Budget Expectation: रेलवे को इस बजट से है कई उम्मीदें, निवेश के लिए 30,000 करोड़ की मांग
निजी ट्रेनों को 160 किमी प्रति घंटे की अधिकतम गति के हिसाब से डिज़ाइन किया जाएगा जिसका फायदा यह होगा कि यात्रियों के यात्रा के पूरे समय में कमी आएगी। ट्रेन का रनिंग टाइम संबंधित रूट में चलने वाली सबसे तेज ट्रेन की तुलना में या उससे तेज होगा।
नई दिल्ली, बिजनेस डेस्क। 1 फरवरी को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण केन्द्रीय बजट पेश करेंगी। पिछले कुछ बजट में आम बजट के साथ ही रेल बजट भी पेश किया जाता है। पहले रेल बजट अलग से पेश होता था। भारतीय रेलवे को इस बजट से काफी उम्मीदें हैं। रेलवे ने यात्री ट्रेनों के लिए पहली निजी निवेश पहल के हिस्से के रूप में यात्री ट्रेन परिचालनों में सार्वजनिक-निजी भागीदारी (पीपीपी) के लिए आवेदनों के मूल्यांकन की प्रक्रिया पूरी की। कुल आए 120 आवेदनों में से 102 रिक्वेस्ट फॉर प्रपोजल स्टेज के लिए चुना गया। पहले चरण में लार्सन एंड टुब्रो (एलएंडटी), बीएचईएल, और जीएमआर बोली लगाने वाले 102 योग्य ऑपरेटरों में से थे। भारतीय रेलवे ने आधुनिक यात्री ट्रेन परिचालन के लिए लगभग 30,000 करोड़ का निजी निवेश मांगा है।
इंडियन रेलवे कैटरिंग एंड टूरिज्म कॉरपोरेशन (IRCTC) भी RFP स्टेज में भाग लेने के लिए योग्य आवेदकों में से एक है। रेल मंत्रालय ने 151 आधुनिक रेलगाड़ियों या रेक की शुरूआत के माध्यम से 109 मूल-गंतव्य (ओडी) मार्गों पर यात्री ट्रेन सेवाओं के लिए निजी क्षेत्र की भागीदारी के लिए अनुरोध आमंत्रित किया था। 109 ओडी मार्गों को रेलवे नेटवर्क में 12 समूहों में बनाया गया है। इसके लिए रेलवे अधिकारियों ने 7 अक्टूबर, 2020 से आवेदन लेना शुरू कर दिया था। परियोजना के लिए निजी संस्थाओं का चयन दो चरणों वाली प्रतिस्पर्धी बोली प्रक्रिया के माध्यम से किया जाएगा।
प्राइवेट ट्रेन चलाने के लिए भारतीय रेलवे की परियोजना की विशेषताएं
निजी ट्रेनों को 160 किमी प्रति घंटे की अधिकतम गति के हिसाब से डिज़ाइन किया जाएगा, जिसका फायदा यह होगा कि यात्रियों के यात्रा के पूरे समय में कमी आएगी। ट्रेन का रनिंग टाइम संबंधित रूट में चलने वाली सबसे तेज ट्रेन की तुलना में या उससे तेज होगा।
इस प्रोजेक्ट का उद्देश्य कम परिवहन, कम ट्रांजिट टाइम, अधिक यात्री सुरक्षा और यात्री परिवहन क्षेत्र में मांग-आपूर्ति की कमी के साथ मॉडर्न टेक्नोलॉजी रोलिंग स्टॉक की शुरुआत करना है।
निजी संस्था निश्चित ढुलाई शुल्क, वास्तविक खपत के अनुसार ऊर्जा शुल्क और पारदर्शी बोली प्रक्रिया के माध्यम से निर्धारित सकल राजस्व में हिस्सेदारी का भुगतान करेगी।
निजी संस्था इन निजी गाड़ियों की खरीद, वित्तपोषण, संचालन और रखरखाव के लिए जिम्मेदार होगी। परियोजना की रियायत अवधि 35 वर्ष है।
बजट 2020 में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने अगले तीन-चार वर्षों में राष्ट्रीय रेल नेटवर्क पर 150 निजी ट्रेनों की शुरुआत करने की घोषणा की थी। वित्त मंत्री ने यह भी घोषणा की कि कुछ प्रमुख पर्यटन मार्गों पर तेजस एक्सप्रेस-शैली की ट्रेनों की शुरुआत की जाएगी। आईआरसीटीसी की ओर से संचालित तेजस एक्सप्रेस ट्रेनें शताब्दी एक्सप्रेस की तरह वातानुकूलित चेयर कार ट्रेनों का अधिक प्रीमियम एडिशन हैं।