जब जरूरत पड़ी तो चल पड़ा इस धुरंधर का बल्ला
बेशक आलोचक कुछ भी कहते रहें लेकिन रविवार की रात एशिया कप फाइनल में बांग्लादेश के खिलाफ टीम इंडिया के धुरंधर ओपनर शिखर धवन ने जो पारी खेली उसने एक बार फिर सबका दिल जीत लिया। पूरे टूर्नामेंट में वो फ्लॉप साबित हो रहे थे लेकिन कप्तान धौनी का उन
ढाका। बेशक आलोचक कुछ भी कहते रहें लेकिन रविवार की रात एशिया कप फाइनल में बांग्लादेश के खिलाफ टीम इंडिया के धुरंधर ओपनर शिखर धवन ने जो पारी खेली उसने एक बार फिर सबका दिल जीत लिया। पूरे टूर्नामेंट में वो फ्लॉप साबित हो रहे थे लेकिन कप्तान धौनी का उन पर विश्वास कायम रहा। अंतिम मैच में सही मौके पर धवन ने दिखा भी दिया कि कप्तान उन पर यूं ही भरोसा नहीं कर रहे थे।
मैच में बांग्लादेश ने भारत को 15 ओवर में 121 रनों का लक्ष्य दिया था और जवाब में उतरते ही दूसरे ही ओवर में भारत ने रोहित शर्मा का विकेट गंवा दिया। अब धवन की जिम्मेदारी थी कि वो विराट के साथ पारी संभालते भी और उसे रफ्तार भी देते। हुआ भी ठीक वैसा ही। आउट होने से पहले धवन ने 44 गेंदों पर 60 रनों की धुआंधार पारी खेली जिस दौरान 1 छक्का और 9 चौके जड़े। इस दौरान उन्होंने विराट के साथ दूसरे विकेट के लिए 94 रनों की साझेदारी को भी अंजाम दिया जिसके दम पर ही भारतीय टीम की पारी संभल भी सकी और जीत भी हासिल कर सकी।
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इस टूर्नामेंट में फाइनल से पहले धवन लगातार फ्लॉप हुए थे और अपनी फिटनेस से भी जूझ रहे थे। उन्होंने फाइनल से पहले तीन मैचों में खेलते हुए कुल 19 रन ही बनाए थे। उनके चयन को लेकर कप्तान धौनी के फैसलों पर सवाल भी उठे लेकिन फाइनल में उन्होंने अर्धशतक जड़कर अपने कप्तान की लाज रख ली। ये (60 रन) अंतरराष्ट्रीय टी20 करियर में धवन का सबसे बड़ा स्कोर भी साबित हुआ। इससे पहले उनके नाम टी20 में सिर्फ एक ही अर्धशतक दर्ज था जब उन्होंने फरवरी में श्रीलंका के खिलाफ विशाखापट्टनम में 51 रनों की पारी खेली थी।