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प्रमुख ब्‍याज दरों में इस समय क्‍यों छेड़छाड़ नहीं करेगा RBI? एक्‍सपर्ट ने बताई वजह

देश में कोविड-19 संक्रमण के बढ़ते मामलों के बीच अर्थशास्त्रियों का मानना है कि भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) मौद्रिक नीति के मामले में रुख में बदलाव लाने में देरी कर सकता है। आरबीआई फरवरी में द्विमासिक मौद्रिक नीति समीक्षा पेश करेगा।

By Ashish DeepEdited By: Published: Thu, 06 Jan 2022 02:00 PM (IST)Updated: Thu, 06 Jan 2022 02:00 PM (IST)
फरवरी में नीतिगत दर में वृद्धि की संभावना सीमित है।

नई दिल्‍ली, पीटीआइ। देश में कोविड-19 संक्रमण के बढ़ते मामलों के बीच अर्थशास्त्रियों का मानना है कि भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) मौद्रिक नीति के मामले में रुख में बदलाव लाने में देरी कर सकता है। आरबीआई फरवरी में द्विमासिक मौद्रिक नीति समीक्षा पेश करेगा। संक्रमण के बढ़ते मामलों के साथ कई राज्यों ने इसकी रोकथाम के लिये पाबंदियां बढ़ाई हैं। इससे पुनरुद्धार पर प्रतिकूल असर पड़ सकता है।

HDFC बैंक के मुख्य अर्थशास्त्री अभीक बरुआ के अनुसार उन्हें नहीं लगता कि आरबीआई की मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) मौद्रिक नीति को सामान्य स्तर पर लाने के लिये हाल-फिलहाल कोई कदम उठाने जा रही है। कम-से-कम फरवरी में होने वाली अगली मौद्रिक नीति समीक्षा में तो इसकी उम्मीद नहीं है।

उन्होंने यह भी कहा कि ओमिक्रोन के बढ़ते मामलों को देखते हुए मार्च तिमाही की GDP (सकल घरेलू उत्पाद) वृद्धि दर पर 0.30 प्रतिशत का प्रतिकूल असर पड़ सकता है। बरुआ ने कहा कि संक्रमण के बढ़ते मामलों और इसकी रोकथाम के लिये लगायी जाने वाली पाबंदियों का वृद्धि पर असर पड़ेगा। इसको देखते हुए फरवरी में नीतिगत दर में वृद्धि की संभावना सीमित है।

यूबीएस सिक्योरिटीज की मुख्य अर्थशास्त्री तन्वी गुप्ता जैन ने भी कहा कि भारत भी उम्मीद करता है कि केंद्रीय बैंक कुछ और समय ‘देखो और इंतजार करो’ का रुख अपनाये। उन्होंने कहा कि अगर नए ओमीक्रोन स्वरूप को लेकर जोखिम बना रहता है, तो अल्प अवधि में इससे जुड़ी अनिश्चितता को देखते हुए हमें लगता है कि एमपीसी फरवरी की नीतिगत बैठक में ‘देखो और इंतजार करो’ का रुख अपना सकती है। इससे वह अप्रैल में मौद्रिक नीति समीक्षा बैठक में नीति को सामान्य स्तर पर लाने में देरी कर सकती है।

इक्रा रेटिंग्स की मुख्य अर्थशास्त्री अदिति नायर ने कहा कि कमजोर बढ़ोतरी के बढ़ते जोखिम को देखते हुए रिजर्व बैंक कुछ और समय तक मौजूदा रुख को बरकरार रखेगा। कोविड-19 के बढ़ते मामलों और उसपर अंकुश लगाने के लिये विभिन्न राज्यों में लगायी जा रही पाबंदियों से अनिश्चतता बढ़ी है। ऐसे में यह संभावना कम है कि आरबीआई अगले महीने मौद्रिक नीति रुख में कोई बदलाव करेगा...।’’


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