सेबी अध्यादेश तीसरी बार ला सकती है केंद्र सरकार
मुंबई। पूंजी बाजार नियामक सेबी को ज्यादा अधिकार देने वाले विधेयक पर संसदीय समिति विचार कर रही है। अगर समिति मौजूदा सत्र में अपनी सिफारिशें नहीं सौंपेगी तो सरकार तीसरी बार अध्यादेश लाएगी। देश के सबसे बड़े शेयर बाजार नेशनल स्टॉक एक्सचेंज [एनएसई] की 20वीं वर्षगांठ पर हुए समारोह में वित्त मंत्री पी चिदंबरम ने यह बात कही। संसद का मौजूदा श
मुंबई। पूंजी बाजार नियामक सेबी को ज्यादा अधिकार देने वाले विधेयक पर संसदीय समिति विचार कर रही है। अगर समिति मौजूदा सत्र में अपनी सिफारिशें नहीं सौंपेगी तो सरकार तीसरी बार अध्यादेश लाएगी। देश के सबसे बड़े शेयर बाजार नेशनल स्टॉक एक्सचेंज [एनएसई] की 20वीं वर्षगांठ पर हुए समारोह में वित्त मंत्री पी चिदंबरम ने यह बात कही। संसद का मौजूदा शीतकालीन सत्र 20 दिसंबर को समाप्त होगा। समारोह में चिदंबरम ने पूंजी बाजार में ईमानदारी के ऊंचे मानकों की जरूरत पर खासा जोर दिया।
वित्त मंत्री ने कहा कि वित्तीय बाजार के आधारभूत संस्थानों के मालिक व प्रबंधक ईमानदारी के ऊंचे मानक स्थापित करें। उन्होंने यह अपील नेशनल स्पॉट एक्सचेंज [एनएसईएल] में 5,600 करोड़ रुपये के घोटाले के बाद की है। चिदंबरम के मुताबिक, नैतिकता की कमी के कारण पूरा वित्तीय तंत्र मुश्किल में पड़ता है। इसकी वजह से भी भारतीय पूंजी बाजार छोटे निवेशकों की कम भागीदारी की समस्या से जूझ रहा है। इस स्थिति में जल्द से जल्द बदलाव करना होगा। पिछली घटनाओं से सबक मिला है। भविष्य में ऐसी स्थितियां नहीं बननी चाहिए।
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उन्होंने वित्तीय क्षेत्र विधायी सुधार परिषद [एफएसएलआरसी] की सिफारिशों के मसले का भी जिक्र किया। चिदंबरम ने कहा कि समिति के सुझावों पर आधारित कानून पारित होने में समय लगेगा। सरकार ने फिलहाल इनमें से ऐसे उपाय लागू करने का फैसला लिया है, जिनके लिए कानून पारित करने की जरूरत नहीं है।
रुपये के एनडीएफ ट्रेड पर जताई चिंता :
मुंबई। चिदंबरम ने विदेश में रुपये के नॉन डिलीवरी फॉर्वर्ड [एनडीएफ] ट्रेड में तेज बढ़ोतरी को बड़ी चिंता का सबब बताया है। यह कारोबार घरेलू मुद्रा की कीमत पर बुरा असर डाल सकता है। एनडीएफ विदेशी मुद्रा वायदा कारोबार के डेरिवेटिव सौदे होते हैं। इनमें ओवर द काउंटर ट्रेड होता है। इन्हें आसानी से रुपये में बदला जा सकता है।
वित्त मंत्री ने कहा कि रिजर्व बैंक एनडीएफ बाजार पर लगातार नजर रखे हुए है। रुपये का घरेलू कारोबार घट रहा है, जबकि विदेशी धरती पर एनडीएफ बाजार में रुपये के सौदे बढ़ रहे हैं। ऐसे में घरेलू बाजार में कारोबार बढ़ाने की जरूरत है, लेकिन यह काम बाजार के भागीदारों को ही करनी पड़ेगा।