Income tax slab 2019-20: अंतरिम बजट में हुए बदलावों के बारे में आपको ये 5 बातें मालूम होनी चाहिए
अंतरिम बजट में सरकार ने मिडिल क्लास को काफी सारी राहतें देने की कोशिश की है, ताकि टैक्स पेयर्स पर बोझ कम हो
नई दिल्ली (बिजनेस डेस्क)। बजट सत्र के आस-पास मिडिल क्लास खासकर के टैक्स पेयर्स को आयकर नियमों में कुछ न कुछ बदलावों की हमेशा उम्मीद रहती है। इस बार भी आयकर नियमों (आयकर स्लैब 2019-20) में कुछ बदलाव हुए हैं, लेकिन उनको लेकर काफी सारे लोगों में अभी भी भ्रम की स्थिति बनी हुई है। वित्त वर्ष 2019-20 के लिए पेश हुए अंतरिम बजट में वित्त मंत्री पीयूष गोयल ने मिडिल क्लास (खासकर नौकरीपेशा) को राहत देने के लिए बड़ी सौगात दी है। अंतरिम बजट होने के नाते वित्त मंत्री ने इसमें पूर्ण बजट पेश करने से परहेज करने की कोशिशि की है।
हालांकि इस अंतरिम बजट में सरकार ने मिडिल क्लास को काफी सारी राहतें देने की कोशिश की है, ताकि टैक्स पेयर्स पर बोझ कम हो। सैलरीड क्लास को राहत देते हुए वित्त मंत्री ने छोटे कारोबारियों, गरीब किसानों और पेंशनर्स को काफी सारी राहतें दी हैं।
इनकम टैक्स स्लैब 2019-20 से जुड़ी ये पांच बातें आपको मालूम होनी चाहिए:
- सबसे ज्यादा ध्यान देने योग्य बात यह है कि वित्त मंत्री ने किसी भी नागरिक के लिए इनकम टैक्स स्लैब में कोई बदलाव नहीं किया है। फिर भी वित्त मंत्री ने 5 लाख रुपये तक की आय को करमुक्त कर दिया है। सभी इनकम टैक्स दरों को अपरिवर्तित रखा गया है।
- इसके अलावा 6.50 लाख रुपये तक की सालाना इनकम वालों को टैक्स छूट के दायरे में रखा गया है बशर्ते ऐसे लोगों ने आयकर की धारा 80C के अंतर्गत पब्लिक प्रोविडेंट फंड (पीपीएफ), इक्विटी लिंक्ड सेविंग स्कीम (ईएलएसएस), नेशनल सेविंग सर्टिफिकेट (एनएससी) और इंश्योरेंस स्कीम इत्यादि में निवेश किया हो। इसके अंतर्गत 1.5 लाख रुपये तक की कर-छूट प्राप्त करने का प्रावधान है।
- वहीं करदाता होम लोन के इंटरेस्ट पर 2 लाख रुपये तक और एजुकेशन लोन, नेशनल पेंशन स्कीम कंट्रीब्यूशन, मेडिकल इंश्योरेंस एवं सीनियर सिटीजन के मेडिकल एक्सपेंडीचर पर भी कर छूट का दावा कर सकते हैं।
- वहीं पीयूष गोयल ने अपने अंतरिम बजट में स्टैंडर्ड डिडक्शन में भी इजाफा कर इसे 40,000 से 50,000 रुपये कर दिया है। यानी नौकरीपेशा लोग अपनी टैक्सेबल इनकम में 50,000 रुपये की स्टैंडर्ड डिडक्शन का दावा कर सकते हैं।
- इसके अलावा वित्त मंत्री ने सेकेंड सेल्फ ऑक्युपाइड होम पर भी बड़ी राहत दे दी है। यानी अब अगर आपके पास दो मकान हैं तो सरकार दोनों को आपका सेल्फ ऑक्युपाइड हाउस ही मानेंगी जबकि इससे पहले यह माना जाता था कि आपने एक मकान किराए पर उठा रखा है जिस पर आपको टैक्स देना होता था।
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