नए साल में करें बीमा के जरिये बचत
लंबी अवधि की बचत के लिहाज से जीवन बीमा की मांग फिर बढ़ गई है। नई सरकार के साथ लोगों की उम्मीदें बढ़ने व शेयर बाजार के पुनरुत्थान के साथ ही भावनात्मक वातावरण काफी सकारात्मक है। इसी के साथ बेहतर आर्थिक भविष्य की संभावनाओं को लेकर भारतीयों का आत्मविश्वास बढ़ा
लंबी अवधि की बचत के लिहाज से जीवन बीमा की मांग फिर बढ़ गई है। नई सरकार के साथ लोगों की उम्मीदें बढ़ने व शेयर बाजार के पुनरुत्थान के साथ ही भावनात्मक वातावरण काफी सकारात्मक है। इसी के साथ बेहतर आर्थिक भविष्य की संभावनाओं को लेकर भारतीयों का आत्मविश्वास बढ़ा है। नतीजतन, वे ज्यादा बचत के लिए प्रेरित हो रहे हैं।
विकसित देशों की भांति भारत में भी एक नियमित वित्तीय बाजार है जिसमें बैंक जमा से लेकर म्यूचुअल फंड, भविष्य निधि, पेंशन व बीमा जैसे बचत के ढेरों विकल्प उपलब्ध हैं। परंतु इन सबके बीच अहम सवाल यह है कि आखिर 2015 में हमें बीमा उत्पादों को ज्यादा महत्व क्यों देना चाहिए?
आज की तारीख में जीवन बीमा में आपकी जरूरत के मुताबिक आकर्षक उत्पादों की रेंज उपलब्ध है। जहां कम शुल्कों के साथ यूलिप पूरी तरह बदल चुके हैं, वहीं परंपरागत उत्पादों में भी ग्राहकों की जरूरत के अनुसार सुधार किए गए हैं। दोनों को दीर्घकालिक लाभों के हिसाब से नए सिरे से संवारा गया है।
जीवन बीमा के गारंटीशुदा उत्पाद एकमात्र वित्तीय उपकरण हैं, जो सही मायने में दीर्घकालिक रिटर्न के साथ आमदनी प्रदान करते हैं। इससे किसी परिवार की दीर्घकालिक योजना के तहत भविष्य की नकदी की आवश्यकताएं पूरी करने में मदद मिलती है। इसी प्रकार, जीवन बीमा की पुनरीक्षित पेंशन योजनाएं भी अंतर्निहित पूंजी व अनिवार्य वार्षिकीकरण (एन्यूटाइजेशन) के साथ आने लगी हैं। बुढ़ापे में नियमित आमदनी के लिहाज से ये काफी कारगर हैं।
जीवन बीमा सभी आयु वर्ग के लोगों के लिए फायदेमंद है। खासकर भारत के लिए, जो सर्वाधिक युवा जनसंख्या वाला देश है और जहां 60 फीसद से ज्यादा लोग 35 वर्ष से कम आयु के हैं, बीमा में अपार संभावनाएं हैं। खासकर जो लोग अपने करियरकी मध्य अवस्था में हैं, उन्हें सुरक्षा व अनुशासित बचत के जरिये अपनी वित्तीय जिम्मेदारी को सुरक्षित करने पर ध्यान देना चाहिए।
इस लिहाज से जीवन बीमा के समाधान बहुत अच्छे हैं। जैसे-जैसे आपकी आयु बढ़ती है, बच्चों की जिम्मेदारी बढ़ती हैं। ऐसे में चाइल्ड प्लान के जरिये बच्चों के सपनों को सुनिश्चित किया जा सकता है। परिवार के कमाऊ मुखिया की मौत जैसी अनहोनी परिस्थितियों से भी लड़ा जा सकता है। आम तौर पर जीवन बीमा को रिटायरमेंट के बाद के लिए आय के मुख्य साधन के तौर पर देखा जाता है। परंतु ज्यादातर भारतीय इस आवश्यकता को 40 के बाद की आयु तक टालते रहते हैं।
