Share Market में ट्रेडिंग करना होगा महंगा, एक अप्रैल से होने जा रहा है ये बड़ा बदलाव
Security Transaction Tax (STT) फाइनेंस बिल 2023 में फ्यूचर्स और ऑप्शन (एफएंडओ) बेचने पर लगने वाले एसटीटी को बढ़ाकर 0.062 प्रतिशत कर दिया गया है। अब ट्रेडर्स को पहले के मुकाबले अधिक टैक्स चुकाना होगा। (जागरण फाइल फोटो)
नई दिल्ली, बिजनेस डेस्क। शेयर बाजार में अब ट्रेडरों के लिए फ्यूचर्स और ऑप्शन में ट्रेडिंग करना महंगा होने वाला है। ऐसा इसलिए, क्योंकि सरकार ने फाइनेंस बिल 2023 (Finance Bill 2023) में फ्यूचर्स और ऑप्शन की बिक्री पर लगने वाले सिक्योरिटी ट्रांजैक्शन टैक्स (Security Transaction Tax - STT) को बढ़ा दिया है। इसके बाद ट्रेडर्स के लिए शेयर बाजार में फ्यूचर्स और ऑप्शन बेचना महंगा हो जाएगा।
कितना बढ़ गया STT?
फाइनेंस बिल 2023 में सिक्योरिटी ट्रांजैक्शन टैक्स 0.05 प्रतिशत से बढ़ाकर 0.062 प्रतिशत कर दिया गया है। इस तरह एसटीटी में 25 प्रतिशत की बढ़ोतरी की गई है। इसका मतलब यह है कि 100 रुपये पर 5 पैसे लगने वाला एसटीटी पर 6.2 पैसे लगेगा। उदाहरण के लिए अगर किसी ट्रेडर का फ्यूचर्स और ऑप्शन का टर्नओवर एक करोड़ रुपये है, तो उसे 5,000 रुपये की जहग 6,250 रुपये एसटीटी चुकानी होगी।
कब से होगा लागू?
फाइनेंस बिल 2023 बुधवार को लोकसभा में पेश किया गया था। इस बिल के तहत होने वाले बदलाव एक अप्रैल से लागू हो जाएगे। यानी आने वाले महीने से ट्रेडर्स को 0.05 प्रतिशत की जगह 0.625 प्रतिशत एसटीटी चुकानी होगी।
क्या होगा असर?
एसटीटी के बढ़ने से शेयर बाजार में एफएंडओ सेगमेंट में ट्रेंडिग करने वाले ट्रेडर्स के लिए लागत बढ़ जाएगी और उन्हें पहले के मुकाबले अधिक चार्ज का भुगतान करना होगा। जानकारों को कहना है कि इस कदम से शेयर बाजार में होने वाले वॉल्यूम पर असर हो सकता है।
एफएंडओ में ऑटो सेटलमेंट हुआ खत्म
बता दें, हाल ही में नेशनल स्टॉक एक्सचेंज की ओर से एक फैसला लिया गया था। इसमें कहा गया है कि स्टॉक ऑप्शन में होने वाला ऑटो सेटलमेंट एक अप्रैल से समाप्त हो जाएगा। इस असर यह होगा कि अगर किसी ट्रेडर की ओर से ली गई किसी ऑप्शन की कॉल एक्सपायरी होने पर In the Money हो जाती है, तो सेटलमेंट केवल शेयरों में ही किया जाएगा।