क्या ये नए गेंदबाज निकाल पाएंगे जिम्बाब्वे के बल्लेबाजों की हवा ?
जिम्बाब्वे के खिलाफ 11 जून से शुरू हो रहे तीन वनडे और टी 20 सीरीज के लिए भारतीय टीम में जिन गेंदबाजों को शामिल किया गया है उनमें सिर्फ दो गेंदबाजों को ही जिम्बाब्वे के खिलाफ खेलने का अनुभव है।
नई दिल्ली, संजय सावर्ण। जिम्बाब्वे के खिलाफ 11 जून से शुरू हो रहे तीन वनडे और टी 20 सीरीज के लिए भारतीय टीम में जिन गेंदबाजों को शामिल किया गया है उनमें सिर्फ दो गेंदबाजों को ही जिम्बाब्वे के खिलाफ खेलने का अनुभव है। इनके अलावा टीम के सारे गेंदबाज नए हैं और इन्हें जिम्बाब्वे के खिलाफ खेलने का अनुभव नहीं है। ऐसे में आइपीएल या घरेलू स्तर पर बढ़िया प्रदर्शन कर टीम में जगह बनाने वाले इन गेंदबाजों के लिए ये दौरा बड़ी चुनौती रहेगी।
इन दों गेंदबाजों को हैं जिम्बाब्वे के खिलाफ खेलने का अनुभव
अक्षर पटेल-
जिम्बाब्वे दौरे पर अक्षर पटेल भारतीय टीम के सबसे अनुभवी गेंदबाज हैं। 22 वनडे और चार टी20 मैच खेल चुके अक्षर पिछले वर्ष जिम्बाब्वे दौरे पर गए थे। उन्हें वहां खेलने का अनुभव भी है। यानि नए गेंदबाजों को अक्षर के अनुभव का फायदा तो जरूर मिलेगा। यही नहीं टीम के सबसे अनुभवी गेंदबाज के तौर पर उनपर अच्छे प्रदर्शन का दबाव तो जरूर रहेगा।
जयदेव उनादकट-
जयदेव उनादकट इस जिम्बाब्वे दौरे पर दूसरे ऐसे गेंदबाज हैं जिन्हें जिम्बाब्वे में खेलने का अनुभव है। हालांकि उन्होंने वर्ष 2013 में जिम्बाब्वे के खिलाफ खेला था और काफी समय बाद उनकी टीम में वापसी हुई है। ये दौरा जयदेव के लिए भी बड़ी चुनौती है मगर उन्हें वहां खेलने के अनुभव का फायदा तो जरूर मिलेगा।
इन नए गेंदबाजों के लिए जिम्बाब्वे दौरा है चुनौती
जसप्रीत बुमराह-
अपने अजीबोगरीब गेंदबाजी एक्शन के लिए ख्यात बुमराह ने अब तक महज एक वनडे मैच खेला हैं। उनके पास 16 टी20 मैच खेलने का अनुभव है मगर वो जिम्बाब्वे में कभी नहीं खेले। बुमराह अपने एक्शन के जरिए बल्लेबाजों को चकमा देते हैं और उनका ये हथियार जिम्बाब्वे के बल्लेबाजों के लिए मुश्किल खड़ी कर सकता है।
युजवेंद्र चहल-
आइपीएल में शानदार प्रदर्शन के जरिए चहल के भारतीय टीम में जगह मिली। ये उनका पहला अंतराष्ट्रीय दौरा है। चहल के पास शानदार मौका है खुद को साबित कर भारतीय टीम में जगह बनाए रखने का।
रिषी धवन-
महज 3 वनडे मैच खेलने वाले रिषी पहली बार जिम्बाब्वे में खेलेंगे। सिर्फ तीन वनडे मैचों के अनुभव पर वो जिम्बाब्वे में कितना सफल हो पाते हैं ये देखने वाली बात होगी।
बरिंदर सरन-
बरिंदर ने अपने करियर में तीन वनडे मैच खेले हैं और वो भी ऑस्ट्रेलिया जैसी टीम के खिलाफ। सरन तेज गेंदबाजी में भारतीय टीम का मुख्य हिस्सा होंगे। सरन के लिए भी जिम्बाब्वे में खुद को साबित करने का शानदार मौका है।
जयंत यादव-
राइट आर्म ऑफब्रेक गेंदबाज जयंत के लिए ये पहला अंतरराष्ट्रीय दौरा है। घरेलू मैचों में अपनी फिरकी से बल्लेबाजों को नचाने वाले जयंत जिम्बाब्वे के बल्लेबाजों पर कितना हावी हो पाते हैं ये तो आने वाला वक्त बताएगा।