Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    इंग्लैंड के मुश्किल भरे हालात में शतक लगाने से रवींद्र जडेजा को होगा किस तरह से फायदा, खुद बताया

    By Sanjay SavernEdited By:
    Updated: Sun, 03 Jul 2022 07:09 PM (IST)

    अपने करियर का दूसरा शतक जड़ने वाले जडेजा ने कहा इंग्लैंड की परिस्थितियों में गेंद स्विंग करती है इसलिए आपको अपनी बल्लेबाजी में अनुशासन लाना होता है। आपको चौथे और पांचवें स्टंप की ओर जा रही गेंदों को खेलने के लिए चुनना होता है।

    Hero Image
    भारतीय क्रिकेट टीम के आलराउंडर रवींद्र जडेजा (एपी फोटो)

    बर्मिघम, प्रेट्र। भारत के सीनियर आलराउंडर रवींद्र जडेजा को लगता है कि इंग्लैंड के मुश्किल भरे हालात में शतक जड़ने से बल्लेबाज के तौर पर उनकी प्रतिष्ठा में ही इजाफा नहीं होगा, बल्कि यह उनके करियर में आत्मविश्वास बढ़ाने का काम भी करेगा।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    जडेजा ने 194 गेंद में 104 रन की पारी खेलकर रिषभ पंत (111 गेंद में 146 रन) के साथ छठे विकेट के लिए 222 रन की भागीदारी निभाई और भारत को यहां इंग्लैंड के खिलाफ पांचवें और अंतिम टेस्ट में पहली पारी में पांच विकेट पर 98 रन से वापसी कराई। जडेजा का यह विदेश में पहला शतक था। उन्होंने कहा, 'मैं बहुत खुश हूं कि मैंने भारत के बाहर एक शतक जड़ा और वो भी इंग्लैंड में। एक खिलाड़ी के लिए यह बड़ी चीज है। मैं इंग्लैंड की मुश्किल परिस्थितियों में बनाए गए इस शतक को आत्मविश्वास बढ़ाने के तौर पर लूंगा।'

    पिछले कुछ वर्षों में जडेजा की बल्लेबाजी में काफी सुधार हुआ है। उन्होंने कहा कि इंग्लैंड में बल्लेबाज को सफलता हासिल करने के लिए सबसे महत्वपूर्ण चीज है, गेंद का अंदाजा लगाने की काबिलियत। उन्होंने कहा, 'इंग्लैंड में आपको अपने शरीर के करीब से खेलना होता है क्योंकि अगर आप कवर ड्राइव और स्क्वायर ड्राइव खेलने की कोशिश करोगे तो आपका विकेट के पीछे और स्लिप में लपकने के मौके होते हैं। इसलिए मेरा ध्यान आफ स्टंप से बाहर जा रही गेंदों को छोड़ने का था। मैंने सोचा कि उन्हीं गेंद को हिट करूंगा जो मेरे करीब होंगी और भाग्यशाली रहा कि जो भी गेंद खेली, वो मेरे करीब थीं। आपको अपना आफ स्टंप जानना होता है और आफ स्टंप के बाहर जा रही गेंदों को छोड़ना होता है।'

    अपने करियर का तीसरा शतक जड़ने वाले जडेजा ने कहा, 'इंग्लैंड की परिस्थितियों में गेंद स्विंग करती है इसलिए आपको अपनी बल्लेबाजी में अनुशासन लाना होता है। आपको चौथे और पांचवें स्टंप की ओर जा रही गेंदों को खेलने के लिए चुनना होता है। 40, 50 और 70 रन के स्कोर पर आप अच्छी गेंद पर आउट हो सकते हो। मैं सोच रहा था कि अगर मुझे अच्छी गेंद मिलती है तो मैं कुछ नहीं कर सकता, लेकिन कम से कम मुझे खराब शाट खेलने की कोशिश नहीं करनी चाहिए और बाउंड्री लगाने का प्रयास नहीं करना चाहिए। अगर गेंद मेरी रेंज में आती है तो मैं इसे हिट करूंगा।'

    सौराष्ट्र के इस आलराउंडर ने कहा कि वह टैग में विश्वास नहीं करते। उन्होंने कहा, 'मैं खुद को कोई टैग नहीं देना चाहूंगा। टीम की जरूरत जो भी होगी मैं उसी के अनुसार खेलने की कोशिश करूंगा। बतौर आलराउंडर ऐसी भी स्थिति आती है जब आपको रन जोड़ने होते हैं और टीम के लिए मैच बचाना या जीतना होता है। गेंदबाजी में आपसे विकेट लेने की उम्मीद होती है। टीम को जो भी जरूरत होती है, मैं ऐसा करने की कोशिश करता हूं।'