बीसीसीआइ और आइसीसी के बीच तनातनी चरम पर, चैंपियंस ट्रॉफी से हट सकता है भारत
बीसीसीआइ और आइसीसी के बीच तनातनी काफी बढ़ गई है। क्रिकेट की दोनों शक्तियों के मुखिया भारतीय हैं, लेकिन इन दोनों के बीच कुछ भी अच्छा नहीं चल रहा है
अभिषेक त्रिपाठी, नई दिल्ली।बीसीसीआइ और आइसीसी के बीच तनातनी काफी बढ़ गई है। क्रिकेट की दोनों शक्तियों के मुखिया भारतीय हैं, लेकिन इन दोनों के बीच कुछ भी अच्छा नहीं चल रहा है।दैनिक जागरण ने ही सबसे पहले बताया था कि पूर्व बीसीसीआइ अध्यक्ष और वर्तमान में आइसीसी के स्वतंत्र चेयरमैन शशांक मनोहर भारतीय बोर्ड की ही मदद नहीं कर रहे हैं। लोढ़ा समिति की सिफारिशों को लेकर बोर्ड ने आइसीसी से मदद मांगी थी जिसे उन्होंने अनसुना कर दिया था। इसके बाद आइसीसी ने अगले साल इंग्लैंड में एक से 18 जून तक होने वाली चैंपियंस ट्रॉफी के लिए 13 करोड़, 50 लाख डॉलर (लगभग 904 करोड़ रुपये) का बजट आवंटित करने का फैसला किया था और दुबई में हुई फाइनेंस कमेटी की बैठक से भारत को ही बाहर कर दिया था।
इसके बाद तो बीसीसीआइ का पारा और चढ़ गया और बीसीसीआइ सचिव अजय शिर्के ने चैंपियंस ट्रॉफी से हटने तक की धमकी दे डाली। शिर्के ने कहा कि हमारे लिए यह शर्मनाक है। यह ऐसी कमेटी है जहां सभी बड़े निर्णय लिए जाते हैं। अगर इस कमेटी में भारत का कोई प्रतिनिधित्व करने वाला नहीं होगा तो यह हमारे लिए शर्मनाक है।बीसीसीआइ के एक अधिकारी ने कहा कि मैंने शशांक से कुछ दिन पहले कहा था कि भारत चैंपियंस ट्रॉफी से हट सकता है तो उन्होंने कहा कि जिसे हटना है हट जाए।
उन्होंने कहा कि शशांक के मुंह से ऐसा सुनकर मैं हतप्रभ रह गया। हालांकि शशांक से इस बारे में जानने की कोशिश की गई तो कोई जवाब नहीं आया।अनुराग और शिर्के ने ही जगमोहन डालमिया के निधन के बाद मनोहर को बोर्ड अध्यक्ष बनाने में अहम भूमिका निभाई थी। बीसीसीआइ के सहारे ही शशांक आइसीसी के पहले स्वतंत्र चेयरमैन बने। अब वह पांच साल तक के लिए इस पद पर आसीन हो चुके हैं तो उन्होंने बीसीसीआइ की ही सुनना बंद कर दिया है। अब शिर्के और अनुराग सहित अधिकतर अधिकारी अपने ही बोर्ड के पूर्व अध्यक्ष के व्यवहार से व्यथित हैं। बोर्ड के एक अधिकारी ने कहा कि हमें इस बात का सबसे ज्यादा दुख है कि हमारे बोर्ड के पूर्व अध्यक्ष की सत्ता वाला आइसीसी ही हमारे खिलाफ काम कर रहा है। आइसीसी की 70 फीसद आमदनी हमारे कारण होती है तो कुछ लोग रॉबिन हुड बनने की कोशिश कर रहे हैं।
टकराव की वजह
बीसीसीआइ को इस साल आठ मार्च से तीन अप्रैल तक टी-20 विश्व कप के आयोजन के लिए आइसीसी ने चार करोड़, 50 लाख डॉलर (लगभग 301 करोड़ रुपये) आवंटित किए थे जबकि इंग्लैंड क्रिकेट बोर्ड (ईसीबी) को चैंपियंस ट्रॉफी के लिए इससे तीन गुना ज्यादा धन आवंटित किया जाना है। चैंपियंस ट्रॉफी में ईसीबी को सिर्फ 15 मैचों की मेजबानी करनी है। वहीं, भारत में टी-20 विश्व कप 27 दिन चला था और इस दौरान 58 मैच हुए थे। इसके अलावा आइसीसी लंदन में एक कार्यालय बना रहा है जिसे टूर्नामेंट खत्म होने के बाद ईसीबी को सौंप दिया जाएगा।