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Budget 2020: इकोनॉमी को पटरी पर लाने के लिए Income Tax में कमी, खर्च में वृद्धि कर सकती है सरकार

Budget 2020 विशेषज्ञों का कहना है कि घरेलू निवेशक पिछले साल सितंबर में कॉरपोरेट टैक्स में कटौती के बाद Income Tax Rate के मोर्चे पर रिलीफ मिलने की उम्मीद कर सकते हैं।

By Ankit KumarEdited By: Published: Tue, 28 Jan 2020 05:58 PM (IST)Updated: Fri, 31 Jan 2020 09:34 AM (IST)
Budget 2020: इकोनॉमी को पटरी पर लाने के लिए Income Tax में कमी, खर्च में वृद्धि कर सकती है सरकार
Budget 2020: इकोनॉमी को पटरी पर लाने के लिए Income Tax में कमी, खर्च में वृद्धि कर सकती है सरकार

नई दिल्ली, रायटर्स। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार वित्त वर्ष 2020-21 के बजट में Personal Income Tax के मोर्चे पर कुछ रिलीफ दे सकती है। साथ ही सरकार इन्फ्रास्ट्रक्चर सेक्टर में खर्च बढ़ाए जाने की भी उम्मीद है। सरकार से जुड़े सूत्रों और अर्थशास्त्रियों के अनुसार कंज्यूमर डिमांड और निवेश बढ़ाने के लिए सरकार ये फैसले कर सकती है। भारतीय अर्थव्यवस्था एक दशक के अपने सबसे बुरे दौर का सामना कर रही है। जुलाई-सितंबर तिमाही में आर्थिक वृद्धि GDP Growth घटकर 4.5 फीसद रह गई। इससे करोड़ों युवाओं की नौकरी की संभावनाओं पर असर पड़ा है।

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सरकार ने कॉरपोरेट टैक्स में कटौती की है। दूसरी ओर RBI ने भी रेपो रेट में उल्लेखनीय कटौती की। इसके बावजूद देश में निवेश को जरूरी गति नहीं मिल पायी है। अर्थशास्त्रियों और निवेशकों का कहना है कि आगामी बजट में खपत को प्रोत्साहित करने वाले कदम उठाए जाने के साथ सड़क, रेल और गांवों को बेहतर बनाने वाली योजनाओं में खर्च बढ़ाए जाने से आर्थिक वृद्धि को पटरी पर लाने में मदद मिलेगी। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण एक फरवरी को वित्त वर्ष 2020-21 का केंद्रीय बजट पेश करेंगी। 

सिंगापुर में कैपिटल इकोनॉमिक्स में अर्थशास्त्री शिलान शाह ने कहा कि कमजोर अर्थव्यवस्था एवं सरकार विरोधी प्रदर्शनों की वजह से प्रोत्साहन वाले कदम की संभावनाएं बढ़ गई हैं। उन्होंने एक नोट में कहा है कि इन उपायों से आने वाली तिमाहियों में वृद्धि को थोड़ा बूस्ट मिल जाएगा। 

हाल में अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) ने चालू वित्त वर्ष में भारत की आर्थिक वृद्धि से जुड़े अनुमान को घटाकर 4.8 फीसद कर दिया। इसके साथ ही आगामी वित्त वर्ष के GDP Growth के अनुमान को भी घटाकर 5.8 फीसद कर दिया।  

सरकारी सूत्रों ने रायटर्स को बताया कि वर्तमान परिस्थितियों में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण राजकोषीय घाटे के लक्ष्य को घटाकर तीन फीसद करने के पूर्व के लक्ष्य को कम-से-कम दो साल के लिए टाल सकती हैं।  

विशेषज्ञों का कहना है कि घरेलू निवेशक पिछले साल सितंबर में कॉरपोरेट टैक्स में कटौती के बाद Income Tax Rate के मोर्चे पर रिलीफ मिलने की उम्मीद कर सकते हैं। 


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