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Rupee vs Dollar: डॉलर के मुकाबले रुपया गिरने से आपकी जेब पर क्या होता है असर? फायदे का सौदा या फिर नुकसान

Rupee vs Dollar रुपये की कीमत में गिरावट का सीधा असर आम आदमी की जेब पर पड़ता है। इससे विदेश यात्रा आयात ईंधन और विदेशों में पढ़ाई की लागत बढ़ जाती है। इसके कारण देश में महंगाई बढ़ सकती है।

By Abhinav ShalyaEdited By: Published: Thu, 15 Sep 2022 03:42 PM (IST)Updated: Thu, 15 Sep 2022 04:08 PM (IST)
Rupee vs Dollar: डॉलर के मुकाबले रुपया गिरने से आपकी जेब पर क्या होता है असर? फायदे का सौदा या फिर नुकसान
Rupee impact on devaluation on common man and effect

नई दिल्ली, एजेंसी। डॉलर के मुकाबले रुपये की कीमत में पिछले कई महीने से उतार-चढ़ाव जारी है। इस कारण रुपया, डॉलर के मुकाबले 80 के आस-पास आ गया है। इससे पता चलता है कि रुपया, डॉलर के मुकबले काफी कमजोर स्तर पर है।

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सवाल है कि आखिरकार रुपये में यह कमजोरी होती क्यों है और इसका महत्व क्या है? आखिर डॉलर के मुकाबले रुपये के मजबूत होने या कमजोर पड़ने आम आदमी पर क्या असर पड़ता है। आइए जानते हैं...

क्यों आती है रुपये में कमजोरी

रुपये में कमजोरी कई वजह से होती है। इसका सबसे आम कारण है डॉलर की डिमांड बढ़ जाना। अंतरराष्ट्रीय बाजार में होने वाली किसी भी उथल-पुथल से निवेशक घबराकर डॉलर खरीदने लगते हैं। ऐसे में डॉलर की मांग बढ़ जाती है और बाकी मुद्राओं में गिरावट शुरू हो जाती है। रुपया भी ऐसी ही प्रवृत्तियों का शिकार हो रहा है। कभी-कभी घरेलू परिस्थितियां भी ऐसी बन जाती हैं कि रुपया गिरने लगता है। शेयर बाजार की उथल-पुथल का भी रुपये की कीमत पर असर होता है।

अब समझने की कोशिश करते हैं कि रुपये की कमजोरी से आम आदमी पर क्या असर होता है...

ईंधन की कीमत में बढ़ोतरी

रुपये की कीमत गिरने का सबसे बड़ा प्रभाव पेट्रोल-डीजल की कीमत पर पड़ता है, क्योंकि भारत अपनी जरूरत का 80 फीसदी से अधिक कच्चा तेल विदेशों से आयात करता है। ऐसे में डॉलर की कीमत बढ़ने से भारत का कच्चा तेल अपने आप महंगा हो जाएगा और सरकार को पेट्रोल-डीजल की कीमत में वृद्धि करनी पड़ सकती है।

ईंधन की कीमत बढ़ने से देश में सामानों की ढुलाई की लागत में बढ़ोतरी हो जाती है। इससे सीधे तौर पर चीजों की कीमत में इजाफा होता है और आम आदमी की जेब पर प्रभाव पड़ता है।

महंगा आयात 

रुपये के कमजोर होने के कारण विदेशों से होने वाले आयात जैसे कच्चे तेल और अन्य जरूरी उत्पादों की कीमत में वृद्धि हो जाती है, जिस कारण कंपनियों को मजबूरी में कीमत में बढ़ोतरी करनी पड़ती है। इस वजह से उपभोक्ता को भी पहले के मुकाबले अधिक दाम चुकाने पड़ते हैं।

ब्याज दरों में इजाफा

जब भी रुपये की कीमत में गिरावट होती है तो महंगाई में बढ़ोतरी देखने को मिलती है। ऐसे में आरबीआई को महंगाई को काबू करने के लिए ब्याज दरों में इजाफा करना पड़ता है, जैसा कि हमने पिछले दिनों देखा था। आरबीआई ने पिछले चार महीनों में महंगाई पर काबू पाने के लिए ब्याज दरों में 1.4 फीसदी का इजाफा किया है। इसके कारण लोन लेने वाले ग्राहकों की ईएमआई में इजाफा हो गया है और उन्हें अधिक रकम का भुगतान करना पड़ा रहा है।

विदेशों में पढ़ाई

रुपये की कीमत घटने से विदेशों में पढ़ाई करने वाले छात्रों के लिए पढ़ाई महंगी हो जाती है। इससे छात्रों को पहले के मुकाबले अधिक पैसे चुकाने पड़ते हैं।

विदेश यात्रा

विदेश यात्रा करने या विदेश घूमने का सपना देखने वाले लोगों के लिए रुपये की कीमत में गिरावट आना बड़ा झटका है। इससे विदेशों के टूर पैकेज, रहना- खाना और घूमना सभी महंगा हो जाता है।

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