ये हैं वो पांच कारण जिसने अंग्रेजों की जमीं पर हमे बनाया चैंपियन
टीम इंडिया ने 24 सालों के बाद इंग्लैंड में सीरीज जीती, टीम ने इंग्लैंड पर 50वीं वनडे जीत दर्ज करने का कारनामा किया और 91वीं
(शिवम् अवस्थी), नई दिल्ली। टीम इंडिया ने 24 सालों के बाद इंग्लैंड में सीरीज जीती, टीम ने इंग्लैंड पर 50वीं वनडे जीत दर्ज करने का कारनामा किया और 91वीं जीत के साथ भारतीय कप्तान महेंद्र सिंह धौनी वनडे क्रिकेट के सबसे सफल भारतीय कप्तान बन गए। टेस्ट सीरीज में शर्मनाक हार के बाद ये सब मुमकिन होता नहीं नजर आ रहा था लेकिन वनडे सीरीज में अचानक टीम की कायापलट होती देखी गई। क्या रहे वो कारण जिनकी वजह से सीरीज में 3-0 की अजेय बढ़त हासिल करके हम चैंपियन बने, आइए जानते हैं।
1. 'इंतजार कीजिए, देखते जाइए':
भारतीय कप्तान महेंद्र सिंह धौनी ने कभी पीछे मुड़कर देखना या झुकना नहीं सीखा इस बात को उन्होंने एक बार फिर साबित कर दिया। टेस्ट सीरीज में हार के बाद जब पूरी दुनिया में मीडिया से लेकर क्रिकेट के दिग्गजों की भीड़ में कप्तान व उसकी टीम की आलोचना हो रही थी, जब हर कोई कप्तान को हटाने व टीम को बदल डालने की मांग पर अड़ा हुआ था, तब माही ने अपने ठोस रवैये को तरजीह दी। उन्होंने हौसला नहीं गंवाया और टेस्ट सीरीज के बाद जब एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में उनकी कप्तानी व टीम की असफलता पर सवाल उठाए गए तो उन्होंने बस इतना कहा, 'इंतजार कीजिए, देखते जाइए' और नतीजे सबके सामने हैं।
2. बीसीसीआइ का 'इंडियन' प्लानः
बीसीसीआइ भी टेस्ट सीरीज में भारत की हार से नाराज था लेकिन उसने आलोचनाओं को नजरिया बनाने से बेहतर टीम से जुड़े कुछ बदलाव करना सही समझा। बोर्ड ने तुरंत फैसला लेते हुए विदेशी टीम मैनेजमेंट को बैकफुट पर ढकेल दिया। फील्डिंग व गेंदबाजी कोच को आराम दे दिया गया और उनकी जगह संजय बांगर, श्रीधर और अरुण जैसे भारतीय कोचों को मैनेजमेंट में जगह दे दी। वहीं, सबसे बड़ा फैसला पूर्व दिग्गज रवि शास्त्री के रूप में आया जिनको बीसीसीआइ ने वनडे सीरीज के लिए टीम का डायरेक्टर नियुक्त किया और मुख्य कोच डंकन फ्लेचर से ऊपर जगह देने का फैसला किया। शास्त्री व उसके इंडियन टीम मैनेजमेंट ने टीम में जोश भरा और फिर सबने टीम का नया रूप देखा।
3. इस क्षेत्र में हमने सभी को चौंकायाः
वनडे सीरीज में एक क्षेत्र ऐसा रहा जिसने भारतीय फैंस सहित इंग्लिश टीम को भी जमकर चौंकाया होगा। ये डिपार्टमेंट था फील्डिंग। चौथे वनडे में तो अजिंक्य रहाणे, सुरेश रैना और रवींद्र जडेजा जैसे भारतीय युवा खिलाड़ियों ने अपनी फील्डिंग से प्रभाव छोड़ा ही, बल्कि पूरी सीरीज में टीम की फील्डिंग में अलग अंदाज देखने को मिला।
4. इन दो खिलाड़ियों का अहम योगदानः
वनडे टीम में दो खिलाड़ियों की एंट्री ने काफी हद तक इस सीरीज में टीम का रंग-ढंग बदला। हम बात कर रहे हैं सुरेश रैना और अजिंक्य रहाणे की। एक तरफ रहे सुरेश रैना जिन्होंने दूसरे वनडे मैच में 75 गेंदों पर जानदार शतक जड़कर टीम को बेहतरीन जीत दिलाई, वहीं तीसरे वनडे में भी उन्होंने 42 गेंदों पर 42 रनों की पारी खेली और टीम की जीत में अहम योगदान दिया। दूसरी तरफ रहे टीम के दूसरे धुरंधर अजिंक्य रहाणे। इंग्लैंड के इस पूरे दौरे में इस बल्लेबाज ने अब तक सबसे ज्यादा प्रभावित किया है। टेस्ट सीरीज में भी उनका प्रदर्शन लाजवाब रहा और जब वनडे में उनके स्थान में बदलाव करके उनको ऊपर खिलाया गया तब भी उन्होंने किसी को निराश नहीं किया और अपने अनुभव के दम पर जानदार शतक जड़ा।
5. फिर दिखा स्पिनर्स का जलवाः
रविचंद्रन अश्विन और रवींद्र जडेजा से कप्तान धौनी लंबे समय से एक अच्छे प्रदर्शन की उम्मीद कर रहे थे। टेस्ट सीरीज में स्पिनर्स कुछ ज्यादा करते तो नजर नहीं आए लेकिन वनडे सीरीज में भारतीय स्पिनर्स ने अपनी सबसे बड़ी ताकत को इंग्लैंड पर जमकर आजमाया। जडेजा ने जहां वनडे सीरीज में अब तक 7 विकेट झटके हैं वहीं, अश्विन ने तीन मैचों में 6 विकेट झटके। इसके अलावा बीच-बीच में सुरेश रैना ने भी अपनी फिरकी से विरोधी बल्लेबाजों को रोकने में अहम भूमिका निभाई।