रिटायरमेंट से पहले इन 10 सूरतों में निकाल सकते हैं EPF का पैसा
ईपीएफओ सदस्य अपने बेटे या बेटी की मैट्रिक के बाद की पढ़ाई के लिए पैसों की निकासी कर सकते हैं
By Praveen DwivediEdited By: Published: Tue, 10 Jul 2018 03:35 PM (IST)Updated: Sat, 21 Jul 2018 11:09 AM (IST)
नई दिल्ली (बिजनेस डेस्क)। रिटायरमेंट फंड बॉडी कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) अपने सब्सक्राइबर्स को एंप्लॉयी प्रोविडेंट फंड (EPF) से कुछ विशेष उद्देश्यों के लिए पैसों की निकासी की सुविधा देता है। हाल ही में सब्सक्राइबर्स को यह सुविधा दी गई है कि वो नौकरी जाने की सूरत में 30 दिन बाद अपने फंड में जमा पैसों में से 75 फीसद की निकासी कर सकते हैं।
वर्तमान नियम सब्सक्राइबर्स को अनुमति देते हैं कि वो नौकरी जाने की सूरत में दो महीने बाद अपने फंड में जमा पूरे पैसों की निकासी कर सकते हैं। हालांकि नौकरी में रहते हुए भी ईपीएफओ पैसों की आंशिक निकासी की अनुमति देता है।
- सब्सक्राइबर्स खुद की, अपनी बेटी या बेटा, बहन या फिर भाई की शादी के लिए फंड में जमा पैसों में से 50 फीसद की निकासी कर सकते हैं। हालांकि इसके लिए सब्सक्राइबर्स का 7 साल पुराना ईपीएफ खाताधारक होना जरूरी है।
- ईपीएफओ सदस्य अपने बेटे या बेटी की मैट्रिक के बाद की पढ़ाई के लिए पैसों की निकासी कर सकते हैं।
- अगर कोई कंपनी बंद हो चुकी है और उसे 15 दिन बीत चुके हैं। कंपनी के कर्मचारी बिना किसी मुआवजे के साथ बेरोजगार घूम रहे हैं या फिर कर्मचारियों को लगातार दो से तीन महीनों से वेतन नहीं मिला है तो ऐसे कर्मचारी अपने ईपीएफ फंड से पैसों की निकासी कर सकते हैं। हालांकि इस निकासी पर भी एक निश्चित सीमा लागू होती है।
- अगर किसी कर्मचारी को कंपनी से निकाल दिया गया है और उसने मामले को अदालत में उठा दिया है तो इस सूरत में कर्मचारी अपने ईपीएफ खाते 50 फीसद राशि की निकासी कर सकता है।
- ईपीएफओ सदस्य ट्यूबरकुलोसिस (टीबी), लेप्रोसी (कुष्ठ रोग),लकवा, कैंसर,मानसिक एवं हृदय संबंधी रोग होने की सूरत में अपने फंड में से पैसों की निकासी कर सकते हैं। यह उसी सूरत में होगा जब आप बीमारी की सूरत में बीते एक महीने से अस्पताल में हों।
- अगर बाढ़ और भूकंप जैसी अप्रत्याशित प्राकृतिक आपदाओं से सब्सक्राइबर्स की संपत्ति को नुकसान होता है तो वह अपने पीएफ फंड में से 5,000 रुपये या फिर फंड का 50 फीसद हिस्सा (इनमें से जो भी कम हो) की निकासी कर सकता है।
- विकलांग सदस्यों को अपने उपकरण की खरीद के लिए ईपीएफ खाते से पैसों की अग्रिम निकासी (नॉन रिफंडेबल) की अनुमति होती है।
- एक ईपीएफओ सदस्य 54 साल की उम्र का होने पर किसी भी समय अपनी ईपीएफ राशि का 90 फीसद हिस्सा निकाल सकता है।
- ईपीएफओ सदस्यों को 55 वर्ष की आयु प्राप्त करने के बाद किसी भी समय ईपीएफ की राशि का 90 फीसद हिस्सा निकालने की अनुमति मिलती है, जिसे भारत के जीवन बीमा निगम (एलआईसी) में स्थानांतरित किया जा सकता है।
- 5 साल बीत जाने के बाद ईपीएफओ सब्सक्राइबर्स अपने फंड में जमा पैसों की निकासी घर बनवाने या नया घर खरीदने के लिए भी कर सकते हैं।
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