आखिर क्या है IPL में हैट्रिक लेने वाले कंगारू बॉलर का खतरनाक हथियार 'नकल बॉल'?
पहले आइपीएल मैच में हैट्रिक लेने वाले एंड्रयू टाइ ने सभी टीमों के बल्लेबाजों को अपनी 'नकल बॉल' झेलने की अप्रत्यक्ष चुनौती भी दे डाली है। क्या है उनका यह हथियार...
नई दिल्ली, भारत सिंह। आइपीएल 10 में अब तक ऑस्ट्रेलियाई खिलाड़ियों की ही धूम मची हुई है। बल्ले की बात हो या गेंद की ऑस्ट्रेलियाई खिलाड़ी अपने प्रदर्शन से बाकी देशों के खिलाड़ियों को कड़ी टक्कर दे रहे हैं। ऑस्ट्रेलियाई खिलाड़ी एंड्रयू टाइ ने गुजरात की टीम में आते ही पहले मैच में 5 विकेट चटकाने का काम किया है। इसके साथ ही उन्होंने सभी टीमों के बल्लेबाजों को एक अप्रत्यक्ष चुनौती भी दे डाली है।
टाइ ने पुणे के खिलाफ मैच में हैट्रिक लगाई और एक समय में बड़ा स्कोर खड़ा करने जा रही स्मिथ की टीम को समेटने में अहम भूमिका निभाई। उन्होंने गुजरात के 20वें ओवर की पहली गेंद में 27 गेंदों में 31 रन बनाकर खेल रहे मनोज तिवारी को इशान किशन के हाथों कैच करवाया। अगली गेंद में उन्होंने 15 गेंदों में 25 रन बनाकर खेल रहे अंकित शर्मा को मैक्कुलम के हाथों कैच करवाया और हैट्रिक गेंद पर शर्दुल ठाकुर को बोल्ड किया। टाइ ने मैच के बाद कहा कि उनका सबसे बड़ा हथियार उनकी 'नकल बॉल' है। आइए जानते हैं क्या है यह 'नकल बॉल' और टाइ ने कैसे किया इसका इस्तेमाल-
खूब किया इस हथियार का इस्तेमाल
टाइ दाएं हाथ के तेज गेंदबाज हैं और 'नकल बॉल' उनकी स्लोअर डिलीवरी होती है। उन्होंने अपने 4 ओवरों में करीब 60 फीसदी गेंदें 120 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से कीं। यानी यह धीमी गेंदें थीं। इनमें से 4 गेंदों में उन्हें विकेट भी मिले। आप समझ सकते हैं कि उनकी यह गेंद कितनी सफल रही। यह उनका आइपीएल डेब्यू था और वह पहले ही आइपीएल मैच में हैट्रिक और पांच विकेट लेने वाले इकलौते गेंदबाज बन गए हैं। टाइ ने डेब्यू के मामले में शोएब अख्तर के नाम बेस्ट डेब्यू का रिकॉर्ड भी तोड़ने का काम किया है। अख्तर ने 2008 में 11 रन देकर 4 विकेट लिए थे, टाइ ने 17 रन देकर 5 विकेट अपने नाम किए।
पांच साल की मेहनत के बाद पाई सफलता
टाइ ने कहा है कि उन्होंने पांच-छह साल इस गेंद का काफी अभ्यास किया है और अब जाकर परफेक्ट 'नकल बॉल' फेंकने में सफलता पाई है। अब यह टी 20 क्रिकेट में उनका सबसे खतरनाक हथियार है। टाइ ने इससे पहले बिग बैश लीग में भी हैट्रिक ली थी। उन्होंने कहा कि बिग बैश में तो उन्हें भरोसा नहीं था कि वह हैट्रिक लगाने जा रहे हैं, पर आइपीएल में आने तक उनकी 'नकल बॉल' इतनी घातक हो गई थी कि उन्हें हैट्रिक का पूरा भरोसा था।
आखिर क्या है 'नकल बॉल' और कहां से आई
'नकल बॉल' से आशय उस गेंद से है, जिसे आप अंगुलियों के नाखूनों से पकड़कर फेंकते हैं। क्रिकेट में यह टर्म बेसबॉल से आया है, जहां काफी 'नकल बॉलिंग' की जाती हैं। क्रिकेट में स्लोअर डिलीवरी के लिए 'बैक ऑफ द हैंड डिलीवरी' या 'ऑफ कटर' स्टाइल में गेंदें की जाती हैं। 'नकल बॉल' में भी दूसरी स्लोअर डिलीवरी की तरह हाथ पूरी रफ्तार से नीते आता है और बल्लेबाज भ्रमित होकर गेंद की स्पीड का अनुमान नहीं लगा पाता है।
बेसबॉल में 'नकल बॉल' की ग्रिप-
गलत टर्म है 'नकल बॉल'
हालांकि आपको बता दें कि क्रिकेट के कई टर्म की तरह 'नकल बॉल' भी अपने आप में एक गलत टर्म है, क्योंकि इसमें गेंदबाज अपने गेंद को पकड़ने के लिए नकल (अंगुलियों के जॉइंट) का इस्तेमाल नहीं करता, बल्कि अंगुलियों के नाखूनों से गेंद को पकड़ता है और सही समय पर गेंद रिलीज करता है। 'नकल बॉल' के लिए सीम से पहले या इसके दोनों ओर ग्रिप बनाई जाती है और यह डिलीवरी से पूरी तरह स्पिन को निकाल देती है। इसलिए भी यह और खतरनाक हो जाती है। इस गेंदबाजी में गेंद काफी कम रोटेट होती है और पुश्ड डिलीवरी के अंदाज में हवा को काटते हुए आगे बढ़ती है।
क्रिकेट में 'नकल बॉल' कराने का एक अंदाज-
जहीर खान भी करते हैं इसका इस्तेमाल
भारतीय गेंदबाजों में जहीर खान भी 'नकल बॉल' करने के लिए जाने जाते हैं। कई गेंदबाजों ने 'नकल बॉल' को अपने तरीके से बदल भी लिया है। कुछ लोग नाखूनों से इसे पकड़ते हैं तो कुछ अंगुलियों की नोंक से। एक्शन चेंज होने से पहले वेस्टइंडीज के ऑफ स्पिनर सुनील नरेन गेंद को नकल से पकड़ते थे, हालांकि अब वह कम ही ऐसा करते हुए नजर आते हैं। इसलिए नरेन भी एक्शन बदलने से पहले काफी घातक गेंदबाज हुआ करते थे।
सुनील नरेन की 'नकल ग्रिप'-
उम्मीद है कि आइपीएल में इस तरह की गेंदबाजी से बल्लेबाजों के मन में कुछ खौफ पैदा होगा और क्रिकेट में गेंद और बल्ले का पलड़ा कुछ हद तक बराबरी का होगा।