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Budget Expectation: गाडि़यों के मूल्य में गिरावट के बराबर मिले टैक्स छूट, डेप्रिशिएशन अवधि बढ़ाई जाए: फाडा

अगर आयकर में डेप्रिशिएशन के बराबर छूट दी जाएगी तो ग्राहक कार खरीदने को प्रेरित होंगे। इससे जीएसटी के रूप में सरकार का भी राजस्व बढ़ेगा। उन्होंने यह भी कहा कि सभी वाहनों के लिए डेप्रिशिएशन रेट की वैधता 31 मार्च 2020 को खत्म हो गई थी

By NiteshEdited By: Published: Thu, 21 Jan 2021 08:07 AM (IST)Updated: Thu, 21 Jan 2021 08:07 AM (IST)
FADA bats for attractive incentive for success of voluntary scrappage policy

नई दिल्ली, पीटीआइ। फेडरेशन ऑफ ऑटोमोबाइल डीलर्स एसोसिएशन (फाडा) ने आगामी बजट में वाहन सेग्मेंट में वैल्यू डेप्रिशिएशन बेनीफिट शुरू करने का आग्रह किया है। एसोसिएशन ने कहा है कि खरीदी गई गाड़ी के दाम में हर वर्ष जो क्षय या डेप्रिशिएशन होता है, वाहन मालिकों को इनकम टैक्स में उस रकम के बराबर छूट मिलनी चाहिए। इसके साथ ही कंपनियों के मामले में डेप्रिशिएशन अवधि बढ़ाई जानी चाहिए।

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वहीं, फाडा ने कहा है कि आगामी बजट में ऑटोमोबाइल डीलरों को सालाना 0.1 फीसद टैक्स कलेक्शन एट सोर्स (टीसीएस) के दायरे से बाहर रखा जाना चाहिए। ऑटो सेक्टर में रिटेल बाजार पर यह बहुत बड़ा बोझ है। फाडा के प्रेसिडेंट विंकेश गुलाटी का कहना था कि देश के विकास में ऑटो सेक्टर का महत्वपूर्ण योगदान है। यह करीब 45 लोगों को रोजगार देता है। 

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अगर आयकर में डेप्रिशिएशन के बराबर छूट दी जाएगी, तो ग्राहक कार खरीदने को प्रेरित होंगे। इससे जीएसटी के रूप में सरकार का भी राजस्व बढ़ेगा। उन्होंने यह भी कहा कि सभी वाहनों के लिए डेप्रिशिएशन रेट की वैधता 31 मार्च, 2020 को खत्म हो गई थी, जिसे बढ़ाया जाना चाहिए। फाडा के मुताबिक सरकार को व्हीकल स्क्रैपेज नीति भी जल्द से जल्द लानी चाहिए।

FADA के अध्यक्ष, विंकेश गुलाटी ने कहा, 'आने वाले 2021 के केंद्रीय बजट को महामारी मंदी से भारतीय अर्थव्यवस्था को पुनर्जीवित करने और खपत की मांग को बढ़ावा देने के उपायों पर केंद्रित होना चाहिए। भारतीय ऑटोमोबाइल उद्योग भारतीय अर्थव्यवस्था का एक बैरोमीटर है, और इसमें सुधार अर्थव्यवस्था को आगे बढ़ाएगा। ऑटो रिटेल उद्योग भारत के विकास पथ के प्रमुख स्तंभों में से एक है, जिसने 45 लाख लोगों को नौकरियों दी हैं। उन्होंने कहा, हम मांग आधारित विकास उन्मुख बजट की आशा करते हैं।


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