DU Politics: डीयू में कुलसचिव की नियुक्ति पर मचा है घमासान, रजिस्टार ऑफिस ने बताया गैर कानूनी
कार्यकारी परिषद ने विकास गुप्ता को बुधवार देर रात कुलसचिव नियुक्त किया है लेकिन रजिस्ट्रार ऑफिस ने कार्यकारी परिषद को ही गैर कानूनी करार दिया है। साथ ही कर्मचारियों को कहा गया है कि उनके ऑफिस भी नहीं जाएं।
नई दिल्ली [संजीव कुमार मिश्र]। दिल्ली विश्वविद्यालय के कुलसचिव विकास गुप्ता की नियुक्ति विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है। कार्यकारी परिषद ने विकास गुप्ता को बुधवार देर रात कुलसचिव नियुक्त किया है, लेकिन रजिस्ट्रार ऑफिस ने कार्यकारी परिषद को ही गैर कानूनी करार दिया है। बुधवार देर रात ही कार्यकारी कुलपति पीसी जोशी ने आर्डर जारी किया कि डीयू कर्मचारी पीसी झा का आदेश नहीं माने। कर्मचारियों को कहा गया है कि उनके ऑफिस भी नहीं जाएं।
प्रो. पीसी झा की नियुक्ति की सूचना वेबसाइट से हटाई
वहीं, दिल्ली विश्वविद्यालय (डीयू) की वेबसाइट पर बुधवार को कुलसचिव की नियुक्ति संबंधी सूचना जारी की गई जिसमें लिखा था कि प्रो. पीसी झा को अगले आदेश तक डीयू साउथ कैंपस का निदेशक नियुक्त किया जाता है। साथ ही उनको अगले आदेश तक डीयू के कुलसचिव का कार्यभार भी सौंपा जाता है। हालांकि, वेबसाइट से इस सूचना को कुछ देर बाद ही हटा दिया गया। इसके बाद कार्यकारी कुलपति पीसी जोशी ने सूचना जारी कर बताया कि पीसी झा की नियुक्ति गलत है और उन्हें तत्काल कार्यालय खाली करने का आदेश दिया। इसके बाद देर शाम डीयू कार्यकारी परिषद ने प्रो. विकास गुप्ता को कुलसचिव नियुक्त किया।
बता दें कि डीयू के मौजूदा कुलपति अगले वर्ष 10 मार्च को रिटायर होंगे। फिलहाल वे आवास से ही कार्य कर रहे हैं। चूंकि कुलपति डॉ. योगेश कुमार त्यागी विश्वविद्यालय में मौजूद नहीं हैं तो उनकी अनुपस्थित में कार्यभार प्रो. पीसी जोशी संभाल रहे थे। डीयू के बहुत से नोटिफिकेशन पर पीसी जोशी के बतौर कार्यकारी कुलपति हस्ताक्षर देखे जा सकते हैं। 10 अक्टूबर को कुलसचिव पद के लिए अभ्यर्थियों का साक्षात्कार हुआ, लेकिन परिणाम जारी नहीं किया गया। 20 अक्टूबर को यूजीसी ने कुलसचिव की नियुक्ति के सिलसिले में सलाह मशविरा के लिए ऑनलाइन बैठक बुलाई।
सूत्रों के मुताबिक कुलपति बैठक में शामिल तो हुए, लेकिन खराब नेटवर्क के चलते बैठक बेनतीजा रही। हालांकि, अगले ही दिन एक आदेश जारी हुआ, जिसमें कहा गया कि प्रो. पीसी झा को कार्यकारी कुलसचिव नियुक्त किया जाता है। जिसके बाद कार्यकारी कुलपति प्रो. पीसी जोशी ने इस नियुक्ति को गलत ठहराते हुए नोटिस जारी कर दिया। नोटिस में कहा गया कि पीसी झा ने 21 अक्टूबर की सुबह से कार्यालय पर अवैध कब्जा कर रखा है। इसके अलावा नोटिस में यह भी कहा गया कि यदि पीसी झा कार्यालय खाली नहीं करते हैं तो जबरन हटाया जाएगा एवं कार्रवाई की जाएगी।
डीयू कुलसचिव कार्यालय ने देर रात एक नोटिफिकेशन जारी किया जिसमें कहा गया कि कुलसचिव प्रो. पीसी झा ने 21 अक्टूबर को होने वाली कार्यकारी परिषद की बैठक को टाल दिया था, लेकिन कार्यकारी कुलपति प्रो. पीसी जोशी ने कार्यकारी परिषद की बैठक आयोजित की जिसमें प्रो. सुमन कुंडू कार्यकारी कुलसचिव की हैसियत से शामिल हुए। यह पूरी तरह से पूर्व में जारी नोटिफिकेशन का उल्लंघन है इसलिए बैठक पूरी तरह से गैरकानूनी है। पता चला है कि 21 अक्टूबर को होने वाली कार्यकारी परिषद की बैठक को खुद कुलपति प्रो. योगेश कुमार त्यागी ने भी टालने का निर्देश दिया था।
कुलसचिव पद पर नई नियुक्ति
डीयू कार्यकारी परिषद की बैठक बुधवार को आननफानन में हुई। कार्यकारी परिषद के एक सदस्य ने बताया कि सबसे पहले प्रो. सुमन कुंडू को कुलसचिव एवं साउथ कैंपस का निदेशक नियुक्त किया गया। हालांकि, रात करीब आठ बजे एक नया आदेश जारी किया गया, जिसमें कहा गया कि विकास गुप्ता को कुलसचिव एवं गिरीश रंजन को फाइनेंस ऑफिसर नियुक्त किया गया है। कार्यकारी परिषद की नियुक्ति को कुलपति की सहमति मिली या नहीं इस बारे में कोई खुलकर नहीं बोल रहा था।
राजिब रे (अध्यक्ष, डूटा) का कहना है कि एक पदाधिकारी को हटा दिया गया, इसके बाद नोटिस जारी कर नवनियुक्त पदाधिकारी को धमकाया गया। यह बहुत ही निंदनीय है। जो हुआ वह बहुत ही निंदनीय है। विवि नियमों के तहत चलता है। कुलपति को तत्काल हस्तक्षेप करना चाहिए।
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