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Chhattisgarh: विधानसभा चुनाव 2023 में हिंदुत्व की राजनीति कर रही पार्टियां, एक-दूसरे से आगे निकलने की लगी होड़

Chhattisgarh News विधानसभा चुनाव 2023 को लेकर कांग्रेस और बीजेपी हिंदुत्व की राजनीति कर रही है। दोनों पार्टियों ने एक-दूसरे से आगे निकलने की होड़ लगाई है। पार्टी प्रदेश अध्यक्ष एक-दूसरे पर हमलावर होते नजर आ रहे हैं।

By Jagran NewsEdited By: Shalini KumariPublished: Fri, 02 Jun 2023 10:55 AM (IST)Updated: Fri, 02 Jun 2023 10:55 AM (IST)
Chhattisgarh: विधानसभा चुनाव 2023 में हिंदुत्व की राजनीति कर रही पार्टियां, एक-दूसरे से आगे निकलने की लगी होड़
हिंदुत्व की राजनीति करने में लगी भाजपा और कांग्रेस

रायपुर, ऑनलाइन डेस्क। छत्तीसगढ़ में होने वाले विधानसभा चुनाव 2023 के लिए भाजपा और कांग्रेस में होड़ लगी हुई है। इस बार दोनों पार्टियां हिंदुत्व को मुद्दा बनाकर चुनावी प्रचार कर रही है। दोनों पार्टियों में होड़ लगी है कि कौन-सी पार्टी हिंदुत्व की राजनीति में आगे निकलता है।

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मतांतरण को रोकने का प्रयास

एक तरह भाजपा और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ ने मिलकर आदिवासी इलाकों में मतांतरितों को घर वापसी कराना शुरू कर दिया है। इसके साथ ही, जहां भी गुप्त रूप से मिशनरियों द्वारा किए जा रहे मतांतरण को प्रभावी ढंग से रोकने के लिए एक टीम बनाई है, जिसमें विश्व हिंदू परिषद के सदस्यों को चुना गया है।

गोधन न्याय योजना का करेगी बखान

वहीं दूसरी ओर, कांग्रेस सरकार ने गोबर अर्थव्यवस्था और राम वन गमन परिपथ, राष्ट्रीय रामायण प्रतियोगिता, हनुमान चालीसा का पाठ आदि के माध्यम से हिंदुत्व की राजनीति करनी शुरू कर दी है। जून में छत्तीसगढ़ कांग्रेस कार्यकर्ता सम्मेलन में गोधन न्याय योजना के बारे में लोगों का बताकर रिझाने की कोशिश करेगी।

मतांतरण कर चुके लोगों की तेजी से हो रही घर वापसी

विश्व हिंदू परिषद के प्रदेश अध्यक्ष संतोष गोलछा ने कहा कि वह गांव-गांव घूमकर लोगों को जागरूक करने का प्रयास कर रहे हैं। मतांतरण कर चुके लोगों की तेजी से घर वापसी हो रही है और लोगों ने जमकर मतांतरण का विरोध भी किया है। धर्म जागरण मंच के प्रदेश संयोजक पूणेंद्र सिन्हा ने कहा कि वह मतांतरण के खिलाफ लगातार काम कर रहे हैं और आगे भी करते रहेंगे।

वहीं, भाजपा अनुसूचित जनजाति मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष कास मरकाम ने कहा कि मतांतरण के लिए प्रशासन से अनुमति लेनी पड़ती है, लेकिन ऐसा नहीं हो रहा है, तो पार्टी इसका विरोध करेगी। बस्तर में मतांतरण से संघर्ष की स्थिति बन गई है, इसलिए यह चुनावी मुद्दा रहेगा।

भूपेश सरकार ने पुरानी मान्यताओं को पुनर्जीवित किया

प्रदेश कांग्रेस संचार विभाग के अध्यक्ष सुशील आनंद शुक्ला ने कहा कि भाजपा हिंदुत्व की राजनीति मतों की ध्रुवीकरण के लिए करती है। भूपेश सरकार ने छत्तीसगढ़ की सांस्कृतिक, ऐतिहासिक और पौराणिक मान्यताओं को पुनर्जीवित किया। उन्होंने कहा कि प्रदेश में तीजा महोत्सव, आदिवासी नृत्य महोत्सव के साथ कौशल्या माता के मायके और राम वनगमन पथ का निर्माण किया गया है।

मतांतरण को बताया दिमागी फितूर

सुशील आनंद ने भाजपा पर निशाना साधते हुए कहा कि 15 वर्ष में भाजपा की सरकार रही और उसने कोई काम नहीं किया। हमने गोसेवा के लिए गोबर-गोठान और छत्तीसगढ़ की पुरानी परंपरा को पुनर्जीवित किया है। इसके साथ ही, उन्होंने भाजपा के मतांतरण वाले मुद्दे पर कहा कि पार्टी केवल सरकार को बदनाम करने के लिए मतांतरण की बात कर रही है, यह सिर्फ उनके दिमाग का फितूर है।

29 विधानसभा आदिवासी बाहुल्य

वर्ष 2018 के चुनाव में भाजपा को 15 और कांग्रेस को 68 सीटें जीती थी। छत्तीसगढ़ की 90 विधानसभा में से 29 विधानसभा सीट आदिवासी बाहुल्य है और यहां एक लाख से अधिक मतदाता हैं। 20 सीटों पर 50 हजार से एक लाख आदिवासी मतदाता है। वहीं, अनुसूचित जाति के लिए 10 सीटें आरक्षित हैं। 


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