठ खड़ें हुए हैं। एेसे में जब निजी कंपनियों के बेड़े में शामिल 53 फीसद विमान बूढ़े हो चले हो तो फिर यह सवाल और भी गंभीर हो जाता है।
नई दिल्ली [ जेएनएन ] । एयर एंबुलेंस की क्रैश लैंडिंग के बाद यह चर्चा गरम है कि हमारे देश में मौजूदा समय में विमानों के हालात कैसे हैं। खासकर निजी विमानों की क्या स्थिति है। डायरेक्टर जरनल ऑफ सिविल एविएशन (डीजीसीए) के रिकॉर्ड एक चिंताजनक तस्वीर पेश करती है।
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अगर डीजीसीए की रिकार्ड पर यकीन करें तो देश में करीब 251 निजी विमान हैं। इसमें से 135 विमान उम्रदराज हो चुके हैं यानी देश में मौजूद निजी विमानाें में करीब 53 फीसद विमानों बूढ़े हो चले हैं। इनकी उम्र 15 वर्ष या उससे अधिक हो चुके हैं। इतना ही नहीं 9 विमान ऐसे भी हैं जिनकी उम्र 60 से 72 साल के बीच है। सात निजी विमान ऐसे भी हैं, जिनकी उम्र के बारे में बहुत पुराने होने या उम्र संबंधी सूचना ही नहीं है।
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क्या कहती है डीजीसीए की रिपोर्ट
विमानन नियमावली में विमान की उम्र निर्धारित नहीं है, लेकिन डीजीसीए के मौजूदा नियमों के अनुसार देश में आयात होने वाले विमान की अधिकतम उम्र 15 वर्ष है। इससे पुराने विमान को हवाई यात्रा के लिए असुरक्षित मानते हुए आयात की इजाजत नहीं है। डीजीसीए की अप्रैल 2016 की रिपोर्ट के मुताबिक विमान की उम्र 15 से बढ़ाकर 18 वर्ष करने की बात कही गई है। इसके मुताबिक करीब 121 विमान एेसे हैं, जिनकी उम्र 18 साल पूरी हो चुकी है।
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उम्रदराज होते विमान
इस रिपोर्ट के मुताबिक 26 विमान ऐसे हैं जिनकी उम्र 15 से 20 वर्ष की है। 21 से 25 वर्ष के 23 विमान हैं। 26 से 30 वर्ष के 14 विमान हैं। 30 विमान ऐसे हैं जिनकी उम्र 31 से 35 वर्ष के बूढ़े हैं। 10 विमानों की उम्र 36 से 40 वर्ष है। चार विमानों की उम्र 41 से 50 वर्ष के बीच है। आठ विमान 45 से 50 वर्ष के बूढे हैं। तीन विमान 51 से 55 वर्ष के बूढ़े हैं। नौ विमान ऐसे भी हैं जो काफी उम्रदराज हैं। इनकी उम्र 61 से 72 वर्ष के बीच है।