टाटा और साइरस मिस्त्री विवाद पर समूह कंपनियों ने दिया एक्सचेंज को जबाव
टाटा संस के बर्खास्त किए गए चेयरमैन साइरस मिस्त्री के आरोपों के बाद समूह ने दावा किया है कि उसके वित्तीय विवरणों में सचाई दिखाई जाती है
नई दिल्ली (जागरण ब्यूरो): टाटा संस के बर्खास्त किए गए चेयरमैन साइरस मिस्त्री के आरोपों के बाद समूह ने दावा किया है कि उसके वित्तीय विवरणों में सचाई दिखाई जाती है। टाटा समूह की सभी लिस्टेड कंपनियों ने इस मामले में स्पष्टीकरण पेश किया है। मिस्त्री के आरोपों को देखते हुए दोनों स्टॉक एक्सचेंजों- बीएसई और एनएसई ने समूह की कंपनियों से जवाब मांगा था। साइरस ने कहा था कि टाटा स्टील और टाटा मोटर्स समेत समूह की पांच कंपनियों को 18 अरब डॉलर की भारी-भरकम राशि बट्टेखाते में डालनी पड़ सकती है।
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टाटा पावर, इंडियन होटल्स कंपनी लिमिटेड (आइएचसीएल) और टाटा टेलीसर्विसेज समेत समूह की कंपनियों ने बुधवार को बीएसई और एनएसई को सफाई भेजी है। स्पष्टीकरणों में कहा गया है कि उनकी ओर से अपने वित्तीय विवरणों और बैलेंसशीट में सही जानकारी दी जाती है। तमाम छानबीन और ऑडिट के बाद ही इन्हें सार्वजनिक किया जाता है। मिस्त्री ने आइएचसीएल पर भी आरोप लगाया था कि समूह की इस कंपनी ने अपनी कई संपत्तियां और ओरिएंट होटल्स में हिस्सेदारी भारी घाटे पर बेची है। जापान की एनटीटी डोकोमो के साथ विवाद को देखते हुए टाटा टेलीसर्विसेज (महाराष्ट्र) ने अपनी सफाई में कहा है कि वह इस मामले में पार्टी नहीं है। यह विवाद पूरी तरह से टाटा संस, उसकी प्रमोटर टाटा टेली और जापानी कंपनी के बीच है।
विवाद पर सरकार की नजर:
मेघवालटाटा और मिस्त्री के बीच जारी विवाद पर सरकार करीबी से नजर रखे हुए है, क्योंकि देश के इस सबसे बड़े कॉरपोरेट समूह की गतिविधियों का अर्थव्यवस्था पर भी असर पड़ सकता है। फिलहाल इसको लेकर चिंता की कोई बात नहीं है। वित्त राय मंत्री अजरुन राम मेघवाल ने बुधवार को यह बात कही। वह कॉरपोरेट मामलों के भी प्रभारी हैं। हालांकि उन्होंने स्पष्ट किया कि इस विवाद से सरकार का कोई लेना-देना नहीं है।