BoB, विजया और देना बैंक के विलय के खिलाफ याचिका को सुनने से सुप्रीम कोर्ट का इनकार
तीनों बैंकों में सबसे कमजोर हालत देना बैंक की है जिसका एनपीए अनुपात 11.04 फीसद है और कुल कारोबार 1.72 लाख करोड़ रुपये का है।
नई दिल्ली (बिजनेस डेस्क)। सुप्रीम कोर्ट ने बैंक ऑफ बड़ौदा, विजया बैंक और देना बैंक के विलय पर रोक लगाने की मांग को लेकर दायर की गई याचिका की सुनवाई किए जाने इनकार कर दिया है।
बैंक ऑफिसर्स एसोसिएशन (बीओए) ने तीनों बैंकों के विलय पर रोक लगाए जाने की मांग को लेकर सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी।
सरकार ने पिछले साल सार्वजनिक क्षेत्र के तीनों सरकारी बैंकों के विलय की घोषणा की थी। इस विलय के बाद बनने वाला प्रस्तावित बैंक, एसबीआई और आईसीआईसीआई के बाद तीसरा बड़ा बैंक होगा।
विलय की प्रक्रिया को अंतिम रूप देते हुए विजया बैंक, देना बैंक और बैंक ऑफ बड़ौदा के बीच होने वाले विलय से पहले शेयरों की अदला-बदली से जुड़े समझौते को भी अंतिम रूप दिया जा चुका है। समझौते के तहत विजया बैंक के शेयरधारक को प्रति 1000 शेयर के बदले बैंक ऑफ बड़ौदा का 402 शेयर मिलेगा। वहीं देना बैंक के मामले में शेयरधारकों को प्रति 1000 शेयर के बदले बैंक ऑफ बड़ौदा के 110 शेयर मिलेंगे।
तीनों बैंकों में सबसे कमजोर हालत देना बैंक की है, जिसका एनपीए अनुपात 11.04 फीसद है और कुल कारोबार 1.72 लाख करोड़ रुपये का है। जबकि बैंक ऑफ बड़ौदा का एनपीए अनुपात 5.4 फीसद है और कुल कारोबार 10.2 लाख करोड़ रुपये का है। वहीं विजया बैंक का एनपीए अनुपात 4.10 है जबकि कुल कारोबार 2 लाख करोड़ रुपये का है।
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