Report: क्रैश लैंडिंग की वजह- 27 वर्ष पुराने विमान के इंजन में नहीं पहुचा ईंधन
जाचं कमेटी की प्राथमिक जांच में यह बात सामने आई है कि एंबुलेंस के दोनों इंजनों में फ्यूल काफी कम मात्रा में था। इसके चलते दोनों इंजनों में फ्यूल नहीं पहुंच सका।
नई दिल्ली [ जेएनएन ] । एयर एंबुलेंस के क्रैश लैंडिंग के प्राथमिक कारणों का पता चल गया है। जाचं कमेटी की प्राथमिक जांच में यह बात सामने आई है कि एंबुलेंस के दोनों इंजनों में फ्यूल काफी कम मात्रा में था। इसके चलते दोनों इंजनों में फ्यूल नहीं पहुंच सका। इसके अलावा किंग एयर क्राफ्ट सी-90ए की सही तरीके से देखभाल भी नहीं की गई।
हालांकि, इस हादसे की जांच कर रही डीजीसीए की टीम ने अभी अपनी अंतिम रिपोर्ट नहीं सौंपी है, लेकिन इस तरह के संकेत प्राथमिक जांच में मिल रहे हैं। सूत्रों से पता लगा है कि पटना से मरीज वीरेंद्र राय को गुड़गांव के मेदांता हॉस्पिटल लाने के लिए यह छोटा चार्टर प्लेन मंगलवार को ही दिल्ली से पटना गया था।
दिल्ली से पटना जाते वक्त पायलट अमित और को-पायलट रोहित ने इसके दो टैंकों में 1200 लीटर तेल भरवाया था और पटना से दिल्ली आते वक्त पटना से लगभग 1000 लीटर तेल भरवाया था। एयरक्राफ्ट में फ्यूल भरने की क्षमता 1400 लीटर बताई गई है। इस तरह दोनों ओर से तेल कम भरवाया गया। तेल कम क्यों भरवाया गया, इसका पता लगाया जा रहा है।
जब एयर एंबुलेंस को दिल्ली एयरपोर्ट पर लैंडिंग करना था, उससे करीब 10 किलोमीटर पहले इसका एक इंजन बंद हो गया। उस वक्त प्लेन करीब 10 हजार फुट की ऊंचाई पर उड़ रहा था। इसकी सूचना पायलट ने तुरंत एटीसी को दी और अपने लिए इमरजेंसी लैंडिंग की अनुमति मांगी।
एक इंजन बंद होने के बावजूद प्लेन एक इंजन पर भी सुरक्षित लैंड कर सकता था, लेकिन कुछ देर बाद ही दूसरे इंजन ने काम करना बंद कर दिया। जांच में एक गंभीर बात यह भी सामने आ रही है कि दोनों इंजन बंद होने के मामले में विमान ने खतरे का कोई सिग्नल नहीं दिया, न ही तेल कम होने या खत्म होने का कोई संकेत दिया। लेकिन इंजन बंद होते ही इसका पता पायलट को लग गया था।
यह भी माना जा रहा है कि मेंटिनेंस ठीक तरह से न होने की वजह से तेल इंजन तक जाना बंद हो गया था। पहले एक इंजन में तेल जाना बंद हुआ और फिर दूसरे में। यह भी पता लगा है कि एयरक्राफ्ट के दो इंजनों को तेल देने वाले दो अलग-अलग टैंकों में तेल मिला है, लेकिन यह काफी कम था।
अब जांच इस बात की भी की जा रही है कि क्या टैंक से इंजन तक तेल ले जाने वाले पाइप में यह बाधा क्यों आई। सूत्रों के मुताबिग प्लेन 27 साल वर्ष पूराना था। ऐसे में इस बात की भी आशंका जताई जा रही है कि प्लेन का ठीक तरीके से रखरखाव नहीं किया जा रहा था। यह भी पता लगा है कि पहले यह एयरक्राफ्ट एक राज्य सरकार के लिए अपनी सेवाएं देता था, लेकिन वहां से कुछ समय पहले इसकी सर्विस लेना बंद कर दिया गया था।