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    Economic Survey 2023: आने वाले समय में इन कारणों से और टूट सकता है रुपया, जारी रहेगा उतार-चढ़ाव

    Economic Survey 2023 वित्त वर्ष 2022-23 के आर्थिक सर्वेक्षण में बताया गया है कि दुनिया में मांग कम होने की आशंका के कारण निर्यात कम होगा और इस कारण रुपये पर दबाव बना रह सकता है। (जागरण फाइल फोटो)

    By Abhinav ShalyaEdited By: Abhinav ShalyaUpdated: Tue, 31 Jan 2023 05:48 PM (IST)
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    Rupee Depreciation on account of current account deficit wides

    नई दिल्ली, बिजनेस डेस्क। डॉलर के मुकाबले भारतीय रुपया आने वाले समय में दबाव बना रह सकता है। इस पीछे की बड़ी बजह निर्यात में कमी आना और चालू खाता घाटा लगातार इजाफा होना है। मंगलवार को पेश हुए वित्त वर्ष 2022-23 के आर्थिक सर्वेक्षण (Economic Survey 2022-23) में ये बात निकल कर आई।

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    आर्थिक सर्वेक्षण में कहा गया कि चालू खाता घाटे को जोखिम कई स्रोतों से उपजा है। आरबीआई के ताजा डाटा के मुताबिक, सितंबर तिमाही में चालू खाता घाटा बढ़कर जीडीपी का 4.4 प्रतिशत रह सकता है, जो कि अप्रैल-जून तिमाही में जीडीपी का 2.2 प्रतिशत था।

    चालू खाता घाटा बढ़ने की वजह

    सर्वेक्षण में बताया गया कि कमोडिटी की कीमत रूस- यूक्रेन युद्ध के कारण उच्च स्तर बन हुई है। घरेलू मांग और हाई कमोडिटी की कीमत के कारण आयात बिल लगातार बढ़ रहा है और इससे चालू खाता घाटा पर दबाव देखने को मिल रहा है।

    इसके साथ कहा गया कि वैश्विक मांग में गिरावट आने के कारण निर्यात में कमी आ रही है। इस कारण भी चालू खाता घाटा बढ़ रहा है और रुपये में आगे गिरावट बनी रहने की संभावना है।

    रुपया 41 पैसे गिरा

    डॉलर के मुकाबले रुपये में बढ़ी गिरावट देखने को मिली और रुपया 41 पैसे गिरकर 81.93 के स्तर पर बंद हुआ। रुपये में गिरावट ऐसे समय पर देखी गई है, जब वित्त वर्ष 2022-23 के आर्थिक सर्वेक्षण चालू खाता घाटा बढ़ने के कारण आगे भी रुपये पर दबाव बना रह सकता है। इंटरबैंक फॉरेन एक्सचेंज के मुताबिक, डॉलर के मुकाबले रुपया कमजोरी के साथ 81.61 के स्तर पर खुला था। कारोबारी सत्र के दौरान रुपये 81.58 के उच्चतम स्तर और 82.07 के न्यूनतम स्तर पर गया था, लेकिन बाद में रिकवर करके 81.93 के स्तर पर पहुंच गया।

    (एजेंसी इनपुट के साथ)

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