फेडरल रिजर्व के संकेतों और कच्चे तेल की कीमतों में गिरावट से तीन हफ्तों की ऊंचाई पर रुपया
रॉयटर्स पोल के मुताबिक इस महीने ब्याज दरों में इजाफे की उम्मीद है। मंदी की आशंका को देखते हुए फेड ब्याज दरों को लेकर नरम नीति का रुख कर सकता है।
नई दिल्ली (बिजनेस डेस्क)। कच्चे तेल की कीमतों में आई गिरावट और फेडरल रिजर्व की तरफ से ब्याज दरों में नरमी के संकेत दिए जाने के बाद डॉलर के मुकाबले रुपये में मजबूती आई है और यह तीन हफ्तों की ऊंचाई पर पहुंचने में सफल रहा है। बाजार को उम्मीद है कि 2019 में फेडरल रिजर्व की तरफ से ब्याज दरों में मामूली बढ़ोतरी की जाएगी।
मंगलवार को 70.84 के स्तर को छूने के बाद रुपया 70.89 के स्तर पर रहा, जो सात दिसंबर के बाद की सबसे मजबूत स्थिति है। सोमवार को रुपया 71.55 के स्तर पर बंद हुआ था।
गौरतलब है कि कच्चे तेल की कीमत के 76 डॉलर प्रति बैरल के स्तर पर पहुंचने के बाद रुपया 74 के स्तर को पार कर गया था।
न्यूज एजेंसी रॉयटर्स ने सरकारी बैंक के अधिकारी के हवाले से बताया है, ‘फेडरल रिजर्व की तरफ से ब्याज दरों में कुछ ही बार इजाफा किए जाने की संभावना के बाद डॉलर की मांग में कोई इजाफा नहीं हुआ।’ उन्होंने कहा कि अधिकांश तौर पर बैंकों ने ही डॉलर की बिक्री की।
दो दिनों की मैराथन बैठक के बाद फेडरल रिजर्व बुधवार को फैसले की घोषणा करेगा। रॉयटर्स पोल के मुताबिक इस महीने ब्याज दरों में इजाफे की उम्मीद है। इसके साथ ही 2019 में दो बार ब्याज दरों में इजाफा हो सकता है। मंदी की आशंका को देखते हुए फेड ब्याज दरों को लेकर नरम नीति का रुख कर सकता है।
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