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T20WC 2022 के लिए भारतीय टीम में सेलेक्ट नहीं होने पर बेहद गुस्से में थे शमी, इस तरह से निकालते थे अपनी भड़ास

T20 World Cup 2022 टी20 वर्ल्ड कप 2022 के लिए जब भारतीय क्रिकेट टीम के 15 सदस्यीय टीम का ऐलान किया गया था तब उसमें मो. शमी का नाम नहीं था। वो तो स्थिति कुछ ऐसी बनी कि वो मुख्य टीम में आ गए।

By Sanjay SavernEdited By: Published: Fri, 04 Nov 2022 05:13 PM (IST)Updated: Fri, 04 Nov 2022 05:13 PM (IST)
भारतीय क्रिकेट टीम के तेज गेंदबाज मो. शमी (एपी फोटो)

नई दिल्ली, आनलाइन डेस्क। टी20 वर्ल्ड कप 2022 के लिए जब भारतीय टीम का ऐलान किया गया था तब 15 सदस्यीय मुख्य टीम में मो. शमी का नाम नहीं था। हालांकि वो टीम में रिजर्व गेंदबाज के तौर पर चुने गए थे। इसके बाज जसप्रीत बुमराह चोटिल होने की वजह से इस टूर्नामेंट से बाहर हो गए और फिर शमी को मुख्य टीम में उनकी जगह शामिल किया गया। मो. शमी को जब पहली बार वर्ल्ड कप के लिए चयनित 15 सदस्यीय टीम में जगह नहीं दी गई थी तब वो बेहद गुस्से में थे। 

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हालांकि मो. शमी हमेशा से ही टी20 मैच खेलने के लिए तैयार थे, लेकिन चयनकर्ताओं ने साफ कर दिया था कि वो अब भारत के लिए सिर्फ टेस्ट और वनडे ही खेलेंगे। शमी ने भारत के लिए इससे पहले टी20 वर्ल्ड कप 2021 में खेला था, लेकिन इसके बाद उन्होंने इस वर्ल्ड कप के बीच में टीम इंडिया के लिए एक भी टी20 मैच नहीं खेला। हालांकि स्थिति कुछ ऐसी बनी और बुमराह व दीपक चाहर वर्ल्ड कप से बाहर हो गए और आवेश खान खराब फार्म में थे इसकी वजह से उन्हें टीम में चुनना पड़ा नहीं तो शायद उन्हें मौका नहीं मिलता। 

अब मो. शमी के कोच  मोहम्मद बदरुद्दीन ने बताया कि वर्ल्ड कप में न चुने जाने पर मोहम्मद शमी काफी गुस्सा थे, लेकिन इसे जाहिर नहीं किया। पिछले साल हुए टी-20 वर्ल्ड कप में शमी का प्रदर्शन साधारण ही रहा था लेकिन इसके बाद आइपीएल 2022 में उनका प्रदर्शन अच्छा रहा था। जसप्रीत बुमराह के टूर्नामेंट से बाहर होने के बाद ही उनका चयन हुआ था। शमी के कोच ने कहा कि वो फ्लड लाइट्स के नीचे ओस से भीगे मैदान वाले हालातों पर वह सटीक यार्कर्स डालना चाहते थे और इसके लिए अमरोहा और मुरादाबाद के बीच पड़ने वाले अपने गांव सहसपुर, अलीनगर की खेतों में प्रैक्टिस की, जहां पिच और मैदान है।

वहीं उन्होंने आगे कहा कि उनके अभ्यास के लिए हमने लगभग 10 गीली गेंदें रखी थी और वो बिना रुके गेंदबाजी करते थे। गीली गेंदों पर ग्रिप बनाना आसान नहीं होता और उन्हें पकड़ने में भी दिक्कत होती है, लेकिन उन्होंने इसका जमकर अभ्यास किया। क्रिकेट के मैदान पर आपका कौशल ही काम आता है और शमी को अपनी कला में महारथ हासिल करने के लिए रोजाना 100 गेंदें फेंकनी पड़ी और अब देखिए आस्ट्रेलिया में वो काफी अच्छा प्रदर्शन कर रहे हैं। वो इस तरह से अपना गुस्सा गेंदों पर निकालते थे। 


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