Budget 2019: PSU बैंकों को मिल सकती है 30,000 करोड़ की पूंजी !
सरकारी बैंकों को निजी और व्यावसायिक काम के लिए पर्याप्त पूंजी की आवश्यकता होगी। कर्ज की मांग में तेजी शु्रू हुई है।
नई दिल्ली (पीटीआइ)। वित्त मंत्रालय सरकारी बैंकों के पूंजी आधार का मूल्यांकन कर रहा है। आगामी बजट में वित्त मंत्री पब्लिक सेक्टर के बैंकों के लिए करीब 30,000 करोड़ रुपये के आवंटन की घोषणा कर सकती हैं, ताकि वे नियम के मुताबिक न्यूनतम पूंजी जरूरत को पूरा कर सकें। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण पांच जुलाई को नई सरकार का पहला बजट पेश करेंगी। हाल ही में आई रिपोर्ट के मुताबिक, आर्थिक वृद्धि नरम होकर 2018-19 में 6.8 फीसद पर आ गई है। बजट में वृद्धि को तेज करने की चुनौती है। इसमें बैंकिंग क्षेत्र का महत्वपूर्ण योगदान होगा।
सरकारी बैंकों को निजी और व्यावसायिक काम के लिए पर्याप्त पूंजी की आवश्यकता होगी। कर्ज की मांग में तेजी शु्रू हुई है। इसके अलावा आरबीआई के त्वरित सुधारात्मक कार्रवाई (पीसीए) ढांचे के तहत पांच कमजोर बैंकों को बासेल-3 नियमों के तहत जरूरी पूंजी बनाये रखने की भी जरूरत होगी।
सूत्रों के मुताबिक, इसके अलावा अगर सरकार बैंक ऑफ बड़ौदा की तरह कुछ अन्य बैंकों के एकीकरण पर भी विचार करती है तो उसके लिए भी अतिरिक्त पूंजी की आवश्यकता होगी। बता दें कि बैंक ऑफ बड़ौदा, देना बैंक और विजया बैंक के विलय के कारण अतिरिक्त खर्च की पूर्ति के लिए सरकार ने 5,042 करोड़ रुपये की पूंजी नए बैंक में डाली थी। सरकार ने पिछले वित्त वर्ष में सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों को 1,06,000 करोड़ रुपये की पूंजी उपलब्ध करायी थी। दिसंबर 2018 में इसे 65,000 करोड़ रुपये के पहले के प्रावधान से बढ़ाया गया था।
पूंजी संचार के बाद पांच बैंक - बैंक ऑफ इंडिया, ओरिएंटल बैंक ऑफ कॉमर्स, बैंक ऑफ महाराष्ट्र, इलाहाबाद बैंक और कॉर्पोरेशन बैंक - पीसीए से बाहर आए। BoB के साथ देना बैंक के विलय के बाद यह भी कमजोर बैंक की श्रेणी से बाहर आ गया।
लोकसभा चुनाव और क्रिकेट से संबंधित अपडेट पाने के लिए डाउनलोड करें जागरण एप