Nirbhaya Case: फांसी का फंदा करीब, दोषियों के पैंतरों से बढ़ रही अधिकारियों की मुश्किलें
फांसी पर लटकाए जाने की तीन मार्च की तिथि जैसे-जैसे नजदीक आ रही है जेल में बंद निर्भया के दोषी तरह-तरह के पैंतरे अपनाने लगे हैं।
नई दिल्ली, जागरण संवाददाता। 2012 Delhi Nirbhaya Case: फांसी पर लटकाए जाने की तीन मार्च की तिथि जैसे-जैसे नजदीक आ रही है, जेल में बंद निर्भया के दोषी तरह-तरह के पैंतरे अपनाने लगे हैं। वह खुद को नुकसान पहुंचाने की धमकी दे रहे हैं। जब तक खाना खाने से इन्कार कर दे रहे हैं। दोषियों को मनाने में जेल अधिकारियों को पसीने छूट जा रहे हैं।
गुस्सा आने के कई घंटे बाद सामान्य हो पा रहे दोषी
जेल सूत्रों का कहना है कि निर्भया के गुनहगारों का व्यवहार बदल सा गया है। एक बार गुस्सा आने के कई घंटे बाद वे सामान्य हो पा रहे हैं। दोषियों के सेल एक दूसरे के पास ही हैं। ऐसे में वे जोर-जोर से चिल्लाकर दूसरे दोषी तक अपनी बात पहुंचाते हैं।
भोजन के लिए मनाने में छूट रहे अधिकारियों को पसीने
गौरतलब है कि चारों दोषी अभी जेल संख्या-तीन के हाई सिक्योरिटी सेल में बंद हैं। इससे कुछ ही दूरी पर तिहाड़ का फांसी घर भी बना है। दो दिन पूर्व अधिकारियों ने फांसी घर का दौरा किया था, जिसकी भनक दोषियों को लग गई थी। इसके बाद उनका व्यवहार उग्र हो गया। अधिकारियों ने उन्हें समझाया कि यह सामान्य दौरा था, जो समय-समय पर होता रहता है। एहतियातन फांसी घर में कोई चहलकदमी नहीं की जा रही है। जेल कर्मचारियों को निर्देश दिए गए हैं कि दोषियों से फांसी घर को लेकर कोई चर्चा न करें। अभी रोजाना दिन में दो बार दोषियों की काउंसलिंग की जा रही है। इस दौरान इनके मानसिक दशा का अनुमान लगाया जाता है कि ये ठीक हैं या नहीं। यह भी जानने का प्रयास किया जाता है कि इनके मन में कुछ नकारात्मक बातें तो नहीं चल रही हैं। ऐसे कैदी जो खाना खाने से इन्कार कर देते हैं, उन्हें कई बार ये काउंसलर समझाकर खाने के लिए राजी करते हैं।
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