आज बचकर रहे टीम इंडिया वरना वो होगा जो कभी नहीं सोचा था
भारतीय टीम के युवा खिलाडि़यों को जिंबाब्वे के खिलाफ तीन मैचों की सीरीज में बने रहने के लिए आज दूसरे टी-20 अंतरराष्ट्रीय मैच में अपने खेल में सुधार करना ही होगा क्योंकि अगर ऐसा नहीं
हरारे, प्रेट्र। भारतीय टीम के युवा खिलाडि़यों को जिंबाब्वे के खिलाफ तीन मैचों की सीरीज में बने रहने के लिए आज दूसरे टी-20 अंतरराष्ट्रीय मैच में अपने खेल में सुधार करना ही होगा क्योंकि अगर ऐसा नहीं हुआ और अगर जिंबाब्वे ये मैच जीत गई तो वो हो जाएगा जिसकी किसी ने उम्मीद नहीं की थी। ऐसा होने पर पहला मैच जीत चुकी जिंबाब्वे की टीम सीरीज जीत लेगी और वो भी पहली बार दुनिया की नंबर.1 टी20 टीम के खिलाफ।
यह पहला मौका है जब जिंबाब्वे दौरे पर युवा भारतीय टीम के खेल की परीक्षा हुई, लेकिन उम्मीद के विपरीत उन्हें हार का मुंह देखना पड़ा। कप्तान महेंद्र सिंह धौनी अंतिम ओवर में टीम को जीत नहीं दिला सके, लेकिन इसके लिए वे बल्लेबाज भी दोषी रहे जो अच्छी शुरुआत करने के बाद अहम मौके पर आउट हो गए। मनीष पांडे और पदार्पण करने वाले मनदीप सिंह को अंत तक खेलकर जीत दिलानी चाहिए थी, लेकिन वे आउट हो गए। धौनी दूसरे छोर पर थे और भारत को अंतिम ओवर में आठ रन की जरूरत थी। अक्षर पटेल ढीले शॉट पर आउट हो गए, जिससे मेहमान टीम के लिए मुश्किल खड़ी हो गई।
टीम इंडिया की बेंच स्ट्रेंथ आजमाने के लिए दूसरे दर्जे की टीम चुनी गई। वनडे सीरीज में शानदार जीत के बाद युवाओं के पास अच्छा प्रदर्शन करने का यह आदर्श मंच था, लेकिन सीरीज में पहली बार चुनौती मिलने पर वे दबाव में आ गए। बल्लेबाजों ने जहां जरूरत के मुताबिक संयम नहीं दिखाया, वहीं दौरे पर पहली बार मौका मिलने वाले गेंदबाजों ने भी निराश किया। हालांकि इसका श्रेय जिंबाब्वे को जाना चाहिए। उसने वनडे सीरीज में करारी हार के बाद वापसी की। भारतीय गेंदबाजों की गलतियों की वजह से उसने 170 रन का स्कोर खड़ा किया।
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ऑस्ट्रेलियाई दौरे के बाद पहली बार भारत का प्रतिनिधित्व कर रहे ऑलराउंडर ऋषि धवन ने टी-20 अंतरराष्ट्रीय पदार्पण करते हुए सामान्य प्रदर्शन किया। क्रिकेट के सबसे छोटे प्रारूप में पदार्पण कर रहे तेज गेंदबाज जयदेव उनादकट पर भी दबाव था, जो करीब तीन साल बाद भारतीय टीम में खेल रहे हैं। उनकी लाइन और लेंग्थ निरंतर नहीं रही। यह देखना दिलचस्प होगा कि उन्हें एक और मैच मिलता है या नहीं। या फिर धवन को अंतिम एकादश से बाहर करके बरिंदर सरां और धवल कुलकर्णी नई गेंद से गेंदबाजी करेंगे या नहीं। लेग स्पिनर युजवेंद्र चहल ने वनडे में प्रभावित किया था, लेकिन पहले टी-20 में उनका भी प्रदर्शन साधारण रहा। दूसरे मैच में वह भी वापसी करना चाहेंगे। हालांकि पहले मैच के बाद धौनी ने अपने खिलाडि़यों को गलतियां नहीं दोहराने के लिए चेतावनी दी थी।
वहीं, वनडे सीरीज हारने के बाद पहले टी-20 में मिली जीत से जिंबाब्वे का आत्मविश्वास निश्चित रूप से बढ़ा होगा। कप्तान ग्रीम क्रेमर अपनी टीम से और बेहतरीन प्रदर्शन करने की उम्मीद लगाए होंगे। वनडे सीरीज में जिंबाब्वे की बल्लेबाजी पूरी तरह नाकाम रही थी। सबसे छोटे प्रारूप में भी उसका कुछ वैसा ही हाल था, लेकिन एल्टन चिगुंबुरा ने 24 गेंदों पर 56 रन की तूफानी पारी खेलकर टीम की बल्लेबाजी को न सिर्फ ढहने से बचाया, बल्कि टीम को एक चुनौतीपूर्ण स्कोर तक पहुंचा दिया। मध्यक्रम में मैकल्म वॉलेर ने भी उपयोगी योगदान दिया। गेंदबाजी में 24 वर्षीय तेज गेंदबाज नेविल मदजिवा ने प्रभावित किया, जिन्होंने अंतिम ओवर में धौनी को आठ रन बनाने से रोक दिया। धौनी ने भी मदजिवा के अंतिम ओवर की तारीफ की थी। टी मुजराबानी और चामू चिभाभा भी गेंदबाजी से भारतीय बल्लेबाजों पर लगाम कसने में कामयाब रहे।