दिल्ली के सीएम केजरीवाल ने किया लेडी इरविन कॉलेज में सोलर पावर प्लांट का उद्घाटन
Solar Power Plant News दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने बुधवार को लेडी इरविन कॉलेज में 218 किलो वाट के सोलर पावर प्लांट का उद्घाटन किया। इस मौके पर शिक्षा विभाग से जुड़े कई बड़े अधिकारी भी मौजूद रहे।
नई दिल्ली, जागरण संवाददाता। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने बुधवार को लेडी इरविन कॉलेज में 218 किलो वाट के सोलर पावर प्लांट का उद्घाटन किया। इस मौके पर सीएम केजरीवाल ने कहा कि दिल्ली सरकार ने सोलर पावर को बढ़ावा देने के लिए दो पॉलिसी बनाई है। इसके तहत कोई भी कंपनी के साथ मामूली कागजी कार्रवाई कर अपने घर की छत पर सोलर पावर पैनल लगवा सकता है और उसे प्रति वर्ष बिजली पर होने वाले लाखों रुपये खर्च की बचत होगी। इसी तरह, किसान भी अपने खेत में थोड़ी उंचाई पर सोलन पैनल लगवा कर कंपनी से किराया प्राप्त करने के साथ खेती भी कर सकते हैं, इससे उनकी आमदनी कई गुना बढ़ जाएगी।
सीएम अरविंद केजरीवाल ने कहा कि चार साल पहले तक दिल्ली में 7 किलोवाट सोलर एनर्जी पैदा की जा रही थी, जो वर्तमान में बढ़कर 177 मेगावाट हो गया है। लोगों को सोलर पावर पैनल लगाने के लिए आगे लाने के लिए इसे एक जन आंदोलन बनाना होगा, ताकि इसे आरडब्ल्यूए, स्कूल-कॉलेज, सरकारी और निजी भवनों समेत सभी जगह लगाया जा सके। उर्जा के मौजूदा सभी स्रोतों में ग्रीन एनर्जी का ही भविष्य है।
सीएम अरविंद केजरीवाल ने कहा कि पिछले कुछ सालों में सोलर एनर्जी के लिए हमने एक तरह से दिल्ली में पॉलिसी फ्रेमवर्क तैयार किया। मोटे तौर पर दिल्ली सरकार दो पॉलिसी लेकर आई। पहली पॉलिसी थी, जिससे सोलर पावर जेनरेशन आम नागरिक तक पहुंच सके। कहा जाता था कि सोलर पावर काफी महंगी है और एक आम आदमी सोलर पावर कैसे खरीदेगा? पैनल लगाने के लिए इतना पैसा कहां से आएगा? दिल्ली सरकार ने इसके लिए एक पॉलिसी बनाई।
पालिसी के तहत तहत अगर आप अपने घर की सिर्फ छत दे दें, तो आपके पास एक कंपनी आएगी और वह अपना पैसा लगाकर सारे सोलर पावर पैनल लगाएगी। उस कंपनी को सोलर पावर पैनल लगाने के लिए दिल्ली सरकार सब्सिडी देगी, ताकि उसका शुरूआती खर्चा कम हो जाए और वो कंपनी आपको भी बिजली बेचेगी और जो बिजली बचेगी, उसे बिजली कंपनियों को बेच देगी। दिल्ली का एक निवासी या एक संस्था या एक आरडब्ल्यूए, जो अपनी छत दे रहा है, उनको एक भी पैसा उसे लगाने में खर्च नहीं करना है, उनको जो बिजली का खर्च साल में होता था, उसमें भी बचत होगी। उनको केवल अपनी छत देने के लिए कुछ कागजों के ऊपर हस्ताक्षर करने हैं। ऐसा करके उनका साल में बिजली का कई लाख रुपए बच जाता है।
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