कोहली, रूट व स्मिथ में प्रतिस्पर्धा
इन दिनों विश्व क्रिकेट में एक कड़ी टक्कर जारी है। ये टक्कर है तीन धुरंधरों के बीच।
(सुनील गावस्कर का कॉलम)
80 के दशक में चार महान ऑलराउंडर क्रिकेट की शोभा बढ़ाते थे। कपिल देव, इमरान खान, इयान बॉथम और रिचर्ड हेडली। शुरुआत उन्होंने तेज गेंदबाज के रूप में की थी, लेकिन समय के साथ उन्होंने अपनी बल्लेबाजी में भी इस कदर सुधार किया कि बल्लेबाजी के दम पर भी उन्होंने अपने देश को मैच जिताए। एक ऑलराउंडर वही होता, जो टीम में एक बल्लेबाज या फिर गेंदबाज के तौर पर जगह बना ले। आज रविचंद्रन अश्विन ऐसे ही खिलाड़ी हैं, जो भारतीय टीम में एक गेंदबाज के साथ-साथ बल्लेबाज के तौर पर भी जगह बना सकते हैं।
उपरोक्त चारों खिलाडि़यों के बीच कड़ी प्रतिस्पर्धा थी और अगर इनमें से कोई अच्छा प्रदर्शन करता था, तो यह प्रतिस्पर्धा और भी बढ़ जाती थी। यह एक तरह से बाकी तीन खिलाडि़यों के लिए प्रेरणा का काम करता था और वो साबित करने में लग जाते थे कि वे भी उतने ही अच्छे खिलाड़ी हैं। उनकी इस प्रतिस्पर्धा से टीम को फायदा होता था क्योंकि इनमें से कोई भी हार मानना नहीं चाहता था। यह बात सही है कि उनके बहुत से प्रदर्शन उनके टीम के साथियों पर भी निर्भर थे। अगर टीम के बाकी खिलाड़ी अपने प्रदर्शन में सुधार नहीं करेंगे, तो एक अकेला महान खिलाड़ी अपने दम पर हमेशा मैच नहीं जिता सकता।
आज क्रिकेट को दुनिया के चार महान बल्लेबाजों के बीच प्रतिस्पर्धा देखने का सुखद अनुभव हो रहा है। विराट कोहली, एबी डिविलियर्स, स्टीवन स्मिथ और जो रूट। सभी मध्यक्रम के बल्लेबाज आगे बढ़कर नेतृत्व कर रहे हैं और अपने शॉट्स से बल्लेबाजी को एक नए स्तर पर ले जा रहे हैं। केन विलियम्सन भी इनसे बहुत ज्यादा पीछे नहीं हैं। लेकिन ये चारों बल्लेबाज अपनी-अपनी टीम में सर्वश्रेष्ठ हैं। ये दुनिया की किसी भी टेस्ट टीम में आसानी से शामिल हो सकते हैं। ये भले ही स्वीकार न करें, लेकिन अगर एक बल्लेबाज शतक लगाता है, तो अन्य भी बड़ी पारी खेलते हैं। इसलिए जब कोहली ने अपना पहला दोहरा शतक लगाया, तो रूट को भी ऐसा ही प्रदर्शन करते देख बिल्कुल हैरानी नहीं हुई। कोहली ठीक 200 के स्कोर पर आउट हो गए जबकि रूट ने पाकिस्तान के खिलाफ 245 रनों की पारी खेलने के बाद अगली पारी में 71 रन बनाए। दूसरा टेस्ट जीतकर इंग्लैंड ने सीरीज को बराबरी पर ला खड़ा किया है। एलिस्टेयर कुक ने भी अपना 29वां शतक पूरा किया। हालांकि दूसरे टेस्ट की दोनों पारियों में अपनी असाधारण बल्लेबाजी के लिए रूट को इस हफ्ते सीएट इंटरनेशनल क्रिकेटर ऑफ द वीक चुना जाता है।
(पीएमजी)