इनकम टैक्स रिटर्न फाइल कर रहे हैं? तो इन संपत्तियों का खुलासा करना है जरूरी
इनकम टैक्स रिटर्न भरने की अंतिम तारीख 31 जुलाई है।
नई दिल्ली (बिजनेस डेस्क)। इनकम टैक्स रिटर्न (आईटीआर) फाइल करने की तारीख जैसे-जैसे करीब आ रही है, लोगों में इसे लेकर बेचैनी भी बढ़ती जा रही है कि कैसे जल्दी से जल्दी इसे खत्म किया जाए। आईटीआर में अपने इनकम सोर्स की जानकारी देनी होती है, ताकि आयकर विभाग को इस बात की पूरी जानकारी मिल सके कि आपने कहां से आय अर्जित की है।
कई बार टैक्स देनेवाले कुछ अहम बातों को आईटीआर में बताना भूल जाते हैं या फिर जान-बूझकर छिपाने की कोशिश करते हैं। ऐसे में वे सीधे तौर पर इनकम टैक्स डिपार्टमेंट की रडार में आ जाते हैं। तो आइए जानते हैं आईटीआर से जुड़ी कुछ अहम जानकारियां:
किसके लिए है यह जरूरी
इनकम टैक्स देने वाले हर किसी के लिए अपनी संपत्ति और कर्ज की जानकारी देनी जरूरी नहीं है। इसकी दरकार तभी होगी जब आपकी टैक्सेबल इनकम में साल में 50 लाख का इजाफा हो जाए। इसलिए जो लोग आईटीआर फॉर्म 1 (सहज) भरते हैं, उनके लिए संपत्ति और कर्ज से जुड़ी जानकारी देनी जरूरी नहीं है। लेकिन अगर आप किसी बिजनेस से जुड़े हैं और इसलिए आईटीआर की बैंलेस-शीट में उसे दिखाना चाहते है तो ऐसे में आपको अपनी उन संपत्तियों के बारे में बताना होगा, जिसकी जानकारी आपने आईटीआर में नहीं दी है।
किस तरह की संपत्ति की जानकारी देनी है
अपनी संपत्ति और कर्ज की जानकारी देने के लिए फॉर्मेट बिल्कुल आईटीआर जैसा ही है, सिवाए आईटीआर 3 और 4 को छोड़कर। यहां आपको अपने उस फर्म के इंटरेस्ट का ब्यौरा देना होता है, जिसमें आप एक पार्टनर हैं। Asset & Liability (AL) शेड्यूल के अंदर आपको अपनी संपत्ति और कर्ज की पूरी जानकारी 31 मार्च तक जुटानी जरूरी है। अगर आपने कोई संपत्ति इस साल के दौरान बेची या किसी को दी है तो वो इस शेड्यूल का हिस्सा नहीं होगा।
अचल संपत्ति का ब्यौरा
आपको अपनी अचल संपत्ति जैसे कि जमीन, बिल्डिंग वगैरह के बारे में विस्तार से जानकारी देनी होगी। अचल संपत्ति की डिटेल्स देने के दौरान आपको प्रॉपर्टी का पता, मूल्य और पूरा विवरण भी देना होगा। इसमें न सिर्फ आपके द्वारा खरीदी गई अचल संपत्तियों का जिक्र होगा बल्कि गिफ्ट और पैतृक तौर पर मिली संपत्ति के बारे में भी बताना होगा। अगर पैतृक गांव में आपके पास पिता से मिला एक घर है तो उसकी जानकारी भी जुटाकर देनी होगी। यहां तक कि अगर आप किसी प्रॉपर्टी में ज्वाइंट ऑनर हैं तो भी उसकी जानकारी आपको जमा करनी होगी।
चल संपत्ति का ब्यौरा
एएल शेड्यूल में अपनी अचल संपत्ति जैसे कि कैश इन हैंड, बैंक बैलेंस, शेयर एंड सिक्योरिटीज, लोन एंड एडवांस वगैरह की जानकारी आपको देनी होती है। इसके साथ ही अन्य दूसरी चल संपत्ति मसलन ज्वैलरी, बुलियन, व्हीकल, याट्स, बोट्स, एयरक्राफ्ट और वर्क ऑफ आर्ट आदि का विवरण 31 मार्च तक जमा करना होता है।
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