Budget 2020: नये केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर-लद्दाख को बड़े आवंटन का तोहफा
वित्त मंत्री ने नौकरीपेशा वालों को भी खुशखबरी दी है। इसके साथ ही कुछ राज्यों के लिए विशेष प्रावधान किया गया।
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद-370 और 35ए हटाने के ऐतिहासिक फैसले के बाद केंद्र सरकार ने इस नये केंद्र शासित प्रदेश में विकास की रफ्तार को बजट की प्राथमिकताओं में शामिल किया है। इसीलिए केंद्र शासित प्रदेश बनाए जाने के बाद जम्मू-कश्मीर को नये बजट में 30 हजार करोड रुपये से अधिक की राशि विकास योजनाओं पर खर्च के लिए प्रदान की है।
वहीं जम्मू-कश्मीर से अलग हुए लद्दाख को भी छह हजार करोड रूपये से कुछ कम का बजट आवंटित किया गया है। जम्मू-कश्मीर को दो केंद्र शासित हिस्सों में बांटे जाने के बाद केंद्रीय सरकार का यह पहला बजट है। केंद्र ही अब इन दोनों नये केंद्र शासित प्रदेश में विकास योजनाओं के कार्यान्वयन से लेकर शासन का संचालन भी कर रहा है। तभी वित्तमंत्री निर्मला सीतारामन ने जम्मू-कश्मीर के लिए 30,757 करोड रूपये की राशि का बजटीय प्रावधान करते हुए कहा कि केंद्र सरकार दोनों नये केंद्र शासित प्रदेशों के चौतरफा विकास के लिए प्रतिबद्ध है। इसमें स्थानीय प्रशासन की केंद्र पूरी सहायता करेगा।
नये केंद्र शासित प्रदेश बने लद्दाख को भी पहली बार आम बजट 2020-21 में स्वतंत्र रूप से 5,958 करोड़ रुपये की राशि आवंटित की गई है। जम्मू-कश्मीर को देश की मुख्यधारा के साथ जोड़ने के लिए एनडीए सरकार शांति बहाली के लिए आर्थिक विकास की गति को तेज करना जरूरी मान रही है। इसीलिए बजट आवंटन के इस ऐलान से पहले राष्ट्रपति ने संसद के दोनों सदनों की संयुक्त बैठक के अपने अभिभाषण में जम्मू-कश्मीर में विकास को नये पायदान पर ले जाने के लिए चल रही तमाम अहम स्कीमों की व्यापक चर्चा की थी।
पंडित दीनानाथ कौल की कविता का जिक्र
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बजट भाषण के दौरान एक कश्मीरी कविता का जिक्र किया। उन्होंने बजट के पीछे मूल भावना का जिक्र करते हुए यह कश्मीरी कविता पढ़ी। कश्मीर में कविता पढ़ने के बाद उन्होंने इसका हिंदी मतलब बताया। उन्होंने कहा, 'हमारा वतन खिलते हुए शालीमार बाग जैसे, हमारा वतन डल झील में खिलते हुए कमल जैसा, नौजवानों के गर्म खून जैसा, मेरा वतन, तेरा वतन, हमारा वतन, दुनिया का सबसे प्यारा वतन।' यह कविता पंडित दीनानाथ कौल की है।
31 अक्टूबर को बने हैं केंद्रशासित राज्य
मोदी सरकार ने दोबारा सत्ता में आने के बाद अगस्त में जम्मू कश्मीर को विशेष राज्य का दर्जा देने वाला आर्टिकल 370 हटा लिया था। इसके साथ ही जम्मू कश्मीर को 31 अक्टूबर को दो केंद्रशासित राज्यों जम्मू कश्मीर और लद्दाख में बांट दिया था।
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