टेक्सटाइल मशीनरी के क्षेत्र में आयात निर्भरता घटाएं: पीयूष गोयल
वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिये टेक्सटाइल मशीनरी मैन्यूफैक्चरर्स से बात करते हुए उन्होंने यह बात कही। बातचीत का उद्देश्य मेक इन इंडिया कार्यक्रम के तहत भारत के टेक्सटाइल इंजीनियरिंग इंडस्ट्रीज के विकास के लिए एक इकोसिस्टम विकसित करने के लिए संभावित रणनीति तैयार करना था।
नई दिल्ली, पीटीआइ। केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने विश्वस्तरीय 100 टेक्सटाइल मशीनरी कंपनियां विकसित करने और टेक्सटाइल इंजीनियरिंग इंडस्ट्री और सरकार के ठोस प्रयासों के माध्यम से इस क्षेत्र में आयात निर्भरता कम करने का आह्वान किया है। कपड़ा मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि गोयल ने कपड़ा मशीनरी मैन्यूफैक्चरर्स को कमांड एंड कंट्रोल की मानसिकता छोड़ने को कहा।
वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिये टेक्सटाइल मशीनरी मैन्यूफैक्चरर्स से बात करते हुए उन्होंने यह बात कही। बातचीत का उद्देश्य मेक इन इंडिया कार्यक्रम के तहत भारत के टेक्सटाइल इंजीनियरिंग इंडस्ट्रीज के विकास के लिए एक इकोसिस्टम विकसित करने के लिए संभावित रणनीति तैयार करना था। गोयल ने कहा कि मैन्यूफैक्चरिंग सेक्टर के लिए नेशनल कैपिटल गुड्स पालिसी बनाई गई है, जिसका उद्देश्य कैपिटल गुड्स के उत्पादन को 2014-15 के 31 अरब डालर से बढ़ाकर 2025 तक 101 अरब डालर करना है।
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गोयल ने टेक्सटाइल इंडस्ट्री को गति, कौशल और उत्पादन बढ़ाने पर ध्यान केंद्रित करने और नई साझेदारी विकसित करने को कहा। गोयल ने कहा कि हम आयात के खिलाफ नहीं हैं, लेकिन हमें टेक्सटाइल इंजीनियरिंग इंडस्ट्रीज और सरकार के समन्वित प्रयास से टेक्सटाइल मशीनरी के आयात को कम करना चाहिए। उन्होंने कहा कि गुणवत्ता पर ध्यान देने से बड़े बाजारों तक हमारी पहुंच आसान होगी।
गोयल ने कपड़ा उद्योग को बढ़ावा देने के लिए एटीयूएफ योजना की समीक्षा की
केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने व्यापार में सुगमता, निर्यात और रोजगार को बढ़ावा देकर भारतीय कपड़ा उद्योग को प्रोत्साहन देने के लिए संशोधित प्रौद्योगिकी उन्नयन कोष योजना (एटीयूएफएस) की समीक्षा की। कपड़ा मंत्रालय ने रविवार को यह जानकारी दी। कपड़ा मंत्री गोयल और राज्य मंत्री दर्शना जरदोश ने कपड़ा मंत्रालय द्वारा आयोजित पांचवीं अंतर मंत्रालयी संचालन समिति (आइएमएससी) की बैठक में विभिन्न मंत्रालयों, विभागों, कपड़ा उद्योग संघों और बैंकों के साथ योजना की समीक्षा की।