MS Dhoni पर आंख बंदकर भरोसा क्यों करता था BCCI? पूर्व सेलेक्टर ने किया बड़ा खुलासा
Bhupinder Singh on MS Dhoni। भारतीय क्रिकेट टीम को आईसीसी टूर्नामेंट में खिताब जीते हुए एक दशक बीत चुका है। आखिरी बार टीम इंडिया ने साल 2013 में महेंद्र सिंह धोनी की कप्तानी में चैंपियंस ट्रॉफी में जीत हासिल की थी।
नई दिल्ली, स्पोर्ट्स डेस्क। Bhupinder Singh on MS Dhoni। भारतीय क्रिकेट टीम को आईसीसी टूर्नामेंट में खिताब जीते हुए एक दशक बीत चुका है। आखिरी बार टीम इंडिया ने साल 2013 में महेंद्र सिंह धोनी की कप्तानी में चैंपियंस ट्रॉफी में जीत हासिल की थी।
इसके बाद से भारतीय टीम कई बार आईसीसी ट्रॉफी के फाइनल में पहुंची है, लेकिन एक बार भी चैंपियन नहीं बन पाई। हाल ही में भारत ने रोहित शर्मा की कप्तानी में वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप का फाइनल गंवाया। इस कड़ी में पूर्व भारतीय सेलेक्टर भूपिंदर सिंह ने BCCI के धोनी पर आंख बंदकर भरोसा करने को लेकर एक बड़ा खुलासा किया है।
BCCI ने MS Dhoni को क्यों बनाया था कप्तान? पूर्व सेलेक्टर ने बताई वजह
दरअसल, टी-20 विश्व कप 2022 में भारतीय टीम को हार का सामना करना पड़ा था। साल 2013 में एमएस धोनी (MS Dhoni) की कप्तानी में चैंपियंस ट्रॉफी जीतने के बाद से भारत कुल 4 बार आईसीसी ट्रॉफी के फाइनल और सेमीफाइनल में पहुंचा है, लेकिन टीम को हार ही झेलनी पड़ी है।
बता दें कि एमएस धोनी भारत को व्हाइट बॉल में तीनों आईसीसी ट्रॉफी जिताने वाले अब तक के इकलौते कप्तान हैं। इस कड़ी में पूर्व चयनकर्ता भूपिंदर सिंह ने बताया कि धोनी को कप्तान बनाने के पीछे बीसीसीआई की क्या वजह थी।
भूपिंदर सिंह ने ‘हिन्दुस्तान टाइम्स’ को दिए एक इंटरव्यू में बताया कि टीम में एक स्वत: विकल्प होने के अलावा, आप खिलाड़ी के क्रिकेटिंग कौशल, बॉडी लैंग्वेज, सामने से नेतृत्व करने की क्षमता और मैन मैनेजमेंट कौशल को देखते हैं। हमने खेल के प्रति धोनी का दृष्टिकोण, बॉडी लैंग्वेज, दूसरों से बात करने के तरीके को देखा और हमें पॉजिटिव रिएक्शन मिला।
गौरतलब है कि महेंद्र सिंह धोनी की कप्तानी के बाद टीम इंडिया ने द्विपक्षीय सीरीज में काफी शानदार प्रदर्शन किया है, लेकिन आईसीसी ट्रॉफी में जीतने में टीम पूरी तरह से नाकाम रही है। विराट कोहली अपनी कप्तानी में भारतीय टेस्ट टीम को नई बुलांदियों तक जरूर लेकर गए, लेकिन वो भी टीम को किसी भी फॉर्मेट में आईसीसी ट्रॉफी जिताने में असफल रहे।