अरे क्रिकेट के दीवानों, जरा इस तरफ भी नजर डालो, क्या ये सही हो रहा है?
माना भारत क्रिकेट का दीवाना देश है और हमारी क्रिकेट टीम भी शानदार है लेकिन क्या इस वजह से एक अद्भुत प्रतिभा के गलत व्यवहार ठीक है?
(बर्थडे स्पेशल)
(शिवम् अवस्थी), नई दिल्ली। 'कोशिश रहती है कि मंजिल से शानदार सफर हो, ताकि मंजिल मिलने पर सुकून तो मिले..किसी ने कहा हर पराए को अपना बनाते चलना, कारवां बन जाएगा.. दुनिया तो कदमों में थी, पर वो सुकून ही क्या जहां अपनों से ही पहचान न मिले।
ये लाइनें हमारी तरफ से उस महान खिलाड़ी के लिए हैं जो आज 43 साल का हो गया है। एक ऐसा अनुभवी नौजवान जिसने 24 सालों से दुनिया भर में नाम बटोरा है, हर जमीन पर तिरंगा फहराया लेकिन जब बात आई घर में साथ मिलने की तो सभी ने आंखें चुरा लीं। क्या है पूरा मामला आइए जानते हैं।
- क्रिकेटिया देश में अनोखी है ये प्रतिभा
लिएंडर पेस। आज ये खिलाड़ी दुनिया भर में टेनिस इतिहास के सर्वेश्रेष्ठ डबल्स खिलाड़ियों में गिना जाता है, उम्र 43 साल की हो गई लेकिन पिछले महीने ही फ्रांस की लाल बजरी पर अपना 18वां ग्रैंड स्लैम जीता है। जी हां, एक ऐसे खेल में जहां पूरी दुनिया के खिलाड़ी मशक्कत करते हैं न कि क्रिकेट की तरह 10-12 देश (जिसमें जिंबाब्वे जैसी टीम भी शामिल हैं)। हर मोर्चे पर इस खिलाड़ी ने खिताब जीते, दिल जीते, हर ट्रॉफी के बाद अपने संबोधन में घर में मौजूद हम भारतीय फैंस को शुक्रिया कहा और तिरंगा फहराना तो कभी नहीं भूला..ट्रॉफी जीतने पर उनको एयरपोर्ट पर कभी भारतीय क्रिकेट टीम जैसा स्वागत तो नहीं मिला लेकिन आज जो कुछ उनके साथ हो रहा है, वो काफी अजीब है। क्या है पूरा मामला, आइए जानते हैं.....
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- आखिर क्या है मामला
मामला कुछ दिन पुराना भी है या इसको नया भी कह सकते हैं क्योंकि भारत में क्रिकेट की दीवानगी के बीच कई चीजें अनदेखी हो जाती हैं। दरअसल नियम के मुताबिक भारत रियो ओलंपिक 2016 के लिए अपनी एक ही डबल्स टीम भेज सकता है और सबसे अच्छी रैंकिंग वाले खिलाड़ी को मौका मिलता है कि वो अपना जोड़ीदार चुने। इसी आधार पर 36 वर्षीय टेनिस खिलाड़ी रोहन बोपन्ना (डबल्स रैंकिंग-10) को हाल ही में मौका मिला कि वो ओलंपिक के लिए अपना जोड़ीदार चुनें, सब चाह रहे थे कि वो पेस का नाम लें ताकि वो रिकॉर्ड सातवीं बार ओलंपिक में अपना दम दिखा सकें क्योंकि डबल्स में आज भी उनसे बेहतर कोई नहीं लेकिन बोपन्ना ने 124वीं रैंकिंग वाले साकेत मायनेनी को चुनकर सबको हैरान कर दिया। वहीं, पेस ने मिक्स्ड डबल्स में न खेलने का फैसला लिया था क्योंकि वो एक ही वर्ग में हिस्सा ले सकते थे लेकिन यहां भी हकीकत अजीब रही, सानिया मिर्जा ने भी पेस के नाम पर मुंह मोड़ लिया था। हैरानी की बात तो ये है कि पिछले ओलंपिक में भी पेस को लेकर सभी ने ऐसे ही मुंह मोड़ा था। हालांकि अखिल भारतीय टेनिस संघ ने पिछले हफ्ते अपना जोरदार फैसला सुनाया और बोपन्ना का जोड़ीदार पेस को बना दिया गया। यानी अब बोपन्ना को ओलंपिक में अपनी सीनियर की अगुआइ में ही खेलना पड़ेगा।
- ऐसा हो क्या गया?
बोपन्ना हों या सानिया मिर्जा, सबका कहीं न कहीं इशारा यही है कि लिएंडर पेस और उनका खेल मेल नहीं खाता। जबकि कुछ खबरों का मानना ये है कि पेस का व्यवहार इन खिलाड़ियों को पसंद नहीं। वैसे ये समझने में थोड़ा अजीब इसलिए लगता है क्योंकि पेस ने अपने इतने लंबे करियर में रिकॉर्ड 100 खिलाड़ियों के साथ जोड़ी बनाई है और दिग्गज से दिग्गज खिलाड़ियों ने उनकी हमेशा तारीफ की। कुछ समय पहले महेश भूपति ने भी कुछ ऐसी बातें कही थीं, भूपति का कोर्ट पर करियर तो ढीला पड़ गया लेकिन पेस के साथ अब भी दुनिया के दिग्गज खिलाड़ी जोड़ी बनाने को बेताब रहते हैं।
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ये है शानदार करियर, अब आप ही तय करें
- पेस रियो में अपना सातवां ओलंपिक खेलने उतरेंगे। इतने ओलंपिक खेलने का ये किसी भी भारतीय एथलीट का रिकॉर्ड है।
- ओलंपिक टेनिस में व्यक्तिगत पदक जीतने वाले पेस एकमात्र भारतीय खिलाड़ी हैं। उन्होंने 1996 अटलांटा ओलंपिक में कांस्य जीता था।
- ग्रैंड स्लैम खिताब जीतने वाले पेस सबसे उम्रदराज खिलाड़ी हैं। उन्होंने ये कामयाबी राडेक स्टेपानेक के साथ 2013 में यूएस ओपन डबल्स खिताब जीतकर हासिल की थी।
- ग्रैंड स्लैम खिताब- 18 (8 डबल्स, 10 मिक्स्ड डबल्स)
डबल्स में करियर के कुल खिताब- 55
मिक्स्ड डबल्स में करियर के कुल खिताब- 10