मेहनत और हौसले के दम पर 4 साल बाद फिर मिली नीली जर्सी
क्रिकेट में चार साल के अंतराल के बारे में बात हो तो जिस चीज का ख्याल सबसे पहले आता है, वो है वर्ल्ड कप.....लेकिन बहुत कम ही सुनने को मिलता है कि चार साल के लंबे अंतराल के बाद कोई क्रिकेटर इतनी कड़ी चुनौतियों के बीच टीम में वापसी भी
(शिवम् अवस्थी), नई दिल्ली। क्रिकेट में चार साल के अंतराल के बारे में बात हो तो जिस चीज का ख्याल सबसे पहले आता है, वो है वर्ल्ड कप.....लेकिन बहुत कम ही सुनने को मिलता है कि चार साल के लंबे अंतराल के बाद कोई क्रिकेटर इतनी कड़ी चुनौतियों के बीच टीम में वापसी भी कर सकता है। भारतीय टीम के टर्बनेटर हरभजन सिंह ने अपने हौसले और मेहनत के दम पर ये मुमकिन कर दिखाया है। पहले टेस्ट टीम में वापसी और अब वनडे टीम में भी उन्होंने उस आखिरी मौके के लिए जगह बना ली है।
- चार साल पहले का वो मैच.....
टीम इंडिया ने अप्रैल 2011 में विश्व कप जीतकर इतिहास रचा था। उस समय लगा कि ये भारतीय टीम एक ड्रीम टीम है लेकिन धीरे-धीरे उस दिग्गज टीम के सीनियर खिलाड़ियों के बाहर होने का सिलसिला शुरू हो गया। चयनकर्ताओं की सख्ती का आलम ये था कि विश्व कप जीत के ठीक दो महीने के बाद जून 2011 में भारत के दिग्गज स्पिनर हरभजन सिंह को भी बाहर का रास्ता दिखा दिया गया। हरभजन ने 11 जून 2011 को आखिरी बार वेस्टइंडीज के खिलाफ वनडे मैच खेला था जिसमें उन्होंने 10 ओवर में 24 रन देते हुए दो मेडन ओवर के साथ एक विकेट हासिल किया था। यही नहीं, भज्जी ने उसी मैच में 41 रनों की शानदार पारी भी खेली थी जिसके दम पर टीम इंडिया ने 3 विकेट से जीत दर्ज की......किसको पता था कि उस मैच के बाद वो चार साल तक भारतीय टीम की नीली जर्सी नहीं पहन सकेंगे।
- अब इनसे है मुकाबलाः
भज्जी (259 विकेट) भारतीय वनडे क्रिकेट इतिहास में अनिल कुंबले (337 विकेट) के बाद दूसरे सबसे सफल स्पिनर हैं जबकि वो वनडे क्रिकेट में चौथे सबसे सफल भारतीय गेंदबाज भी हैं। उनके पास 229 वनडे मैचों का विशाल अनुभव मौजूद है लेकिन अब उनको कुछ ऐसे स्पिनरों से मुकाबला करना है जो उनके अनुभव के आगे कहीं नहीं टिकते। जिंबाब्वे दौरे के लिए टीम में भज्जी के अलावा अक्षर पटेल और कर्ण शर्मा के रूप में दो और स्पिनर शामिल किए गए हैं और भज्जी को इनसे बेहतर साबित होकर दिखाना होगा, ताकि आगे वो वनडे टीम में दोबारा शामिल होकर रविचंद्रन अश्विन को टक्कर दे सकें जो इस समय वनडे टीम के मुख्य ऑफ स्पिनर बने हुए हैं। भज्जी ने हाल में घरेलू क्रिकेट और आइपीएल में अपनी बल्लेबाजी से भी खूब दिल जीते और जिंबाब्वे में भी उन्हें अपनी इस ऑलराउंडर भूमिका को साबित करना होगा।