वैसे तो रिटायरमेंट की प्लानिंग करियर के शुरुआत में ही कर लेनी चाहिए। परंतु देर से शुरू करने वालों के लिए भी जीवन बीमा में समाधान मौजूद हैं। जीवन बीमा कंपनियां जीवन व निवेश दोनों से जुड़े जोखिम को प्रबंधित करने के लिए अपनी विशेषज्ञता प्रदान करती हैं। दुनिया भर में जीवन बीमा कंपनियां रिटायरमेंट के बाद लोगों को नियमित आय प्रदान करने में अहम भूमिका निभाती हैं।
जीवन बीमा की सबसे आकर्षक खूबी यह है कि इसमें टिकाऊ रिटर्न, जोखिम कवरेज के साथ आयकर के लाभ भी मिलते हैं। परंपरागत उत्पादों के मामले में यह और भी सही है। अनेक अनुसंधानों से यह बात साबित हुई है और ज्यादातर भारतीय इसी बात को पसंद करते हैं। जीवन बीमा उद्योग के उत्पाद-मिश्रण में परंपरागत उत्पादों की 93 फीसद हिस्सेदारी से भी ग्राहकों की इस प्राथमिकता का पता चलता है।
वर्ष 2014 के केंद्रीय बजट में कुछ कदमों के जरिये आयकर संबंधी लाभ बढ़ाए गए हैं। जैसे कि धारा 80सी के तहत एक लाख रुपये की सीमा को बढ़ाकर डेढ़ लाख रुपये कर दिया गया है, जबकि होम लोन के ब्याज पर छूट की सीमा को दो लाख रुपये तक कर दिया गया है। व्यक्तिगत आय की स्लैब भी दो लाख रुपये से बढ़ाकर ढाई लाख रुपये कर दी गई है। इन बदलावों ने लोगों को जीवन बीमा के जरिये बचत करने व टैक्स का बोझ घटाने का अवसर प्रदान किया है।
नया साल हमें अपनी वित्तीय योजना को नए सिरे से तैयार करने का मौका प्रदान करता है। हमें इस अवसर का उपयोग अपने अल्पकालिक व दीर्घकालिक वित्तीय लक्ष्यों को तय करने में करना चाहिए। जो लोग अपनी वित्तीय आवश्यकताओं से भलीभांति वाकिफ हैं, उनके लिए यह वक्त अपनी वित्तीय स्थिति की समीक्षा करने और आवश्यकताओं तथा दायित्वों का आकलन करने का है।
जीवन बीमा आपकी सभी आवश्यकताओं का समाधान तो नहीं करता। परंतु दीर्घकालिक बचतों के लिहाज से यह सर्वाधिक उपयुक्त विकल्प है, जो आयु के विभिन्न चरणों में आपकी आवश्यकताओं को पूरा करने के साथ-साथ रिटायरमेंट के बाद भी वित्तीय सुरक्षा प्रदान करता है। अल्प अवधि के लिए लिहाज से दूसरे समाधान उपलब्ध हैं, जिनका उपयोग अपने वित्तीय पोर्टफोलियो में जीवन बीमा के साथ पूरक के तौर पर किया जा सकता है।
नया साल आ चुका है। यही वक्त है जब हमें नियमित बचत की आदत डाल लेनी चाहिए, क्योंकि आज के छोटे-छोटे बलिदान ही कल आप व आपके प्रियजनों को बड़ी खुशियां प्रदान करने में मददगार साबित होंगे। हमारी ओर से आपको वर्ष 2015 में सुरक्षित वित्तीय भविष्य की शुभकामनाएं!
राजेश सूद
सीईओ व मैनेजिंग डायरेक्टर
मैक्स लाइफ इंश्योरेंस
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