Budget Expectation: इलेक्ट्रिक व्हीकल्स इंडस्ट्री को बजट से है ये उम्मीदें, जानिए
सरकार वह कर्ज योजनाओं को प्राथमिकता देकर उपभोक्ताओं और विशेषकर वाणिज्यिक वर्गों के लिए इसे और अधिक आकर्षक बनाए। ऐसा करने के लिए बैंकों और एनबीएफसी को स्पष्ट निर्देश दिए जाने की जरूरत है ताकि इलेक्ट्रिक वाहनों के खरीदारों को आसान तरीके से फाइनेंस की सुविधा मुहैया कराई जा सके।
नई दिल्ली, बिजनेस डेस्क। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण 1 फ़रवरी को बजट पेश करेंगी। बजट को लेकर कई उद्योग संगठन उम्मीद लगाए बैठे हैं। वैश्विक महामारी के बाद अर्थव्यवस्था को फिर से खड़ा करने की ज़रुरत के बीच लोगों और कारोबारियों के लिए इस बार का बजट खासा महत्व रखता है। अगर बात इलेक्ट्रिक व्हीकल्स (ईवी) की करें तो नीतिगत सपोर्ट बेशक उत्साहवर्धक रहा है, फिर भी इस वक्त उद्योग जगत को स्वदेशी विनिर्माण और आधारभूत ढाँचे के लिए और अधिक सुधारों तथा प्रोत्साहनों की उम्मीद है ताकि ईवी की खपत तेज करने में मदद मिल सके।
सौरव कुमार, फाउंडर और सीईओ, ओइलर मोटर्स का कहना है, वैश्विक महामारी के बाद के दौर में अभी विनिर्माण क्षेत्र को प्रोत्साहन की आवश्यकता है और इसमें मदद के लिए ज्यादा लचीली नीतियां समय की मांग है। उनका कहना है, ईवी के क्षेत्र में जहां फेम-II (हाइब्रिड और इलेक्ट्रिक वाहनों को तेजी से अपनाने और विनिर्माण की योजना का द्वितीय चरण) एक सराहनीय कदम है, तब भी हमें मौजूदा नीतिगत ढांचे में राहत एवं छूट की ज़रुरत है, ताकि इसका लाभ और अधिक कंपनियों को मिल सके। एक स्तर पर पहुंचने और ईवी आपूर्ति श्रृंखला के परिपक्व हो जाने के बाद नियमों को सख्त किया जा सकता है।
इलेक्ट्रिक व्हीकल्स के उद्योग यह उम्मीद लगाए बैठे हैं कि लिथियम आयन बैटरी के आयात पर सीमा शुल्क को घटाने और इलेक्ट्रिक वाहनों को जीएसटी से मुक्त करने से कीमतों में कमी हो सकती है और इलेक्ट्रिक वाहन सस्ते हो सकते हैं। इलेक्ट्रिक वाहनों के उदाहरण में वित्त की समस्या भी एक बड़ी बाधा है।
उनका कहना है कि सरकार वह कर्ज योजनाओं को प्राथमिकता देकर उपभोक्ताओं और विशेषकर वाणिज्यिक वर्गों के लिए इसे और अधिक आकर्षक बनाए। ऐसा करने के लिए बैंकों और एनबीएफसी को स्पष्ट निर्देश दिए जाने की जरूरत है ताकि इलेक्ट्रिक वाहनों के खरीदारों को आसान तरीके से फाइनेंस की सुविधा मुहैया कराई जा सके।
सौरव कुमार ने कहा, इंडस्ट्री की ग्रोथ को सहयोग देने के लिए सरकार को नई और मौजूदा योजनाओं की जमीनी स्थिति की समीक्षा करनी चाहिए। हमें बजट में घोषित होने वाले उपायों के क्रियान्वयन पर बेहतर निगरानी रखने के लिए अधिक सख्ती की जरूरत है। उन्होंने कहा, हम इलेक्ट्रिक क्रांति की ओर अग्रसर हैं और हमारे पास इलेक्ट्रिक वाहनों का ग्लोलब हब बनने की क्षमता है। इसके लिए सरकार को फैब्रिकेशन यूनिट्स को स्थापित किए जाने पर ध्यान दिए जाने की जरूरत है।, बतौर सौरव, हम उम्मीद करते हैं कि सरकार इस परिदृश्यउ में सहयोग करने के लिए ठोस उपायों की घोषणा करेगी और भारत में लिथियम आयन बैटरी के उत्पादन की शुरुआत होगी।