DU Cut Off 2020: डीयू एनसीवेब की आरक्षित सीटों को स्पेशल ड्राइव चलाकर भरने की मांग
प्रो सुमन ने कहा कि आरक्षित वर्गो जिसमें एससी एसटी और ओबीसी शामिल है कि साढ़े सात हजार सीटें है। इन सीटों पर 10 हजार से अधिक छात्राओं ने बी ए प्रोग्राम व बी कॉम प्रोग्राम पाठ्यक्रम में आवेदन किया है।
नई दिल्ली, जागरण संवाददाता। दिल्ली विश्वविद्यालय से संबद्ध नॉन कॉलेजिएट वुमेन एजुकेशन बोर्ड ( एनसीवेब ) के 26 सेंटर विभिन्न कॉलेजों में चल रहे हैं। इनमें कॉलेज स्तर पर दाखिले होते हैं, यहां बीए प्रोग्राम और बीकॉम प्रोग्राम की पढ़ाई होती है। एनसीवेब की 15 हजार से अधिक सीटों पर सिर्फ दिल्ली की छात्राओं को ही दाखिला दिया जाता है।
अब तक पांच कटऑफ सूची जारी हो चुकी है। बावजूद इसके 2 हजार से अधिक सीटें खाली है। आरक्षित वर्ग की सीटें ज्यादा खाली है। आम आदमी पार्टी शिक्षक संगठन दिल्ली टीचर्स एसोसिएशन (डीटीए) ने इन सीटों को स्पेशल ड्राइव से भरने की मांग की है। डीटीए प्रभारी प्रो हंसराज सुमन ने इस बाबत एनसीवेब की निदेशक डॉ. गीता भट्ट व उप निदेशक डॉ. उमाशंकर से मांग की है कि एनसीवेब की छात्राओं के लिए स्पेशल ड्राइव चलाए।
बकौल हंसराज सुमन एनसीवेब में प्रति वर्ष 12 हजार छात्राएं दाखिला लेती थीं लेकिन जब से ईडब्ल्यूएस कोटा बढ़ा है एनसीवेब में भी सीटें बढ़ी है। पहले प्रत्येक सेंटर पर बी. ए. प्रोग्राम और बी. कॉम की 426 सीटें थी जो बढ़कर इस साल 586 हो गई है। इन सीटों के बढ़ने से एससी/एसटी, ओबीसी व ईडब्ल्यूएस सीटों में भी इजाफा हुआ है। इस तरह से 12 हजार सीटों से बढ़कर अब 15 ,236 सीटें हो गई है। जब तक आरक्षित कोटा पूरा नहीं किया जाता तब तक सीटों को भरने के लिए स्पेशल ड्राइव चलाया जाता है।
प्रो सुमन ने कहा कि आरक्षित वर्गो जिसमें एससी, एसटी और ओबीसी शामिल है कि साढ़े सात हजार सीटें है। इन सीटों पर 10 हजार से अधिक छात्राओं ने बी ए प्रोग्राम व बी कॉम प्रोग्राम पाठ्यक्रम में आवेदन किया है। एडमिशन लेने वाले छात्राओं की कमी नहीं है लेकिन सेंटर अपनी कटऑफ बहुत ऊंची रख रहे हैं। इसे कम करने की जरूरत है।
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