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Budget 2019: रियल एस्टेट और खरीदारों को मिले प्रोत्साहन तो अर्थव्‍यवस्‍था में लौटेगी तेजी

केंद्र सरकार अर्थव्‍यवस्‍था को रफ्तार देने के लिए इस सेक्टर के जरिए रोजगार के अवसर पैदा करने की पूरी कोशिश करेगी

By Manish MishraEdited By: Published: Thu, 20 Jun 2019 03:11 PM (IST)Updated: Fri, 21 Jun 2019 10:06 AM (IST)
Budget 2019: रियल एस्टेट और खरीदारों को मिले प्रोत्साहन तो अर्थव्‍यवस्‍था में लौटेगी तेजी
Budget 2019: रियल एस्टेट और खरीदारों को मिले प्रोत्साहन तो अर्थव्‍यवस्‍था में लौटेगी तेजी

नई दिल्‍ली (राकेश यादव)। केंद्र में भाजपा की अगुवाई वाली मोदी सरकार के दोबारा प्रचंड बहुमत से आने के बाद से उद्योग जगत से लेकर आम लोगों की उम्मीदें 5 जुलाई को पेश होने वाले पूर्ण बजट से काफी बढ़ गई है। रियल एस्टेट भी अगामी बजट से कई प्रोत्साहन पाने की उम्मीद कर रहा है। मेरा मानना है कि देश के सकल घरेलू उत्पाद में लगभग 7% और रोजगार में करीब 14% का योगदान देने वाले इस सेक्टर को इस बजट से काफी कुछ मिलने वाला है। केंद्र सरकार अर्थव्‍यवस्‍था को रफ्तार देने के लिए इस सेक्टर के जरिए रोजगार के अवसर पैदा करने की पूरी कोशिश करेगी। इसलिए जरूरी है कि डेवलपर्स और घर खरीदारों को कई तरह की रियायतें दी जाए। अगर सरकार रियल्टी और घर खरीदारों को प्रोत्साहन देती है तो निश्चित तौर पर यह कदम अर्थव्यवस्था की रफ्तार तेज करने वाला होगा। 

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फंड की कमी दूर करने की जरूरत

रियल एस्टेट सेक्टर इस समय फंड की कमी से जूझ रहा है। टॉप 7 शहरों में रियल एस्टेट के कई प्रोजेक्ट्स अटके पड़े हैं। उन्हें पूरा करने के लिए तरलता (लिक्विडिटी) की जरूरत है। सरकार को बजट में इस मुद्दे को हल निकालने के लिए कदम उठाने होंगे। पूंजी की कमी कंपनियों के स्वास्थ्य पर भारी पड़ रही है और वित्तीय क्षति को और बढ़ा रही है। इसके अलावा, जीएसटी में स्टाम्प ड्यूटी को कम करके के लिए भी कदम उठाने होंगे। इससे घर खरीदारों को बड़ी राहत मिलेगी। इससे उनकी बचत होगी तो दूसरी ओर घर की खरीदारी बढ़ेगी। इससे इस सेक्टर को पटरी पर लौटने में मदद मिलेगी।

अफोर्डेबल हाउसिंग के लिए फंड मिले

सरकार ने सभी के लिए 2022 तक आवास देने का लक्ष्य तय किया है। इसके लिए जरूरी है कि किफायती आवास परियोजनाओं (अफोर्डेबल हाउसिंग प्रोजेक्ट) के लिए जमीन खरीदने की इच्छा रखने वाले डेवलपर्स को सरकार कम ब्याज पर फंड और जमीन उपलब्ध कराए। इसके साथ ही नेशनल रेंटल हाउसिंग पॉलिसी को तय किया जाए। इसके अलावा, कारोबार करना आसान बनाने के लिए सभी तरह की अनुमतियां एक ही जगह पर और बेहतर की जाए। इससे प्रोजेक्ट लागत में कमी आएगी और प्रोजेक्ट का काम जल्द पूरा करना आसान हो जाएगा।

घर खरीदारों को अतिरिक्त टैक्स छूट का तोहफा

फरवरी में जब अंतरिम बजट पेश किया गया था तो आम लोगों को काफी फायदा दिया गया था। आयकर स्लैब में कमी, हाउसिंग लोन में बड़ी राहत दी थी। लेकिन वह काफी नहीं था। अगर सरकार आयकर कानून की धारा 80सी के तहत आवास ऋण के मूल की वापसी पर अलग से डेढ़ लाख रुपए तक की कर छूट दे तो इससे घर खरीदारों को बड़ी बचत होगी। इसके साथ ही पहली दफा घर खरीदने वाले को प्रधानमंत्री आवासीय योजना के तहत मिलने वाली छूट की सीमा को बढ़ाने की जरूरत है। इससे रियल एस्टेट क्षेत्र में मांग बढ़ाने में काफी मदद मिलेगी।

निवेशकों को भी मिले रियायत

भारत में रियल एस्टेट में सेक्टर में विदेशी निवेशकों को अधिक से अधिक आकर्षित करने की जरूरत है। एक ऐसा प्लेटफॉर्म तैयार करने की जरूरत है जहां निवेशकों को प्रोत्साहन मिले, जिससे अधिक से अधिक विदेशी निवेशकों को आकर्षित किया जा सके। इसके लिए नियम को सरल बनाने की जरूरत है। इसके लिए रियल एस्टेट को इंफ्रास्ट्रक्चर सेक्टर का दर्जा देने की की जरूरत है। इससे पूरे सेक्टर की हालत को बदल सकती है, क्योंकि इससे कम दरों पर फंड्स प्राप्त करने में मदद मिलेगी और सेक्टर के प्रत्येक हिस्से को लाभ होगा। इससे इस सेक्टर में निवेश भी बढ़ेगा।

(लेखक रियल एस्‍टेट कंपनी अंतरिक्ष इंडिया ग्रुप के सीएमडी हैं)

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