Year Ender 2023: Go First से लेकर IndiGo तक, भारतीय विमानन उद्योग के लिए ऐसा रहा ये साल
भारत की एविएशन इंडस्ट्री के लिए यह साल रोलर कोस्टर राइड की तरह रहा है। इस साल गो फर्स्ट की खराब आर्थिक स्थिति के चलते एयरलाइन की सर्विस अस्थाई रूप से रुक गई। यह एयरलाइन इंडिगो से पहले शुरू हुई थी। ऐसे में Go First कंपनी की वर्तमान स्थिति को लेकर यह 2023 साल इतिहास में दर्ज रहने वाला है।
बिजनेस डेस्क, नई दिल्ली। भारत की एविएशन इंडस्ट्री के लिए यह साल रोलर कोस्टर राइड की तरह रहा है। इस साल गो फर्स्ट की खराब आर्थिक स्थिति के चलते एयरलाइन की सर्विस अस्थाई रूप से रुक गई। यह एयरलाइन इंडिगो से पहले शुरू हुई थी। ऐसे में इस कंपनी की वर्तमान स्थिति को लेकर यह साल इतिहास में दर्ज रहने वाला है।
इस आर्टिकल में भारत की एविएशन इंडस्ट्री के 7 ऐसे मामलों पर ही जानकारी दे रहे हैं, जो इस साल इंडस्ट्री के लिए यादगार रहेंगे-
गो फर्स्ट की सर्विस बंद
कुछ ही दिनों के भीतर देश में एक दिन में सबसे अधिक घरेलू यातायात दर्ज किया गया। ठीक इसके बाद सबसे ज्यादा चौंकाने वाला यह था कि वाडिया समूह द्वारा समर्थित एयरलाइन ने दिवालिया घोषित कर दिया।
इन दो एयरलाइन ने भी कही सर्विस बंद करने की बात
गो फर्स्ट बंद हो चुका है। हालांकि, ऐसी दो और एयरलाइंस रही हैं, जिन्होंने कोर्ट में सर्विस बंद करने की बात कही थी। ये दो एयरलाइंस अकासा एयर और स्पाइसजेट थे।
स्पाइसजेट से जब अदालत ने किसी एक मामले में पैसे का भुगतान करने का निर्देश दिया तो कंपनी ने यह बात कही। अकासा ने पायलटों के खिलाफ चल रहे केस में यह जवाब दिया था।
भारत में एयरबेस और बोइंग का निवेश
भारतीय विमानन कंपनियों के बड़े ऑर्डरों के बाद एयरबेस या बोइंग की ओर से भारत में फाइनल असेंबली लाइन (एफएएल) के लिए मांग उठ रही थी हालांकि ऐसा न हो सका।
वहीं, बोइंग ने इस साल अमेरिका के बाहर बेंगलुरु में 1600 करोड़ रुपये के निवेश के साथ अपनी सबसे बड़ी सर्विस शुरू की। इतना ही नहीं, बोइंग इंडिया ने भारत से सोर्सिंग बढ़ाने के लिए हर साल के लक्ष्य को 8,000 करोड़ रुपये से बढ़ाकर 10,000 करोड़ रुपये किया है।
इंडिगो 300 पर
जनवरी की शुरुआत में, इंडिगो 300 फ्लीट काउंट पूरा करने वाला भारत का पहला वाहक बन गया। दरअसल, इससे पहले इंडिगो का एक्टिव फ्लीट 300 के नीचे ही रहता था।
Ghodawat group ने E175s को किया शामिल
बेंग्लुरू बेस्ड स्टार एयर ने अपने बेड़े में E175s को शामिल किया। सरकार ने RCS-UDAN जैसी योजनाओं में काफी निवेश तो किया है लेकिन क्षेत्रीय एयरलाइंस को भारत संघर्ष करना पड़ता रहा है। ऐसे में यह एक बड़ी उपलब्धि रही।
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इंडिगो को हुआ तगड़ा मुनाफा
इस साल जनवरी से सितंबर तक इंडिगो को 4,197 करोड़ रुपये का मुनाफा हुआ है। लाभप्रदता सभी के लिए वापिस नहीं लौटी लेकिन यह देश के सबसे बड़े वाहक के लिए एक बड़ा संकेत रहा।
ट्रैफिक रिकवरी रही शानदार
जनवरी से ही, भारतीय विमानन एक बड़े लक्ष्य के लिए तैयार रहा। इस उद्योग ने आखिरकार महामारी पर काबू पा लिया है और कोविड का कोई असर नहीं रह गया। यातायात बहुत तेजी से ठीक हो गया।